चंपावत: उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी समिति ने राज्य की लचर स्वास्थ्य सेवा, कर्मचारियों की लापरवाही और मरीजों की अनदेखी पर गहरा रोष प्रकट किया. साथ इस दौरान आंदोलनकारियों ने बीते दिनों पौड़ी गढ़वाल और किच्छा में प्रसव के दौरान महिलाओं की मौत पर गहरा शोक भी व्यक्त किया है.
बीते दिन पौड़ी गढ़वाल के सीएचसी रिखणीखाल में स्वाति ध्यानी और उधमसिंह नगर के किच्छा में पार्वती देवी के निधन हो गया. ऐसे में प्रदर्शनकारियों ने स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्थाओं को लेकर आक्रोश जताया है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर होती तो दोनों महिलाओं को जान नहीं गंवानी पड़ती.
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उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों ने कहा कि उत्तराखंड राज्य की स्थापना स्वास्थ्य, शिक्षा, पलायन और रोजगार के आधार हुआ था, लेकिन अब तक हर सरकार इन मुद्दों फेल रही है. उन्होंने कहा कि सरकार को एनएचएम से 7 हजार करोड़ और सीएम राहत कोष में जमा 173 करोड़ रुपया उत्तराखंड के हर अस्पताल में बुनियादी सेवाओं को बेहतर बनाने में लगाना चाहिए.