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क्वारंटाइन सेंटर में जगह न मिलने से प्रवासी को खुले आसमान के नीचे बितानी पड़ी रात

नीरज टम्टा दिल्ली से वापस अपने गांव लौटा था. जिसके बाद उसे 14 दिन के लिए संस्थागत क्वारंटाइन होना था. राजकीय इंटर कॉलेज बर्दाखान के क्वारंटाइन सेंटर में नीरज को यह कहकर लौटा दिया गया की यहां इसी गांव के प्रवासियों को रखा जाएगा.

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प्रवासी को जंगल में गुजारनी पड़ी रात.
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Published : Jun 2, 2020, 7:03 PM IST

Updated : Jun 2, 2020, 7:52 PM IST

चंपावत: जिले में अन्य प्रांतों से लौट रहे प्रवासियों को क्वारंटाइन सेंटरों में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सोमवार को एक व्यक्ति को दिल्ली से लौटने के बाद 14 दिन के लिए संस्थागत क्वारंटाइन होना था. लेकिन जगह न होने से उसे सेंटर से लौटा दिया गया. जिसके बाद नीरज को रात खुले आसमान के नीचे बितानी पड़ी.

क्वारंटाइन सेंटर में जगह न मिलने से प्रवासी को खुले आसमान के नीचे बितानी पड़ी रात.

बता दें कि ग्राम पम्दा के डूंगरलेख तोक निवासी नीरज टम्टा दिल्ली से वापस अपने गांव लौटा था. जिसके बाद उसे 14 दिन के लिए संस्थागत क्वारंटाइन होना था. राजकीय इंटर कॉलेज बर्दाखान के क्वारंटाइन सेंटर में नीरज को यह कहकर लौटा दिया गया की यहां इसी गांव के प्रवासियों को रखा जाएगा.

साथ ही उसे अपनी ग्राम सभा के विद्यालय में जाने को कहा गया. नीरज को रात 10:30 बजे राजकीय इंटर कॉलेज बर्दाखान से राजकीय प्राथमिक विद्यालय काकड़ पम्दा जाना पड़ा. जहां पर दो कमरों में पहले से ही 19 प्रवासियों को क्वारंटाइन किया गया था.

यह भी पढ़ें: बागेश्वर: पांच और लोग मिले कोरोना पॉजिटिव, जिले में 21 पहुंचा आंकड़ा

वहीं दूसरा क्वारंटाइन सेंटर लगभग 8 किलोमीटर दूर विवेकानंद विद्या मंदिर पम्दा बाराकोट में था. जिसके चलते नीरज को किसी भी क्वारंटाइन सेंटर में जगह न मिलने के कारण उसे जंगल में ही रात बितानी पड़ी. वहीं उपजिलाधिकारी आर सी गौतम ने मामले का संज्ञान लेते हुए कहा कि नीरज को बर्दाखान क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया.

चंपावत: जिले में अन्य प्रांतों से लौट रहे प्रवासियों को क्वारंटाइन सेंटरों में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सोमवार को एक व्यक्ति को दिल्ली से लौटने के बाद 14 दिन के लिए संस्थागत क्वारंटाइन होना था. लेकिन जगह न होने से उसे सेंटर से लौटा दिया गया. जिसके बाद नीरज को रात खुले आसमान के नीचे बितानी पड़ी.

क्वारंटाइन सेंटर में जगह न मिलने से प्रवासी को खुले आसमान के नीचे बितानी पड़ी रात.

बता दें कि ग्राम पम्दा के डूंगरलेख तोक निवासी नीरज टम्टा दिल्ली से वापस अपने गांव लौटा था. जिसके बाद उसे 14 दिन के लिए संस्थागत क्वारंटाइन होना था. राजकीय इंटर कॉलेज बर्दाखान के क्वारंटाइन सेंटर में नीरज को यह कहकर लौटा दिया गया की यहां इसी गांव के प्रवासियों को रखा जाएगा.

साथ ही उसे अपनी ग्राम सभा के विद्यालय में जाने को कहा गया. नीरज को रात 10:30 बजे राजकीय इंटर कॉलेज बर्दाखान से राजकीय प्राथमिक विद्यालय काकड़ पम्दा जाना पड़ा. जहां पर दो कमरों में पहले से ही 19 प्रवासियों को क्वारंटाइन किया गया था.

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वहीं दूसरा क्वारंटाइन सेंटर लगभग 8 किलोमीटर दूर विवेकानंद विद्या मंदिर पम्दा बाराकोट में था. जिसके चलते नीरज को किसी भी क्वारंटाइन सेंटर में जगह न मिलने के कारण उसे जंगल में ही रात बितानी पड़ी. वहीं उपजिलाधिकारी आर सी गौतम ने मामले का संज्ञान लेते हुए कहा कि नीरज को बर्दाखान क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया.

Last Updated : Jun 2, 2020, 7:52 PM IST
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