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चंपावत की पूर्णागिरि तहसील में मॉनसून को लेकर बैठक - टनकपुर पूर्णागिरि तहसील में एसडीएम ने मॉनसून को लेकर

चंपावत की पूर्णागिरि तहसील में मॉनसून को लेकर बैठक की गई. बैठक कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई.

पूर्णागिरि तहसील में मॉनसून को लेकर बैठक
पूर्णागिरि तहसील में मॉनसून को लेकर बैठक
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Published : May 29, 2021, 5:56 PM IST

चंपावत: टनकपुर पूर्णागिरि तहसील में एसडीएम ने मॉनसून को लेकर क्षेत्र में आने वाली बाढ़ और जलभराव की समस्या से निदान के लिए ग्राम प्रधानों, सिंचाई विभाग और राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ की मीटिंग.

तहसील सभागार में एसडीएम ने टनकपुर के ककराली गेट से लेकर जगबूढ़ा तक पड़ने वाले 16 गांवों में जलभराव की समस्या को लेकर ग्राम प्रधानों, सिंचाई विभाग तथा राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ एक मीटिंग की. उन्होंने उन जगहों को चिह्नित करने के निर्देश दिए, जहां बारिश के मौसम में सबसे ज्यादा बाढ़ आती है या जलभराव की स्थिति उत्पन्न होती है.

वहीं एसडीएम हिमांशु कफल्टिया ने मीडिया को बताया कि अभी बरसात के सीजन में एक से डेढ़ माह का समय है. इसलिए प्रशासन द्वारा बरसात के मौसम में जिन गांव या क्षेत्रों में सबसे ज्यादा बाढ़ और जलभराव की स्थिति होती है वहां की व्यवस्था की जा रही है.

पढ़ें: देश प्रेम की ज्योति जगा देगा लेफ्टिनेंट नितिका का ये इंटरव्यू, आप भी सुनिए

ऐसे स्थानों को चिह्नित कर कम से कम नुकसान हो इसकी तैयारियां की जा रही हैं. साथ ही उन्होंने मीटिंग में ग्राम प्रधानों से उनकी राय ली है. वहीं, बैठक में मौजूद सिंचाई विभाग और राजस्व विभाग के अधिकारियों द्वारा आज की मीटिंग को लेकर एक रिपोर्ट बनाई जाएगी जो जिलाधिकारी चंपावत को भेजी जाएगी.

चंपावत: टनकपुर पूर्णागिरि तहसील में एसडीएम ने मॉनसून को लेकर क्षेत्र में आने वाली बाढ़ और जलभराव की समस्या से निदान के लिए ग्राम प्रधानों, सिंचाई विभाग और राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ की मीटिंग.

तहसील सभागार में एसडीएम ने टनकपुर के ककराली गेट से लेकर जगबूढ़ा तक पड़ने वाले 16 गांवों में जलभराव की समस्या को लेकर ग्राम प्रधानों, सिंचाई विभाग तथा राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ एक मीटिंग की. उन्होंने उन जगहों को चिह्नित करने के निर्देश दिए, जहां बारिश के मौसम में सबसे ज्यादा बाढ़ आती है या जलभराव की स्थिति उत्पन्न होती है.

वहीं एसडीएम हिमांशु कफल्टिया ने मीडिया को बताया कि अभी बरसात के सीजन में एक से डेढ़ माह का समय है. इसलिए प्रशासन द्वारा बरसात के मौसम में जिन गांव या क्षेत्रों में सबसे ज्यादा बाढ़ और जलभराव की स्थिति होती है वहां की व्यवस्था की जा रही है.

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ऐसे स्थानों को चिह्नित कर कम से कम नुकसान हो इसकी तैयारियां की जा रही हैं. साथ ही उन्होंने मीटिंग में ग्राम प्रधानों से उनकी राय ली है. वहीं, बैठक में मौजूद सिंचाई विभाग और राजस्व विभाग के अधिकारियों द्वारा आज की मीटिंग को लेकर एक रिपोर्ट बनाई जाएगी जो जिलाधिकारी चंपावत को भेजी जाएगी.

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