चंपावत: जिले की 73 वन पंचायतों में कश्मीरी अखरोट के साथ-साथ अन्य फलों का उत्पादन भी किया जाएगा. ये जानकारी डीएफओ मयंक शेखर झा ने जायका की बैठक में दी. उन्होंने कहा कि इसके लिए 73 वन पंचायतों का चयन भी कर लिया गया है. फलदार पौधों के रोपण से ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकेगा. साथ ही साथ उन्हें खेती के नए तरीकों के बारे में भी जानकारी मिलेगी.
शुक्रवार को जिला कार्यालय सभागार में डीएम विनीत तोमर द्वारा जायका और वनाग्नि सुरक्षा की जिला स्तरीय बैठक की समीक्षा की गई. इस दौरान डीएफओ ने जायका परियोजना के उद्देश्यों की जानकारी भी दी. उन्होंने बताया कि परियोजना का उद्देश्य पारिस्थितिक की संतुलित रूप से स्थापना, आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की आजीविका में सुधार, आय के अवसर पैदा करना एवं सामुदायिक विकास गतिविधियों को बढ़ावा देना है. डीएफओ मयंक शेखर झा ने बताया कि चंपावत वन प्रभाग के तहत तीन रेंज में योजना संचालित की जाएगी.
परियोजना के लिए 73 वन पंचायतों का चयन करने के साथ-साथ 101 स्वयं सहायता समूहों को परियोजना से जोड़ा गया है. इसके अलावा डीएफओ ने वनाग्नि से निपटने के लिए बनाई गई कार्य योजना की विस्तृत रूप से जानकारी भी दी. डीएम विनीत तोमर ने वनाग्नि से निपटने के लिए ग्रामीणों की सहभागिता को सुदृढ़ रूप से सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. बैठक में एडीएम टीएस मर्तोलिया, एसडीएम अनिल गर्ब्याल व आरसी गौतम, डीडीओ एसके पंत, एपीडी विम्मी जोशी, एसडीओ एमएस सेमिया समेत तमाम अधिकारी मौजूद रहे.
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