चंपावत: देवीधुरा मां बाराही धाम में खेली जाने वाली ऐतिहासिक बग्वाल को कोरोना महामारी भी नहीं रोक पायी. जिला प्रशासन ने भी बग्वाली वीरों को रोकने का प्रयास किया, लेकिन मां भगवती की भक्ति में लीन बग्वाली वीरों ने बग्वाल शुरू की और बग्वाल 4 मिनट तक चली. बग्वाल में 2 बग्वाली वीर मामूली रूप से चोटिल हुये. नाशपति के साथ-साथ कुछ बग्वाली पत्थर भी चलाए गये. मंच से नायब तहसीलदार सचिन कुमार बग्वाली वीरों को रोकने का प्रयास करते रहे मगर बग्वाली वीरों ने बग्वाल पूरा कर ही दम लिया.
11.27 मिनट में शुरू हुई बग्वाल 11.31 मिनट तक चली. मंदिर के पीठाचार्य ने घंटी और शंख बजाकर बग्वाल के समापन की घोषणा की. मंदिर के छोर लमगढ़िया और गहड़वाल खाम के बग्वाली वीरों मे मोर्चा संभाला. मंदिर के सामने चम्याल और वालिक खाम के वीर खड़े थे. सबसे पहले वालिक खाम से नाशपाती और पत्थरों का हमला हुआ. जिसके बाद बाद गहड़वाल खाम और लमगड़िया खाम ने भी नाशपाती और पत्थरों की बरसात शुरू की. चार मिनट तक चली बग्वाल में 2 बग्वाली वीर मामूली रूप से चोटिल हुये.
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बता दें कि इससे पहले जिला प्रशासन ने तय किया था कि इस साल बग्वाल नहीं खेली जाएगी. चारों खामों के लोग सिर्फ परिक्रमा करेंगे. हर खाम से 11 बग्वाली वीरों को ही इस दौरान अनुमति दी गई थी. मगर आज जैसे ही दिन की शुरुआत हुई धीरे-धीरे यहां बग्वाली वीर जुटते रहे. बग्वाल में इस बार भीड़ कम थी. देवीधुरा बाजार में मेले के दौरान लगने वाले झूले भी इस बार नहीं लगाए गए.