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वाहनों का फर्जी पंजीकरण मामला: जांच अधिकारी बाहर, रिपोर्ट टेबल पर

शारदा नदी से उपखनिज निकासी में उत्तराखंड के फर्जी नम्बरों के आधार पर हरियाणा के डम्परों से उपखनिज निकासी करने का मामला सामने आया था. बीते सोमवार जांच रिपोर्ट डीएम को सौंपी जानी थी, लेकिन जांच अधिकारी के हस्ताक्षर न होने के कारण रिपोर्ट आगे नहीं भेजी जा सकी.

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Published : Apr 30, 2019, 11:34 AM IST

Updated : Apr 30, 2019, 12:49 PM IST

वाहनों का फर्जी पंजीकरण मामला.

चंपावत: उत्तराखंड के फर्जी नंबरों के आधार पर शारदा नदी से उपखनिज निकालने के मामले की जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को नहीं सौंपी गई है. बताया जा रहा है कि इस मामले के जांच अधिकारी सीओ नरेश चंद किसी सरकारी कार्य के लिए जिले से बाहर है. जांच रिपोर्ट पर उनके हस्ताक्षर न होने के चलते ये रिपोर्ट डीएम नहीं सौंपी जा सकी है.

वाहनों का फर्जी पंजीकरण मामला.

बता दें कि पिछले माह शारदा नदी से उपखनिज निकासी में उत्तराखंड के फर्जी नम्बरों के आधार पर हरियाणा के डम्परों से उपखनिज निकासी करने का मामला सामने आया था. एआरटीओ की जांच में पाया गया था कि हरियाणा में रजिस्टर्ड 14 डम्परों को उत्तराखंड के फर्जी नम्बर से उपखनिज निकासी के कार्य में लगाया गया है. जांच के बाद वन विकास निगम ने डम्परों के निकासी का पंजीकरण निरस्त कर दिया था. फर्जी नम्बरों के लिए जालसाजी से एआरटीओ की नकली मोहर और झूठे दस्तावेज लगाए गए थे.

जिलाधिकारी रणवीर सिंह चौहान ने इसकी जांच एसडीएम दयानन्द सरस्वती और सीओ नरेश चंद को सौंपी थी. एसडीएम ने बताया कि जांच रिपोर्ट सोमवार को डीएम को सौंपी जानी थी, लेकिन सीओ के हस्ताक्षर न होने के कारण उसे अग्रसारित नहीं किया जा सका है.

जांच अधिकारी प्रथम एसडीएम दयानन्द सरस्वती ने बताया कि सीओ नरेश चंद के सरकारी कार्य से जिले से बाहर होने के कारण रिपोर्ट में उनके हस्ताक्षर नहीं हो पाए हैं. जांच रिपोर्ट सीओ के टनकपुर पहुंचने के बाद सौंपी जाएगी.

चंपावत: उत्तराखंड के फर्जी नंबरों के आधार पर शारदा नदी से उपखनिज निकालने के मामले की जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को नहीं सौंपी गई है. बताया जा रहा है कि इस मामले के जांच अधिकारी सीओ नरेश चंद किसी सरकारी कार्य के लिए जिले से बाहर है. जांच रिपोर्ट पर उनके हस्ताक्षर न होने के चलते ये रिपोर्ट डीएम नहीं सौंपी जा सकी है.

वाहनों का फर्जी पंजीकरण मामला.

बता दें कि पिछले माह शारदा नदी से उपखनिज निकासी में उत्तराखंड के फर्जी नम्बरों के आधार पर हरियाणा के डम्परों से उपखनिज निकासी करने का मामला सामने आया था. एआरटीओ की जांच में पाया गया था कि हरियाणा में रजिस्टर्ड 14 डम्परों को उत्तराखंड के फर्जी नम्बर से उपखनिज निकासी के कार्य में लगाया गया है. जांच के बाद वन विकास निगम ने डम्परों के निकासी का पंजीकरण निरस्त कर दिया था. फर्जी नम्बरों के लिए जालसाजी से एआरटीओ की नकली मोहर और झूठे दस्तावेज लगाए गए थे.

जिलाधिकारी रणवीर सिंह चौहान ने इसकी जांच एसडीएम दयानन्द सरस्वती और सीओ नरेश चंद को सौंपी थी. एसडीएम ने बताया कि जांच रिपोर्ट सोमवार को डीएम को सौंपी जानी थी, लेकिन सीओ के हस्ताक्षर न होने के कारण उसे अग्रसारित नहीं किया जा सका है.

जांच अधिकारी प्रथम एसडीएम दयानन्द सरस्वती ने बताया कि सीओ नरेश चंद के सरकारी कार्य से जिले से बाहर होने के कारण रिपोर्ट में उनके हस्ताक्षर नहीं हो पाए हैं. जांच रिपोर्ट सीओ के टनकपुर पहुंचने के बाद सौंपी जाएगी.

sir news tanakpur 100 km door se arrange ki hai plz mail se hi leney ki krapa kare
स्लग - डम्पर फर्जीवाड़ा
- सीओ के हस्तार न होने से डीएम तक नहीं पहुंची जांच रिपोर्ट
- हरियाणा के 14 डम्परों के पंजीकरण में फर्जीवाडे का मामला 
- जिले से बाहर होने के कारण नहीं हो पाये सीओ के हस्ताक्षर  
स्थान - टनकपुर चम्पावत 
रिपोर्ट - गिरीश सिंह बिष्ट चम्पावत 9927168184
दिनांक - 29 अप्रैल 2019
एंकर - हरियाणा के डम्परों में उत्तराखण्ड के फर्जी नम्बरों से उपखनिज निकासी के मामले की जांच रिपोर्ट सोमवार को जिलाधिकारी को नहीं सौंपी जा सकी। इसका कारण रिपोर्ट में जांच अधिकारी द्वितीय सीओ के हस्ताक्षर न होना है। जांच अधिकारी प्रथम एसडीएम दयानन्द सरस्वती ने बताया कि सीओ नरेश चंद के सरकारी कार्य से जिले से बाहर होने के कारण रिपोर्ट में उनके हस्ताक्षर नहीं हो पाये हैं। जांच रिपोर्ट सीओ के टनकपुर पहुंचने के बाद सौंपी जायेगी। 
वी0 ओ01-  बता दें कि  पिछले माह शारदा नदी से उपखनिज निकासी में उत्तराखंड के फर्जी नम्बरों के आधार पर हरियाणा के डम्परों से उपखनिज निकासी करने का मामला सामने आया था। एआरटीओ की जांच में पाया गया था कि हरियाणा में रजिस्टर्ड 14 डम्परों को उत्तराखण्ड के फर्जी नम्बर से उपखनिज निकासी के कार्य में लगाया गया है। जांच के बाद वन विकास निगम ने डम्परों के निकासी का पंजीकरण निरस्त कर दिया था। फर्जी नम्बरों के लिए जालसाजी से एआरटीओ की नकली मोहर और झूठे दस्तावेज लगाये गये थे। जिलाधिकारी रणवीर सिंह चैहान ने इसकी जांच एसडीएम दयानन्द सरस्वती और सीओ नरेश चंद को सौंपी थी। एसडीएम ने बताया कि जांच रिपोर्ट सोमवार को डीएम को सौंपी जानी थी लेकिन सीओ के हस्ताक्षर न होने से उसे अग्रसारित नहीं किया जा सका।
बाईट- 1 - दयानन्द सरस्वती - एसडीएम टनकपुर

Last Updated : Apr 30, 2019, 12:49 PM IST
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