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परिस्थितियां चुनौतियां देती हैं, हमें भविष्य के लिए तैयार होना है: मोहन भागवत

आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को 'डीप स्टेट', 'वोकिज्म' और 'सांस्कृतिक मार्क्सवादियों' द्वारा सांस्कृतिक परंपराओं के लिए उत्पन्न खतरों पर जोर दिया.

Mohan Bhagwat On Future
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत. (IANS)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 12, 2024, 12:57 PM IST

Updated : Oct 12, 2024, 4:07 PM IST

नागपुर: नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) द्वारा आयोजित विजयादशमी उत्सव में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने शस्त्र पूजन के बाद अपने संबोधन में विज्ञान, हिंदुओं पर होते हमलों, सनातन मूल्यों, हमास इजरायल समेत तमाम मुद्दों पर राय रखी. उन्होंने भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार रहने का मंत्र भी दिया.

मोहन भागवत ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अहिल्‍याबाई होल्‍कर और दयानन्द सरस्वती द्वारा देश सेवा के लिए किए गए कार्यों का जिक्र किया. कहा कि आज के दिन अपने कार्य के सौ वर्ष में संघ पदार्पण कर रहा है. ये विशेष इसलिए भी है क्योंकि महारानी दुर्गावती, महारानी होल्कर और महर्षि दयानंद का भी 200वां जन्म जयंती वर्ष चल रहा है. इनकी याद करना इसलिए जरूरी है कि इन लोगों ने देश, समाज और संस्कृति के हित में काम किया.

दयानन्द सरस्वती को याद करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि लंबी गुलामी के बाद जो भारत का पुनरुत्थान शुरू हुआ, उसके पीछे दयानंद सरस्वती थे. अपने मूल को समझकर काल सुसंद आचरण करें. उन्होंने जनों की जागरूक करने का महा प्रयास किया है. उनकी वजह से ही आगे चलकर कई तरह के आंदोलन भी हुए. आज उनको याद करने का भी समय है.

उन्होंने आगे कहा कि परिस्थितियां हमें चुनौतियां देती हैं, फिर चाहे वो दुनिया की हों या देश की. हमें भविष्य के लिए तैयार होना है, भविष्य इस तकनीक के कारण कई नई सुविधाएं लेकर आएगा, विज्ञान कई सुविधाएं लेकर भी आया है. इस सुखी मानव समाज में अपने स्वार्थ और अहंकार के कारण कैसे-कैसे संघर्ष चलते हैं. यह हम देखते रहते हैं.

दुनिया में चल रहे संघर्ष को लेकर उन्होंने कहा कि इजरायल के साथ हमास के साथ युद्ध में कौन-कौन झुलसेगा और इससे कौन से संकट पैदा होंगे, इसकी चिंता सबको है. अपना देश आगे बढ़ रहा है. हम तकनीक के क्षेत्र में, शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं. ऐसे सब क्षेत्रों में भारत आगे बढ़ रहा है. समाज की समझदारी भी बढ़ रही है.

जम्मू-कश्मीर में हुए चुनावों को लेकर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के चुनाव भी शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गए. इसका ही परिणाम हम देखते हैं कि सारी दुनिया में भारत की साख बढ़ी है. हमारा योग सारी दुनिया में एक फैशन बनता जा राह है. उसके शास्त्र और परिणाम को भी दुनिया स्वीकार कर रही है.

बांग्लादेश में हिंदुओं संग हुई ज्यादती पर संघ प्रमुख बोले कि भारत लगातार आगे बढ़ रहा है, लेकिन जब कोई भी देश जो आगे बढ़ रहा है, उसकी राह में अड़ंगा लगाने वाले लोग भी बहुत सारे होते हैं. इसलिए दूसरे देशों की सरकारों को कमजोर करना दुनिया में चलते रहता है. अब हमारे पड़ोस में बांग्लादेश में क्या हुआ हमने देखा। उस उत्पात के कारण हिंदू समाज पर फिर से हमला हुआ. वहां कट्टरपन की मानसिकता जब तक है, तब तक वहां हिंदुओं ही नहीं बल्कि अन्य अल्पसंख्यकों पर हमले का खतरा बरकरार रहेगा.

उन्होंने आगे कहा कि दुर्बल रहना अपराध है, हिंदू समाज को ये समझना चाहिए. व्यवस्थित और संगठित होकर ही आप किसी चीज का मुकाबला कर सकते हैं. अगर असंगठित रहते हैं, तो आपको मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. बच्चों के द्वारा मोबाइल पर देखे जा रहे गलत कंटेंट का जिक्र करते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि आज बच्चों के हाथों में भी मोबाइल दिख रहे हैं. लेकिन इसमें वो क्या देख रहे हैं, इस पर किसी का नियंत्रण नहीं है. इस पर नियंत्रण करना घर परिवार और विधि व्यवस्था पर भी जरूरी है. इस स्थिति के कुपरिणाम भी हैं. कई जगह युवा पीढ़ी नशे के जाल में फंस रही है.

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Conclusion:

नागपुर: नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) द्वारा आयोजित विजयादशमी उत्सव में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने शस्त्र पूजन के बाद अपने संबोधन में विज्ञान, हिंदुओं पर होते हमलों, सनातन मूल्यों, हमास इजरायल समेत तमाम मुद्दों पर राय रखी. उन्होंने भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार रहने का मंत्र भी दिया.

मोहन भागवत ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अहिल्‍याबाई होल्‍कर और दयानन्द सरस्वती द्वारा देश सेवा के लिए किए गए कार्यों का जिक्र किया. कहा कि आज के दिन अपने कार्य के सौ वर्ष में संघ पदार्पण कर रहा है. ये विशेष इसलिए भी है क्योंकि महारानी दुर्गावती, महारानी होल्कर और महर्षि दयानंद का भी 200वां जन्म जयंती वर्ष चल रहा है. इनकी याद करना इसलिए जरूरी है कि इन लोगों ने देश, समाज और संस्कृति के हित में काम किया.

दयानन्द सरस्वती को याद करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि लंबी गुलामी के बाद जो भारत का पुनरुत्थान शुरू हुआ, उसके पीछे दयानंद सरस्वती थे. अपने मूल को समझकर काल सुसंद आचरण करें. उन्होंने जनों की जागरूक करने का महा प्रयास किया है. उनकी वजह से ही आगे चलकर कई तरह के आंदोलन भी हुए. आज उनको याद करने का भी समय है.

उन्होंने आगे कहा कि परिस्थितियां हमें चुनौतियां देती हैं, फिर चाहे वो दुनिया की हों या देश की. हमें भविष्य के लिए तैयार होना है, भविष्य इस तकनीक के कारण कई नई सुविधाएं लेकर आएगा, विज्ञान कई सुविधाएं लेकर भी आया है. इस सुखी मानव समाज में अपने स्वार्थ और अहंकार के कारण कैसे-कैसे संघर्ष चलते हैं. यह हम देखते रहते हैं.

दुनिया में चल रहे संघर्ष को लेकर उन्होंने कहा कि इजरायल के साथ हमास के साथ युद्ध में कौन-कौन झुलसेगा और इससे कौन से संकट पैदा होंगे, इसकी चिंता सबको है. अपना देश आगे बढ़ रहा है. हम तकनीक के क्षेत्र में, शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं. ऐसे सब क्षेत्रों में भारत आगे बढ़ रहा है. समाज की समझदारी भी बढ़ रही है.

जम्मू-कश्मीर में हुए चुनावों को लेकर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के चुनाव भी शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गए. इसका ही परिणाम हम देखते हैं कि सारी दुनिया में भारत की साख बढ़ी है. हमारा योग सारी दुनिया में एक फैशन बनता जा राह है. उसके शास्त्र और परिणाम को भी दुनिया स्वीकार कर रही है.

बांग्लादेश में हिंदुओं संग हुई ज्यादती पर संघ प्रमुख बोले कि भारत लगातार आगे बढ़ रहा है, लेकिन जब कोई भी देश जो आगे बढ़ रहा है, उसकी राह में अड़ंगा लगाने वाले लोग भी बहुत सारे होते हैं. इसलिए दूसरे देशों की सरकारों को कमजोर करना दुनिया में चलते रहता है. अब हमारे पड़ोस में बांग्लादेश में क्या हुआ हमने देखा। उस उत्पात के कारण हिंदू समाज पर फिर से हमला हुआ. वहां कट्टरपन की मानसिकता जब तक है, तब तक वहां हिंदुओं ही नहीं बल्कि अन्य अल्पसंख्यकों पर हमले का खतरा बरकरार रहेगा.

उन्होंने आगे कहा कि दुर्बल रहना अपराध है, हिंदू समाज को ये समझना चाहिए. व्यवस्थित और संगठित होकर ही आप किसी चीज का मुकाबला कर सकते हैं. अगर असंगठित रहते हैं, तो आपको मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. बच्चों के द्वारा मोबाइल पर देखे जा रहे गलत कंटेंट का जिक्र करते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि आज बच्चों के हाथों में भी मोबाइल दिख रहे हैं. लेकिन इसमें वो क्या देख रहे हैं, इस पर किसी का नियंत्रण नहीं है. इस पर नियंत्रण करना घर परिवार और विधि व्यवस्था पर भी जरूरी है. इस स्थिति के कुपरिणाम भी हैं. कई जगह युवा पीढ़ी नशे के जाल में फंस रही है.

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Conclusion:

Last Updated : Oct 12, 2024, 4:07 PM IST
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