चंपावत: कोरोना काल में ड्यूटी करने वाले चिकित्सकों, फार्मासिस्टों व अन्य चिकित्सा कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेज कर सभी को सम्मान दिए जाने की मांग की है. मुख्य चिकित्साधिकारी के माध्यम से भेजे गए ज्ञापन में चिकित्सकों व अन्य कर्मचारियों ने कोरोना अस्पताल की ड्यूटी में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों को 11,000 रुपए एवं सम्मान पत्र दिए जाने के आदेश पर असंतोष जताया है.
ज्ञापन में उन्होंने कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी में केवल कोरोना अस्पताल की ड्यूटी में कार्यरत स्वास्थ्य कार्मिक ही नहीं अपितु कोविड सैंपलिंग टीम, एम्बुलेंस टीम, सर्विलांस टीम, फीवर क्लीनिकों, कोविड केयर सेंटरों, आइसोलेशन केंद्रों, कम्यूनिटी क्वारंटीन सेंटरों, जनपदीय, प्रांतीय एवं नेपाल से लगने वाली अंतरराष्ट्रीय चेक पोस्टों में काम कर चुके सभी स्वास्थ्य कार्मिकों को भी शामिल किया जाना चाहिए. इन कर्मिकों ने भी अपनी जान की परवाह न करते हुए रात-दिन कोविड ड्यूटी की. इनमें से कई लोग कोविड अस्पताल में ड्यूटी करते हुए संक्रमित भी हुए हैं. लेकिन इनका कोरोना काल में कभी किसी प्रकार का सम्मान नहीं किया गया है. जब मुख्यमंत्री जी कोरोना काल में ड्यूटी में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों को सम्मानित करना चाहते हैं, तो इन स्वास्थ्य कार्मिकों का नाम कहीं नहीं है. जिससे कोविड में कार्यरत उक्त कार्मिकों को बहुत निराशा हुई है.
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चिकित्सकों व कर्मचारियों ने कहा है कि कोरोना अस्पताल में कार्यरत कार्मिकों के अलावा कोरोना काल में प्रत्येक स्वास्थ्य कर्मी ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. किसी ने रोगियों को फीवर क्लीनिक में देखा, किसी ने सैंपल लिया. किसी ने लैबों में जांच की. कोई रोज सैंपल लेकर सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी गया. किसी ने कोरोना के खौफ से डरे लोगों को मानसिक रूप से स्वस्थ रखने हेतु काउंसलिंग की. किसी ने चेक पोस्टों में दिन-रात ड्यूटी कर अप्रवासियों का टैंपरेचर व सैंपलिंग ली. किसी ने आइसोलेशन केंद्रों में खाना बनाकर पहुंचाया. होम आइसोलेशन में थर्मल स्क्रीनिंग की. मेडिकल किट पहुंचा कर अपना योगदान दिया. इन लोगों का कहना है कि उन्हें भी सम्मान दिया जाना चाहिए. जिससे समस्त स्वास्थ्य कर्मियों जिन्होंने इस कारोना काल में पूरी निष्ठा एवं पूर्ण मनोयोग से कार्य किया है को भी सम्मान मिल सके.