चम्पावत: बनबसा में बीते साल भारत-नेपाल सीमा से पकड़ी गई पाकिस्तान मूल की यूएस नागरिक फातिमा रसीद को सीनियर सिविल जज की अदालत ने चार साज की सजा सुनाई है. इस महिला को पिछले महीने सर्शत जमानत दी थी. जमानती अल्मोड़ा के थे.
कोर्ट ने जमानत देने से पहले कहा ता कि सुनवाई पूरी होने तक आरोपी महिला को अल्मोड़ा से बाहर जाने की इजाजत नहीं है. जमानत मिलने के बाद से आरोपी महिला अल्मोड़ा में ही रह रही थी. गुरुवार को कोर्ट से सजा मिलने के बाद महिला को पुलिस अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया.
बात दें कि कैलिफोर्निया (यूएस) निवासी फरीदा मालिक को 12 जुलाई 2019 को नेपाल से बनबसा आते समय पुलिस ने एक बस से चेकिंग के दौरान बगैर वीजा के गिरफ्तार किया था. तब पुलिस का कहना है कि इनके पास पासपोर्ट तो था परंतु भारत घूमने का वीजा नहीं था. इसके बाद पुलिस ने फरीदा को अदालत में पेश किया. कोर्ट ने फरीदा को जेल भेज दिया था.
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फरीदा पर तीन पासपोर्ट व 14 विदेशी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. पिछले दिनों ट्रायल के दौरान कोर्ट ने फरीदा को जमानत दे दी थी. जमानत अल्मोड़ा के दो लोगों ने ली थी. वहीं, गुरुवार पांच मार्च 2020 को मामले की सीजेएम कोर्ट में अंतिम सुनवाई हुई. जानकारी के मुताबिक, अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद सीजेएम धर्मेंद्र कुमार ने फरीदा को दोषी मानते चाल साल के श्रम कारावास और 20 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है. अर्थदंड अदा न करने की स्थिति में फरीदा को एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा.
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कौन है फरीदा
फरीदा मलिक (50) पुत्री सुल्तान अख्तर मलिक ने पूछताछ के दौरान बताया था कि उसका जन्म 1968 में पाकिस्तान के कराची में हुई थी. 16 वर्ष बाद यूएसए रहने चली गई, जहां 1992 में उसे यूएसए की नागरिकता मिल गई. धाराा प्रवाह हिंदी बोलने वाली फरीदा साइबर एक्सपर्ट है. उसने अभी शादी नहीं की है. इमीग्रेशन चेक पोस्ट पर पूछताछ में उसने बताया कि था कि वो नोएडा में एक चैरिटी शो में शामिल होने जा रही थी. ऐसे में अब खुफिया विभाग फरीदा के नेपाल से भारत आने के कारणों की भी जांच कर रहा है.