चंपावतः महिला का सरकारी अस्पताल में नवजात को जन्म देना और फिर शिशु को अस्पताल छोड़कर चले जाना का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस मामले ने तूल तब पकड़ा था जब एक डॉक्टर ने बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के बच्चे को गोद लिया. मामले में अब चाइल्ड हेल्पलाइन टीम हरकत में आ गई है. टीम ने महिला से पूछताछ की. टीम का कहना है कि कानूनी प्रक्रिया के बाद ही शिशु को गोद दिया जाएगा.
उपजिला चिकित्सालय लोहाघाट में विधवा द्वारा शिशु को जन्म देने के मामले में हडकंप मचा हुआ है. जिसको मद्देनजर चाइल्ड हेल्पलाइन सक्रिय हो गया है. चाइल्ड हेल्पलाइन की एक टीम ने जिला बाल कल्याण समिति को पत्र लिखकर शिशु के मामले में पारदर्शिता पूर्ण जांच और दत्तक ग्रहण करने के लिए कानूनी प्रक्रिया की मांग की है.
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चाइल्ड हेल्प लाइन की जिला समन्वयक संतोषी ने कहा कि शनिवार को उन्हें जानकारी मिली थी कि लोहाघाट चिकित्सालय में विधवा महिला ने एक शिशु को जन्म दिया है. जिसके बाद महिला अपनी इच्छानुसार शिशु को छोड़कर एक चिकित्सक को सौंप दिया. स्थानीय लोगों का आरोप है कि डॉक्टर ने बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के बच्चे को गोद लिया है.
इस मामले में लोगों ने जिला बाल कल्याण समिति को एक पत्र लिखकर जांच की मांग की है. कहा है कि शिशु को पूर्ण देखभाल, संरक्षण, स्वास्थ्य एवं जीवन सुरक्षा मिले, इसके लिए दत्तक ग्रहण की कानूनी प्रक्रिया जरूरी है. समन्वयक संतोषी ने कहा कि वह बाराकोट में नवजात को जन्म देने वाली विधवा मां से भी मिलकर आयी हैं. साथ ही बताया कि महिला अपने नवजात को नहीं लेना चाह रही हैं. फिलहाल शिशु अभी चिकित्सा अधीक्षक के संरक्षण में है. कानूनी प्रक्रिया के बाद ही किसी एक व्यक्ति को शिशु के पूर्ण रूप से लालन-पालन का अधिकार दिया जाएगा.