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सरकारी अस्पतालों में नहीं मिल रही एन्टी रैबिज वैक्सीन - सीएमएस आरके जोशी चम्पावत

सरकारी अस्पतालों में दिनोंदिन इलाज महंगा हो रहा है लेकिन जरूरी सुविधाओं का टोटा है. ऐसे में चंपावत जिले के सरकारी अस्पतालों में बीते दो महीनों से एंटी रेबीज वैक्सीन (एआरवी) नहीं मिल रहा है. जिसके चलते लोगों को महंगे दामों पर बाहर से वैक्सीन खरीदने पड़ रही है

सरकारी अस्पतालों में नहीं मिल रही एन्टी रैबिज वैक्सीन
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Published : Oct 9, 2019, 5:39 PM IST

चम्पावतः सरकारी अस्पतालों में दिनोंदिन इलाज महंगा हो रहा है लेकिन जरूरी सुविधाओं का टोटा है. ऐसे में चंपावत जिले के सरकारी अस्पतालों में बीते दो महीनों से एंटी रेबीज वैक्सीन (एआरवी) नहीं मिल रहा है. जिसके चलते लोगों को महंगे दामों पर बाहर से वैक्सीन खरीदने पड़ रही है.

सरकारी अस्पतालों में नहीं मिल रही एन्टी रैबिज वैक्सीन

बता दें कि जिला अस्पताल में अब दवाएं भी नहीं मिल रही हैं. कुत्ता और बंदर के काटे जाने पर लगने वाली एआरबी वैक्सीन पूरे जिले में उपलब्ध नहीं हैं. जिला अस्पताल को मिलने वाली एसेशियल ड्रग में सिर्फ 103 तरह की दवाएं ही उपलब्ध हो पा रही हैं.

ये भी पढ़ेंःमसूरीः बारिश ने बढ़ाई परेशानी, भू-स्खलन से बहा सड़क का बड़ा हिस्सा

ऐसे में मरीजों को बाहर से दवाएं खरीदनी पड़ रही हैं. वहीं, जिला अस्पताल को 16 मार्च को 50 वाइल एआरबी की मिली थी, जो 16 जून को समाप्त हो गई. पिछले तीन माह से अस्पताल में एआरबी दवा नहीं मिल पा रही है.
सीएमएस आरके जोशी का कहना है कि एआरवी के लिए स्वास्थ्य निदेशालय को पत्र भेजा गया है. जल्द ही एआरवी की व्यवस्था के लिए खरीद की जा रही है. सभी सरकारी अस्पतालों में वैक्सीन उपलब्ध करा दी जाएगी.

चम्पावतः सरकारी अस्पतालों में दिनोंदिन इलाज महंगा हो रहा है लेकिन जरूरी सुविधाओं का टोटा है. ऐसे में चंपावत जिले के सरकारी अस्पतालों में बीते दो महीनों से एंटी रेबीज वैक्सीन (एआरवी) नहीं मिल रहा है. जिसके चलते लोगों को महंगे दामों पर बाहर से वैक्सीन खरीदने पड़ रही है.

सरकारी अस्पतालों में नहीं मिल रही एन्टी रैबिज वैक्सीन

बता दें कि जिला अस्पताल में अब दवाएं भी नहीं मिल रही हैं. कुत्ता और बंदर के काटे जाने पर लगने वाली एआरबी वैक्सीन पूरे जिले में उपलब्ध नहीं हैं. जिला अस्पताल को मिलने वाली एसेशियल ड्रग में सिर्फ 103 तरह की दवाएं ही उपलब्ध हो पा रही हैं.

ये भी पढ़ेंःमसूरीः बारिश ने बढ़ाई परेशानी, भू-स्खलन से बहा सड़क का बड़ा हिस्सा

ऐसे में मरीजों को बाहर से दवाएं खरीदनी पड़ रही हैं. वहीं, जिला अस्पताल को 16 मार्च को 50 वाइल एआरबी की मिली थी, जो 16 जून को समाप्त हो गई. पिछले तीन माह से अस्पताल में एआरबी दवा नहीं मिल पा रही है.
सीएमएस आरके जोशी का कहना है कि एआरवी के लिए स्वास्थ्य निदेशालय को पत्र भेजा गया है. जल्द ही एआरवी की व्यवस्था के लिए खरीद की जा रही है. सभी सरकारी अस्पतालों में वैक्सीन उपलब्ध करा दी जाएगी.

Intro:स्लग-स्वास्थ्य सेवाएं
चम्पावत में सरकारी अस्पतालों में नहीं मिल रही एन्टी रैबिज वैकसिन
-स्वास्थ्य निदेशालय ने सरकारी दर 172 प्रति वाइल के खरीदने को कहा

चम्पावत। जिला अस्पताल में स्त्रीरोग विशेषज्ञ, नेत्र सर्जन न होने और रेडियोलाजिस्ट के इस्तीफे बाद स्वास्थ्य सेवाएं पहले से पटरी से उतर गयी थी। अस्पताल में अब दवाएं भी नहीं मिल रही हैं। कुत्ता और बंदर के काटे जाने पर लगने वाली एआरबी वैक्सीन पूरे जिले में उलब्ध नहीं हैं । जिला अस्पताल को मिलेने वाली एसेशियल ड्रग में सिर्फ 103 तरह की दवाएं ही उपलब्ध हो पा रही हैं। जिससे मरीजों को बाहर से दवाएं खरीदनी पड रही हैं। जिला अस्पताल को16 मार्च को 50 वाइल एआरबी की मिली थी जो 16 जून को समाप्त हो गयी। पिछले तीन माह से अस्पताल में एआरबी दवा नहीं मिल पा रही है।
सीएमएस आरके जोशी ने बताया कि स्वास्थ्य निदेशाल से चिकित्सया प्र्रन्धन समिति के नियमानुसार एआरबी की दवा खरीदने के निर्देश दिए लेनिक बाजार में सरकारी दर 172 रूपये पर वाइल नहीं मिल पा रही है। चिकित्सया प्रबन्धन समिति और डीएम से वार्ता कर बाजार से ही उचित दरों पर दवा उलब्ध कराने का प्रयास करेंगे।
बाइट 1-सीएमएस आरके जोशी
Body:स्लग-स्वास्थ्य सेवाएं
चम्पावत में सरकारी अस्पतालों में नहीं मिल रही एन्टी रैबिज वैकसिन
-स्वास्थ्य निदेशालय ने सरकारी दर 172 प्रति वाइल के खरीदने को कहा

चम्पावत। जिला अस्पताल में स्त्रीरोग विशेषज्ञ, नेत्र सर्जन न होने और रेडियोलाजिस्ट के इस्तीफे बाद स्वास्थ्य सेवाएं पहले से पटरी से उतर गयी थी। अस्पताल में अब दवाएं भी नहीं मिल रही हैं। कुत्ता और बंदर के काटे जाने पर लगने वाली एआरबी वैक्सीन पूरे जिले में उलब्ध नहीं हैं । जिला अस्पताल को मिलेने वाली एसेशियल ड्रग में सिर्फ 103 तरह की दवाएं ही उपलब्ध हो पा रही हैं। जिससे मरीजों को बाहर से दवाएं खरीदनी पड रही हैं। जिला अस्पताल को16 मार्च को 50 वाइल एआरबी की मिली थी जो 16 जून को समाप्त हो गयी। पिछले तीन माह से अस्पताल में एआरबी दवा नहीं मिल पा रही है।
सीएमएस आरके जोशी ने बताया कि स्वास्थ्य निदेशाल से चिकित्सया प्र्रन्धन समिति के नियमानुसार एआरबी की दवा खरीदने के निर्देश दिए लेनिक बाजार में सरकारी दर 172 रूपये पर वाइल नहीं मिल पा रही है। चिकित्सया प्रबन्धन समिति और डीएम से वार्ता कर बाजार से ही उचित दरों पर दवा उलब्ध कराने का प्रयास करेंगे।
बाइट 1-सीएमएस आरके जोशी
Conclusion:स्लग-स्वास्थ्य सेवाएं
चम्पावत में सरकारी अस्पतालों में नहीं मिल रही एन्टी रैबिज वैकसिन
-स्वास्थ्य निदेशालय ने सरकारी दर 172 प्रति वाइल के खरीदने को कहा

चम्पावत। जिला अस्पताल में स्त्रीरोग विशेषज्ञ, नेत्र सर्जन न होने और रेडियोलाजिस्ट के इस्तीफे बाद स्वास्थ्य सेवाएं पहले से पटरी से उतर गयी थी। अस्पताल में अब दवाएं भी नहीं मिल रही हैं। कुत्ता और बंदर के काटे जाने पर लगने वाली एआरबी वैक्सीन पूरे जिले में उलब्ध नहीं हैं । जिला अस्पताल को मिलेने वाली एसेशियल ड्रग में सिर्फ 103 तरह की दवाएं ही उपलब्ध हो पा रही हैं। जिससे मरीजों को बाहर से दवाएं खरीदनी पड रही हैं। जिला अस्पताल को16 मार्च को 50 वाइल एआरबी की मिली थी जो 16 जून को समाप्त हो गयी। पिछले तीन माह से अस्पताल में एआरबी दवा नहीं मिल पा रही है।
सीएमएस आरके जोशी ने बताया कि स्वास्थ्य निदेशाल से चिकित्सया प्र्रन्धन समिति के नियमानुसार एआरबी की दवा खरीदने के निर्देश दिए लेनिक बाजार में सरकारी दर 172 रूपये पर वाइल नहीं मिल पा रही है। चिकित्सया प्रबन्धन समिति और डीएम से वार्ता कर बाजार से ही उचित दरों पर दवा उलब्ध कराने का प्रयास करेंगे।
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