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शरद पवार के सामने रखे ग्लास में पीएम मोदी ने खुद भरा पानी, राजनीतिक चर्चाएं तेज - PM MODI SHARAD PAWAR

एक कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने जिस तरह से शरद पवार को मंच पर सम्मान दिया, इसकी जमकर चर्चा हो रही है.

PM Modi
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद चंद्र पवार) प्रमुख शरद पवार (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 22, 2025, 1:54 PM IST

Updated : Feb 22, 2025, 2:14 PM IST

नई दिल्ली: अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद चंद्र पवार) प्रमुख शरद पवार के बीच जुगलबंदी की चर्चा गर्म है. अब इस जुगलबंदी के मायने भी खूब निकाले जा रहे हैं.

राजनीतिक गलियारों में पीएम मोदी और शरद पवार के बीच की केमिस्ट्री को भविष्य की राजनीति से जोड़ कर देखा जा रहा है. सोशल मीडिया पर इस तरह की खबरें चल रहीं हैं कि कहीं शरद पवार एनडीए का हिस्सा न बन जाएं. दोनों नेताओं के बीच जिस तरह की गर्मजोशी देखी गई, उससे इन अटकलों को बल मिल रहा है.

अभी कुछ दिन पहले ही उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने शरद पवार की आलोचना भी की थी. उस समय शरद पवार ने एकनाथ शिंदे के साथ एक मंच साझा किया था. एकनाथ शिंदे इस समय महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री हैं. पवार ने दिल्ली में एकनाथ शिंदे को महादजी शिंदे राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया था.

संजय राउत ने कहा था कि 'देशद्रोहियों' को ऐसा सम्मान देना महाराष्ट्र की अस्मिता पर आघात है, पवार को शिंदे के कार्यक्रम में नहीं जाना चाहिए था. हालांकि, बाद में संजय राउत ने कहा कि शरद पवार उनके नेता हैं.

इन कारणों से मीडिया में इस धारणा को बल मिल रहा है कि एनसीपी शरद गुट भी एनडीए में शामिल हो सकता है. हालांकि, यह सब महज कयासबाजी है. न तो एनडीए और न ही एनसीपी की ओर से इस संबंध में कोई बयान जारी किया गया है.

मीडिया हलकों में कहा जा रहा है कि मोदी ने जिस तरह से पवार की आवभगत की, यह कोई चौंकाने वाली बात नहीं है. राजनीति में ऐसा चलता रहता है. महाराष्ट्र में हाल के वर्षों में ऐसे कई घटनाक्रम देखे गये. कई बड़े नेताओं ने पार्टी से अलग होकर भाजपा का दामन थामा. कहा ये भी जा रहा है कि शरद पवार अपनी पार्टी का विलय बीजेपी में भले ही ना करें, लेकिन ये भी हो सकता है कि वह भाजपा को अपना समर्थन दे सकते हैं. बता दें कि शरद पवार इंडिया गठबंधन के साथ हैं.

क्या हुआ था वाक्या
दरअसल शरद पवार शुक्रवार को लंबे भाषण के बाद थक गए थे. भाषण समाप्त होने के बाद वह मंच पर पीएम मोदी के बगल में बैठने के लिए पहुंचे. तभी पीएम मोदी ने बिना समय गंवाए शरद पवार को कुर्सी पर बैठने में मदद की. उन्हें सम्मानपूर्वक कुर्सी पर बैठाया. यही नहीं उन्होंने वाटर बॉटल से ग्लास में पानी भर दिया. सोशल मीडिया पर लोगों ने पीएम मोदी के इस अंदाज को खूब पसंद किया. लोगों ने कहा कि ये ही असली सम्मान है.

वहीं, इससे पहले पीएम मोदी को दीप प्रज्जवलित कर समारोह की शुरुआत करना थी, लेकिन प्रधानमंत्री ने दीप प्रज्जवलन के लिए शरद पवार से भी आग्रह किया. जिस तरह की जुगलबंदी दोनों नेताओं के बीच देखी गई इससे अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरू हो गई है.

ये भी पढ़ें- मेरे जैसे लाखों लोगों को RSS ने देश के लिए जीने की प्रेरणा दी: पीएम मोदी

नई दिल्ली: अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद चंद्र पवार) प्रमुख शरद पवार के बीच जुगलबंदी की चर्चा गर्म है. अब इस जुगलबंदी के मायने भी खूब निकाले जा रहे हैं.

राजनीतिक गलियारों में पीएम मोदी और शरद पवार के बीच की केमिस्ट्री को भविष्य की राजनीति से जोड़ कर देखा जा रहा है. सोशल मीडिया पर इस तरह की खबरें चल रहीं हैं कि कहीं शरद पवार एनडीए का हिस्सा न बन जाएं. दोनों नेताओं के बीच जिस तरह की गर्मजोशी देखी गई, उससे इन अटकलों को बल मिल रहा है.

अभी कुछ दिन पहले ही उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने शरद पवार की आलोचना भी की थी. उस समय शरद पवार ने एकनाथ शिंदे के साथ एक मंच साझा किया था. एकनाथ शिंदे इस समय महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री हैं. पवार ने दिल्ली में एकनाथ शिंदे को महादजी शिंदे राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया था.

संजय राउत ने कहा था कि 'देशद्रोहियों' को ऐसा सम्मान देना महाराष्ट्र की अस्मिता पर आघात है, पवार को शिंदे के कार्यक्रम में नहीं जाना चाहिए था. हालांकि, बाद में संजय राउत ने कहा कि शरद पवार उनके नेता हैं.

इन कारणों से मीडिया में इस धारणा को बल मिल रहा है कि एनसीपी शरद गुट भी एनडीए में शामिल हो सकता है. हालांकि, यह सब महज कयासबाजी है. न तो एनडीए और न ही एनसीपी की ओर से इस संबंध में कोई बयान जारी किया गया है.

मीडिया हलकों में कहा जा रहा है कि मोदी ने जिस तरह से पवार की आवभगत की, यह कोई चौंकाने वाली बात नहीं है. राजनीति में ऐसा चलता रहता है. महाराष्ट्र में हाल के वर्षों में ऐसे कई घटनाक्रम देखे गये. कई बड़े नेताओं ने पार्टी से अलग होकर भाजपा का दामन थामा. कहा ये भी जा रहा है कि शरद पवार अपनी पार्टी का विलय बीजेपी में भले ही ना करें, लेकिन ये भी हो सकता है कि वह भाजपा को अपना समर्थन दे सकते हैं. बता दें कि शरद पवार इंडिया गठबंधन के साथ हैं.

क्या हुआ था वाक्या
दरअसल शरद पवार शुक्रवार को लंबे भाषण के बाद थक गए थे. भाषण समाप्त होने के बाद वह मंच पर पीएम मोदी के बगल में बैठने के लिए पहुंचे. तभी पीएम मोदी ने बिना समय गंवाए शरद पवार को कुर्सी पर बैठने में मदद की. उन्हें सम्मानपूर्वक कुर्सी पर बैठाया. यही नहीं उन्होंने वाटर बॉटल से ग्लास में पानी भर दिया. सोशल मीडिया पर लोगों ने पीएम मोदी के इस अंदाज को खूब पसंद किया. लोगों ने कहा कि ये ही असली सम्मान है.

वहीं, इससे पहले पीएम मोदी को दीप प्रज्जवलित कर समारोह की शुरुआत करना थी, लेकिन प्रधानमंत्री ने दीप प्रज्जवलन के लिए शरद पवार से भी आग्रह किया. जिस तरह की जुगलबंदी दोनों नेताओं के बीच देखी गई इससे अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरू हो गई है.

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Last Updated : Feb 22, 2025, 2:14 PM IST
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