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पिथौरागढ़ से चंपावत पैदल पहुंचे 40 मजदूर, कहा- एक्स्ट्रा पूरी मांगने पर देते थे गाली - चंपावत लॉकडाउन

देशभर में लॉकडाउन के दौरान कई प्रदेशों से दिहाड़ी मजदूर अपने-अपने घरों को लौट रहे हैं. जिसके कारण लॉकडाउन का उल्लंघन हो रहा है. वहीं चंपावत में भी पिथौरागढ़ से 40 दिहाड़ी मजदूर अपने घर लौटे.

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चंपावत पहुंचे 40 मजदूर
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Published : Mar 30, 2020, 9:23 PM IST

Updated : Mar 30, 2020, 11:26 PM IST

चंपावत: प्रदेश में लॉकडाउन पूरी तरह से सफल नहीं हो पा रहा है. लॉकडाउन में जगह-जगह फंसे दिहाड़ी मजदूर अब पैदल ही अपने अपने घर पहुंच रहे हैं. वहीं आज पिथौरागढ़ से दिहाड़ी पर काम करने वाले 40 मजदूर चंपावत पहुंचे. वहीं दोनों जिलों के जिला प्रशासन मजदूरों को रहने खाने की अच्छी व्यवस्था करने की बात कह रहे हैं, लेकिन यह सारे दावे झूठे साबित हो रहे हैं. क्योंकि मजदूर भूखे प्यासे अपने घर पहुंच रहे हैं.

बीते रविवार को पिथौरागढ़ से आए करीब तीन सौ दिहाड़ी मजदूरों को घाट के पास पिथौरागढ़ पुलिस ने खाना खिला कर वापस पिथौरागढ़ के लिए रवाना कर दिया था, लेकिन आज इनमें से करीब 40 मजदूर पिथौरागढ़ से पैदल पंचेश्वर होते हुए चंपावत पहुंच गए. जहां लोहाघाट के समाजसेवी लोगों ने उन्हें बीएनके अस्पताल के पास भोजन कराया.

चंपावत पैदल पहुंचे 40 मजदूर

पैदल चलकर पहुंचे मजदूरों ने बताया कि पिथौरागढ़ में उन्हें जिला प्रशासन द्वारा जीआईसी में पहुंचाया गया था. जहां उनके लिए रहने और खाने की व्यवस्था तो की गई थी, लेकिन उनका व्यवहार उनके प्रति अच्छा नहीं था. 3 से 4 पूरी खाने के बाद जब उनसे अतिरिक्त पूड़ियां मांगने पर वह गाली गलौज करते हैं और डांटते थे.

ये भी पढ़े: कोरोना को हराना है: बाबा रामदेव ने प्रधानमंत्री राहत कोष में 25 करोड़ रुपये दान किए

जिसके बाद वे मजदूर वहां से चुपचाप पिथौरागढ़ में बने जीआईसी सेंटर से पैदल ही चंपावत आ गए. अब देखना यह है कि चंपावत जिला प्रशासन इन्हें आगे भेजता है या इन्हें यहीं रोककर खाने पीने की व्यवस्था करता है. फिलहाल सभी दिहाड़ी मजदूरों को बीएनके अस्पताल में भोजन कराया गया है.

चंपावत: प्रदेश में लॉकडाउन पूरी तरह से सफल नहीं हो पा रहा है. लॉकडाउन में जगह-जगह फंसे दिहाड़ी मजदूर अब पैदल ही अपने अपने घर पहुंच रहे हैं. वहीं आज पिथौरागढ़ से दिहाड़ी पर काम करने वाले 40 मजदूर चंपावत पहुंचे. वहीं दोनों जिलों के जिला प्रशासन मजदूरों को रहने खाने की अच्छी व्यवस्था करने की बात कह रहे हैं, लेकिन यह सारे दावे झूठे साबित हो रहे हैं. क्योंकि मजदूर भूखे प्यासे अपने घर पहुंच रहे हैं.

बीते रविवार को पिथौरागढ़ से आए करीब तीन सौ दिहाड़ी मजदूरों को घाट के पास पिथौरागढ़ पुलिस ने खाना खिला कर वापस पिथौरागढ़ के लिए रवाना कर दिया था, लेकिन आज इनमें से करीब 40 मजदूर पिथौरागढ़ से पैदल पंचेश्वर होते हुए चंपावत पहुंच गए. जहां लोहाघाट के समाजसेवी लोगों ने उन्हें बीएनके अस्पताल के पास भोजन कराया.

चंपावत पैदल पहुंचे 40 मजदूर

पैदल चलकर पहुंचे मजदूरों ने बताया कि पिथौरागढ़ में उन्हें जिला प्रशासन द्वारा जीआईसी में पहुंचाया गया था. जहां उनके लिए रहने और खाने की व्यवस्था तो की गई थी, लेकिन उनका व्यवहार उनके प्रति अच्छा नहीं था. 3 से 4 पूरी खाने के बाद जब उनसे अतिरिक्त पूड़ियां मांगने पर वह गाली गलौज करते हैं और डांटते थे.

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जिसके बाद वे मजदूर वहां से चुपचाप पिथौरागढ़ में बने जीआईसी सेंटर से पैदल ही चंपावत आ गए. अब देखना यह है कि चंपावत जिला प्रशासन इन्हें आगे भेजता है या इन्हें यहीं रोककर खाने पीने की व्यवस्था करता है. फिलहाल सभी दिहाड़ी मजदूरों को बीएनके अस्पताल में भोजन कराया गया है.

Last Updated : Mar 30, 2020, 11:26 PM IST
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