चमोली: शादी हर इंसान की जिंदगी की एक नई शुरूआत है. दूल्हा-दुल्हन के लिए शादी के बंधन में बंधना बेहद खास पल होता है. ऐसे मौके पर अगर प्रकृति मेहरबान होकर इस लम्हों को खास बना दे तो बात ही कुछ और है. चमोली में कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला. जहां बर्फबारी के बीच एक जोड़े ने शादी की रस्में पूरी की. जब दुल्हन घोड़ी पर बैठकर ससुराल के लिए निकली तो उसकी खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा है. वहीं ये वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया.
बीते दिनों हुई बर्फबारी के बाद शादियों के वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहे हैं. ऐसा ही एक वीडियो चमोली जिले से भी वायरल हो रहा है. आपने अक्सर घोड़ी में सवार दुल्हे को बारात ले जाते हुए देखा होगा लेकिन जिले के दशोली विकासखंड स्थित पाणा गांव में बीते बुधवार को जब दूल्हा जितार सिंह पगना गांव में सात फेरे लेने के बाद अपनी दुल्हन कविता को भारी बर्फबारी के बीच घोड़ी में बैठाकर अपने घर ले गए. तो उनका यह वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया.
बता दें कि पाणा गांव से घोड़ी में सवार दूल्हा जितार सिंह की बारात 4 फीट मोटी बर्फ के बीच 8 किमी पैदल चलकर पगना गांव पहुंची. बर्फबारी के बीच विधि-विधान से दूल्हे जितार सिंह और दुल्हन कविता ने सात फेरे लिए. बारात वापसी के समय पाणा गांव की पौराणिक मान्यता के अनुसार देव ढुंगा नामक स्थान से दुल्हन घोड़ी में सवार होकर अपनी ससुराल गई.
इस पौराणिक मान्यता को लेकर स्थानीय निवासी मोहन सिंह नेगी ने बताया कि पाणा-ईराणी गांव के ऊपरी क्षेत्र में निर्जन बुग्याल क्षेत्र स्थित है. बुग्याल क्षेत्रों में देवी देवताओं का वास बताया जाता है और डोली देवी का वाहन होती है. जिसमें सवार होकर देवी अपने मायके कैलाश पहुंचती है. जिसके चलते इस क्षेत्र में जितनी भी शादियां होती हैं. उनमें दुल्हन डोली में बैठकर ससुराल नहीं जाती है. ऐसे में दुल्हन को भी घोड़ी में बैठाकर ससुराल पहुंचाया जाता है. उन्होंने बताया कि कई वर्ष पूर्व इस क्षेत्र की एक बारात में दुल्हन को डोली से ससुराल पहुंचाया जा रहा था. लेकिन अचानक रास्ते में पहाड़ से एक चट्टान खिसककर डोली पर आ गिरी. हादसे में दुल्हन की मौत हो गई.
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इस घटना के कुछ समय बाद एक अन्य शादी में भी दुल्हन डोली में बैठकर अपने ससुराल गई थी, लेकिन एक साल के भीतर वह मानसिक रूप से विक्षिप्त हो गई. जिसके बाद से आज तक निजमुला घाटी के गांवों में दुल्हन डोली से ससुराल नहीं जाती है. यहां दुल्हन को भी घोड़ी में बैठाकर ससुराल पहुंचाया जाता है.