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थराली में ग्रामीणों की मेहनत की कमाई डकार गया पोस्टमास्टर, 60 लाख से ज्यादा का फर्जीवाड़ा!

नारायणबगड़ विकासखण्ड के किमोली गांव के उप डाकघर के तत्कालीन पोस्टमास्टर पर ग्रामीणों की जमा पूंजी डकारने का आरोप लगा है. आरोप है कि पिछले 10 सालों में तत्कालीन पोस्टमास्टर ने 60 लाख रुपए से ज्यादा ग्रामीणों की जमा पूंजी की फर्जी तरीके से निकासी की है.

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ग्रामीणों की जमा पूंजी डकार गया घोटालेबाज पोस्टमास्टर
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Published : Jan 15, 2021, 12:22 PM IST

थराली: नारायणबगड़ विकासखंड के ग्रामीणों का डाक विभाग से भरोसा उठ चुका है. जी हां, आप सही सुन रह हैं. जहां ग्रामीण मेहनत मजदूरी कर अपने खून पसीने की कमाई डाकघर में जमा करते है कि आने वाले समय में वह अपनी बेटी की शादी, बच्चों की शिक्षा के लिए जमा राशि को खर्च करेंगे. लेकिन विडंबना देखिए, सबसे सुरक्षित और भरोसेमंद माने जाने वाले पोस्ट ऑफिस में गरीबों की जमा पूंजी को यहां के कर्मचारी डकार गए. अब ग्रामीणों को अपनी जमा पूंजी पाने के लिए दर-दर की ठोकरें खाना पड़ रहा है.

मामला नारायणबगड़ विकासखण्ड के सुदूरवर्ती सबसे बड़े गांव किमोली के उप डाकघर का है. जहां ग्रामीणों की लाखों रुपये की खून पसीने की कमाई, यहां पर तैनात पोस्टमास्टर द्वारा हड़प ली गई है. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि विगत 10 वर्षो में उनके द्वारा जमा की गई लगभग 60 लाख से अधिक की धनराशि, जो पोस्ट आफिस में जमा की गई थी. जिसमें सेविंग, फिक्स, टीडी, एफडी, एलआईसी व मनरेगा के पैसे सम्मलित है. इस घोटाले की भेंट चढ़ गए.

ये भी पढ़ें: बढ़ती महंगाई के विरोध में कांग्रेस का प्रदर्शन, उग्र आंदोलन की दी चेतावनी

मामला तब प्रकाश में आया जब माह अगस्त 2020 में किमोली के ही रहने वाले पोस्टमास्टर मुकेश कुमार की अन्य जगह तैनाती हो गयी और वहां तैनात पोस्टमैन को पोस्टमास्टर को चार्ज दिया गया. वर्तमान पोस्टमास्टर मलक सिंह के अनुसार जब उन्हें चार्ज मिला तो लोग अपने पैसे निकालने हेतु उनके पास पहुंचने लगे, लेकिन उनके खातों में कोई पैसा नहीं होने पर उनके द्वारा इसकी तुरन्त सूचना डाक निरीक्षक कर्णप्रयाग को दी गई. साथ ही इस संबंध में संपूर्ण जानकारी और पासबुक सहित उपलब्ध करायी गयी.

डाक निरीक्षक पूर्वी रोहित कुमार द्वारा गांव में पहुचकर जांच की गई और जांच में ग्रामीणों के पैसे का बड़ा गड़बड़झाला प्रकाश में आया. ग्रामीणों के अनुसार डाक निरिक्षक द्वारा गांव में तीन बार आकर ग्राहकों को उनकी जमा पूंजी लौटाने का आश्वासन दिया गया, लेकिन छः माह से भी अधिक समय होने पर भी कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है.

एक ग्रामीण का कहना है कि उनके द्वारा बेटी की शादी हेतु 1 लाख तीस हजार रूपये जमा किए थे, जब वे पैसे लेने गये तो उनके खाते से 1 लाख 24 हजार रूपए अलग-अलग तिथि को निकाले गए थे. वहीं, जांच में उनके हस्ताक्षर भी फर्जी पाये गये. ग्रामीणों ने पोस्टमास्टर पर आरोप लगाया कि उसने लोगों के डाकघर में जमा पैसों को अन्य किसी प्राइवेट चिट फंड कम्पनी में लगाकर 5 साल में दोगनी रकम का भी लालच दिया था.

वहीं, सहायक अधीक्षक गोपेश्वर बद्रीप्रसाद थपलियाल ने इस घोटाले के संबंध में फोन पर जानकारी दी कि मामले में जांच चल रही है, सभी ग्रामीणों का पैसा दिया जाएगा. साथ ही आरोपी पोस्टमास्टर को निलंबित कर दिया गया है. जल्द ही विभाग के द्वारा एफआईआर भी किया जाएगा.

थराली: नारायणबगड़ विकासखंड के ग्रामीणों का डाक विभाग से भरोसा उठ चुका है. जी हां, आप सही सुन रह हैं. जहां ग्रामीण मेहनत मजदूरी कर अपने खून पसीने की कमाई डाकघर में जमा करते है कि आने वाले समय में वह अपनी बेटी की शादी, बच्चों की शिक्षा के लिए जमा राशि को खर्च करेंगे. लेकिन विडंबना देखिए, सबसे सुरक्षित और भरोसेमंद माने जाने वाले पोस्ट ऑफिस में गरीबों की जमा पूंजी को यहां के कर्मचारी डकार गए. अब ग्रामीणों को अपनी जमा पूंजी पाने के लिए दर-दर की ठोकरें खाना पड़ रहा है.

मामला नारायणबगड़ विकासखण्ड के सुदूरवर्ती सबसे बड़े गांव किमोली के उप डाकघर का है. जहां ग्रामीणों की लाखों रुपये की खून पसीने की कमाई, यहां पर तैनात पोस्टमास्टर द्वारा हड़प ली गई है. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि विगत 10 वर्षो में उनके द्वारा जमा की गई लगभग 60 लाख से अधिक की धनराशि, जो पोस्ट आफिस में जमा की गई थी. जिसमें सेविंग, फिक्स, टीडी, एफडी, एलआईसी व मनरेगा के पैसे सम्मलित है. इस घोटाले की भेंट चढ़ गए.

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मामला तब प्रकाश में आया जब माह अगस्त 2020 में किमोली के ही रहने वाले पोस्टमास्टर मुकेश कुमार की अन्य जगह तैनाती हो गयी और वहां तैनात पोस्टमैन को पोस्टमास्टर को चार्ज दिया गया. वर्तमान पोस्टमास्टर मलक सिंह के अनुसार जब उन्हें चार्ज मिला तो लोग अपने पैसे निकालने हेतु उनके पास पहुंचने लगे, लेकिन उनके खातों में कोई पैसा नहीं होने पर उनके द्वारा इसकी तुरन्त सूचना डाक निरीक्षक कर्णप्रयाग को दी गई. साथ ही इस संबंध में संपूर्ण जानकारी और पासबुक सहित उपलब्ध करायी गयी.

डाक निरीक्षक पूर्वी रोहित कुमार द्वारा गांव में पहुचकर जांच की गई और जांच में ग्रामीणों के पैसे का बड़ा गड़बड़झाला प्रकाश में आया. ग्रामीणों के अनुसार डाक निरिक्षक द्वारा गांव में तीन बार आकर ग्राहकों को उनकी जमा पूंजी लौटाने का आश्वासन दिया गया, लेकिन छः माह से भी अधिक समय होने पर भी कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है.

एक ग्रामीण का कहना है कि उनके द्वारा बेटी की शादी हेतु 1 लाख तीस हजार रूपये जमा किए थे, जब वे पैसे लेने गये तो उनके खाते से 1 लाख 24 हजार रूपए अलग-अलग तिथि को निकाले गए थे. वहीं, जांच में उनके हस्ताक्षर भी फर्जी पाये गये. ग्रामीणों ने पोस्टमास्टर पर आरोप लगाया कि उसने लोगों के डाकघर में जमा पैसों को अन्य किसी प्राइवेट चिट फंड कम्पनी में लगाकर 5 साल में दोगनी रकम का भी लालच दिया था.

वहीं, सहायक अधीक्षक गोपेश्वर बद्रीप्रसाद थपलियाल ने इस घोटाले के संबंध में फोन पर जानकारी दी कि मामले में जांच चल रही है, सभी ग्रामीणों का पैसा दिया जाएगा. साथ ही आरोपी पोस्टमास्टर को निलंबित कर दिया गया है. जल्द ही विभाग के द्वारा एफआईआर भी किया जाएगा.

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