चमोली: बदरीनाथ धाम में सोमवार को दर्शनों को लेकर घंटों पुलिस और स्थानीय ग्रामीणों के बीच नोकझोंक होती रही. घंटों तक चली नोकझोंक के बाद पुलिस प्रशासन ने ग्रामीणों को समझा-बुझा कर वापस लौटा दिया. स्थानीय लोगों ने 8 सितंबर से चारधाम यात्रा संचालन के सुचारू न होने पर फिर से उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.
सोमवार को पूर्व नियोजित कार्यक्रम के तहत सुबह 10 बजे माणा और बामणी गांव के ग्रामीण बदरीनाथ धाम के साकेत तिराहे पर एकत्रित हुए. जहां कुबेर दिवारा समिति के सचिव जसवीर मेहता ने चारधाम यात्रा संचानल शुरू न होने के विरोध में मुंडन करवा कर विरोध जताया. जिसके बाद यहां पहुंचे महिला और पुरुषों ने हाथों में पूजा की थालियां लेकर मंदिर की ओर कूच किया. मगर पुलिस ने उन्हें रोक लिया.
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इस दौरान पुलिस और ग्रामीणों की करीब आधे घंटे तक नोकझोंक होती रही. जिसके बाद ग्रामीण बैरिकेडिंग तोड़कर आगे बढ़े. बाद में पुलिस के अधिकारी और जवानों ने मंदिर जाने वाले रास्ते पर अलकनंदा नदी पर बने पुलों पर की गई बैरिकेडिंग पर ग्रामीणों को रोका.
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दोपहर करीब ढाई बजे तक पुलिस और ग्रामीणों के बीच नोकझोंक चलती रही. मौके पर पहुंचे तहसीलदार प्रदीप सिंह नेगी और पुलिस उपाधीक्षक धन सिंह तोमर ने ग्रामीणों से न्यायालय के आदेशों की बाध्यता की बात कही. जिस पर ग्रामीण गिरफ्तारी की मांग को लेकर थाने पहुंचे. जहां हुई वार्ता के दौरान पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझा-बुझा कर लौटा दिया. दूसरी ओर चारधाम यात्रा शुरू करने और स्थानीय लोगों को दर्शनों की अनुमति देने की मांग पर धर्मराज भारती (मौनी बाबा) का आमरण अनशन जारी है.