चमोली: चमोली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया अपने दो दिवसीय दौरे से पहले दिन चमोली जिले में स्थित भारत के सीमांत गांव मलारी पहुंचे. केंद्रीय मंत्री के आगमन पर नीति घाटी के ग्राम प्रधान संगठन ने उनका स्वागत किया और सम्मान स्वरूप भोजपत्र की माला भेंट की. इसके साथ ही स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित पंखी, कोट और जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने उन्हें ऑर्गेनिक पहाड़ी उत्पाद भेंट किया. इस दौरान मांडविया के स्वागत में स्थानीय महिलाओं ने पौण नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी.
इस मौके पर मांडविया ने गांववालों से बातचीत की. उन्होंने कहा कि, आज उनरो बदरी-केदार की भूमि पर आने का मौका मिला है. जिस तरह पारंपरिक वेशभूषा और जीवन शैली से उनका स्वागत हुआ उसका वो धन्यवाद करते हैं. इस दौरान मांडविया ने केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही पीएम आवास, उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत के साथ-साथ कोविड वैक्सीनेशन और फ्री राशन सहित बिजली, पानी और मोबाइल कनेक्टिविटी की जानकारी ली. उन्होंने प्रयोग के तौर पर पहाड़ी जड़ी बूटी कीड़ा-जड़ी की मंडी लगाने का भी सुझाव दिया. मांडविया ने जोशीमठ स्वास्थ्य केंद्र का नाम गौरा देवी के नाम पर करने सहमति दी है.
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सीमा पर बसा हर गांव देश का पहला गांव!
— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) March 31, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
यह बहुत ही संतुष्टि का विषय है की प्रधानमंत्री @NarendraModi जी की आयुष्मान भारत योजना का लाभ उत्तराखंड के सीमावर्ती गांव मलारी के नागरिकों को भी मिला है। pic.twitter.com/pmBM7j9hqt
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यह बहुत ही संतुष्टि का विषय है की प्रधानमंत्री @NarendraModi जी की आयुष्मान भारत योजना का लाभ उत्तराखंड के सीमावर्ती गांव मलारी के नागरिकों को भी मिला है। pic.twitter.com/pmBM7j9hqtसीमा पर बसा हर गांव देश का पहला गांव!
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यह बहुत ही संतुष्टि का विषय है की प्रधानमंत्री @NarendraModi जी की आयुष्मान भारत योजना का लाभ उत्तराखंड के सीमावर्ती गांव मलारी के नागरिकों को भी मिला है। pic.twitter.com/pmBM7j9hqt
वहीं, अपने दौरे के विषय में बताते हुए मांडविया ने कहा वर्तमान समय में सीमांत क्षेत्र में अच्छी सड़कें, नेटवर्क, कनेक्टिविटी, बिजली, पानी और स्वास्थ्य सुविधा बेहतर हुई है. हेल्थ और वेलनेस सेंटर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करा रहे हैं. टेली कंसल्टेंसी के माध्यम से सीधे बड़े डॉक्टरों द्वारा इलाज किया जाता है. आयुष्मान भारत योजना का लाभ सभी को मिल पा रहा है. पीएम आवास मिल रहे हैं. लोगों का जीवन सरल बन रहा है. सभी घरों में बिजली पानी उपलब्ध है. पहाड़ों पर ये सभी काम होने से पलायन भी कम हो रहा है.
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उत्तराखंड के सीमावर्ती गांव मलारी में आशा बहनों एवं नागरिकों के साथ केंद्रीय मंत्री डॉ @MansukhMandviya जी का संवाद। pic.twitter.com/3xmQf8pDKC
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मांडविया ने कहा कि, वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत गांवों में रोजगार के लिए साधन बढ़ाए जा रहे हैं. लोगों में हिमालय रेंज में साहसिक गेम्स की रुचि बढ़ रही है, ये देखते हुए इस ओर भी अभी काम करना है. उन्होंने कहा यहां मोबाइल कनेक्टिविटी में सुधार किया जाएगा. इससे पहले केंद्रीय मंत्री ने वाईब्रेंट विलेज प्रोग्राम को लेकर जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में उन्होंने मलारी क्षेत्र के बारे में पूरी जानकारी ली. मुख्य विकास अधिकारी ने मंत्री को मलारी क्षेत्र की जानकारी देते हुए यहां की फसलों, जड़ी बूटियों, फलों की जानकारी दी, साथ ही बताया कि कैसे यहां विकास हो सकता है. उन्होंने बताया वन विलेज वन प्रोडक्ट के तहत ऊनी वस्त्रों का निर्माण किया जाता है. यहां फल पट्टी विकसित की जा रही है. गेस्ट हाउस के साथ मार्केटिंग सेंटर भी बनाया जाएगा.
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A productive & fruitful day in Uttarakhand.
— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) March 31, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
Visited the Jan Aushadhi Store in Dehradun, reviewed development works, interacted with villagers and ASHA workers in Mallari Village, and much more.
Here are highlights from yesterday. pic.twitter.com/rwgmJnnay9
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— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) March 31, 2023
Visited the Jan Aushadhi Store in Dehradun, reviewed development works, interacted with villagers and ASHA workers in Mallari Village, and much more.
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बता दें कि वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम का उद्देश्य सीमावर्ती गांवों को विकसित करना है. इसके तहत ग्रामीणों के निवासियों के जीवन स्तर को बेहतर बनाना है. इसके साथ ही समुदाय आधारित संगठनों, सहकारी समितियों और गैर-सरकारी संगठनों के माध्यम से एक गांव, एक उत्पाद की अवधारणा पर स्थायी पर्यावरण कृषि व्यवसायों का विकास करना है.