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तंबाकू निषेध दिवस: गैरसैंण में छात्रों ने किया नुक्कड़ नाटक, बताए तंबाकू के नुकसान

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Published : May 31, 2022, 10:09 AM IST

उत्तराखंड में नशे का काला धंधा पहाड़ तक फैल गया है. बच्चों में नशे की लत शुरुआत में तंबाकू और इससे बने पदार्थों के सेवन से पनपती है. समाजसेवी सुरेश बिष्ट ने गैरसैंण तहसील के मेहलचौरी में तंबाकू निषेध दिवस पर नुक्कड़ नाटक आयोजित कर लोगों को तंबाकू से होने वाले नुकसान के बारे में सचेत किया.

No Tobacco Day
तंबाकू निषेध दिवस

गैरसैंण: तहसील के मेहलचौरी इलाके में स्थित गंगा पब्लिक जूनियर हाईस्कूल रंगचौड़ा मेहलचौरी के छात्र-छात्राओं द्वारा तंबाकू के सेवन से होने वाली घातक बीमारियों और हानि के बारे में लोगों को जागरूक किया गया. परिवार को होने वाली परेशानियों को दिखा कर बाजार में कई स्थानों पर नुक्कड़ नाटक आयोजित किए गए.

नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से जनता को जागरूक किया गया. छोटे-छोटे बच्चों द्वारा बहुत ही शानदार अंदाज में तंबाकू से होने वाली बीमारियों का बहुत सुंदर मंचन किया गया. इसे लोगों द्वारा खूब पसंद किया गया. थाना गैरसैंण के एसओ और उनकी पूरी टीम, मेहलचौरी रिपोर्टिंग पुलिस चौकी के समस्त पुलिसकर्मियों एवं व्यापार मंडल मेहलचौरी के सहयोग के लिए स्कूल प्रशासन ने धन्यवाद दिया.
ये भी पढ़ें: PM मोदी की अपील का असर, केदारघाटी में पर्यटकों ने चलाया स्वच्छता अभियान

इस मौके पर पूर्व राज्यमंत्री और समाजसेवी सुरेश बिष्ट ने कहा कि नशा मुक्त समाज उनकी प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि आज नशा हमारी युवा पीढ़ी को खत्म कर रहा है. यहां तक कि बच्चे भी नशे की चपेट में आ रहे हैं. सुरेश बिष्ट ने लोगों से आह्वान किया कि जहां भी वो नशे से जुड़ी गतिविधि देखें उसी समय विरोध करें. उन्होंने कहा कि कोई भी समाज और उसके लोग जब स्वस्थ रहेंगे तो तरक्की करेंगे. इसलिए आज हमने तंबाकू निषेध दिवस मनाया है.

World No Tobacco Day: आज के दिन यानी हर साल 31 मई को ‘विश्व तंबाकू निषेध दिवस’ मनाया जाता है. हम सभी को पता है कि तंबाकू का सेवन हमारे स्वास्थ्य के लिए कितना हानिकारक है, फिर भी लोग तंबाकू के सेवन करना नहीं छोड़ते. ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे (2016-2017) के अनुसार भारत में तंबाकू सेवन प्रारंभ करने की औसत आयु 18.7 वर्ष है और महिलाओं की तुलना में पुरुष कम उम्र में तंबाकू का सेवन शुरू कर देते हैं.

विश्व तंबाकू निषेध दिवस का महत्‍व: ‘विश्‍व तंबाकू निषेध दिवस’ मनाने का मुख्य उद्देश्य तंबाकू के खतरों और स्वास्थ्य पर इसके नकारात्मक प्रभावों के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना है. यही नहीं, इसके साथ-साथ निकोटीन व्‍यावसाय और तंबाकू के सेवन से होने वाली बीमारियों और मौतों को कम करना भी है.

विश्व तंबाकू निषेध दिवस का इतिहास: दरअसल, सबसे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा 1987 में एक प्रस्ताव पारित किया गया था. जिसे 7 अप्रैल, 1988 को 'विश्व धूम्रपान निषेध दिवस' के रूप में लागू किया गया है. इस अधिनियम के तहत लोगों को कम से कम 24 घंटे तक तंबाकू का उपयोग करने से रोकना था. हालांकि, बाद में इसे 31 मई से विश्व तंबाकू निषेध दिवस के रूप में मनाया जाने लगा. वर्ष 2008 में WHO ने तंबाकू से संबंधित किसी भी विज्ञापन या प्रचार पर भी प्रतिबंध लगा दिया. इसका मकसद था कि विज्ञापन देख युवा को धूम्रपान करने के लिए आकर्षित न हों.
ये भी पढ़ें: हल्द्वानी पुलिस ने नशा कारोबार का किया भंडाफोड़, 1125 इंजेक्शन के साथ दो तस्कर गिरफ्तार

क्‍या है इस बार की थीम: इस बार ‘विश्‍व तंबाकू निषेध दिवस’ की थीम है– ‘पर्यावरण की रक्षा करें’. बता दें कि पिछले साल इस दिवस की थीम “कमिट टू क्विट” थी.

गैरसैंण: तहसील के मेहलचौरी इलाके में स्थित गंगा पब्लिक जूनियर हाईस्कूल रंगचौड़ा मेहलचौरी के छात्र-छात्राओं द्वारा तंबाकू के सेवन से होने वाली घातक बीमारियों और हानि के बारे में लोगों को जागरूक किया गया. परिवार को होने वाली परेशानियों को दिखा कर बाजार में कई स्थानों पर नुक्कड़ नाटक आयोजित किए गए.

नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से जनता को जागरूक किया गया. छोटे-छोटे बच्चों द्वारा बहुत ही शानदार अंदाज में तंबाकू से होने वाली बीमारियों का बहुत सुंदर मंचन किया गया. इसे लोगों द्वारा खूब पसंद किया गया. थाना गैरसैंण के एसओ और उनकी पूरी टीम, मेहलचौरी रिपोर्टिंग पुलिस चौकी के समस्त पुलिसकर्मियों एवं व्यापार मंडल मेहलचौरी के सहयोग के लिए स्कूल प्रशासन ने धन्यवाद दिया.
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इस मौके पर पूर्व राज्यमंत्री और समाजसेवी सुरेश बिष्ट ने कहा कि नशा मुक्त समाज उनकी प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि आज नशा हमारी युवा पीढ़ी को खत्म कर रहा है. यहां तक कि बच्चे भी नशे की चपेट में आ रहे हैं. सुरेश बिष्ट ने लोगों से आह्वान किया कि जहां भी वो नशे से जुड़ी गतिविधि देखें उसी समय विरोध करें. उन्होंने कहा कि कोई भी समाज और उसके लोग जब स्वस्थ रहेंगे तो तरक्की करेंगे. इसलिए आज हमने तंबाकू निषेध दिवस मनाया है.

World No Tobacco Day: आज के दिन यानी हर साल 31 मई को ‘विश्व तंबाकू निषेध दिवस’ मनाया जाता है. हम सभी को पता है कि तंबाकू का सेवन हमारे स्वास्थ्य के लिए कितना हानिकारक है, फिर भी लोग तंबाकू के सेवन करना नहीं छोड़ते. ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे (2016-2017) के अनुसार भारत में तंबाकू सेवन प्रारंभ करने की औसत आयु 18.7 वर्ष है और महिलाओं की तुलना में पुरुष कम उम्र में तंबाकू का सेवन शुरू कर देते हैं.

विश्व तंबाकू निषेध दिवस का महत्‍व: ‘विश्‍व तंबाकू निषेध दिवस’ मनाने का मुख्य उद्देश्य तंबाकू के खतरों और स्वास्थ्य पर इसके नकारात्मक प्रभावों के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना है. यही नहीं, इसके साथ-साथ निकोटीन व्‍यावसाय और तंबाकू के सेवन से होने वाली बीमारियों और मौतों को कम करना भी है.

विश्व तंबाकू निषेध दिवस का इतिहास: दरअसल, सबसे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा 1987 में एक प्रस्ताव पारित किया गया था. जिसे 7 अप्रैल, 1988 को 'विश्व धूम्रपान निषेध दिवस' के रूप में लागू किया गया है. इस अधिनियम के तहत लोगों को कम से कम 24 घंटे तक तंबाकू का उपयोग करने से रोकना था. हालांकि, बाद में इसे 31 मई से विश्व तंबाकू निषेध दिवस के रूप में मनाया जाने लगा. वर्ष 2008 में WHO ने तंबाकू से संबंधित किसी भी विज्ञापन या प्रचार पर भी प्रतिबंध लगा दिया. इसका मकसद था कि विज्ञापन देख युवा को धूम्रपान करने के लिए आकर्षित न हों.
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क्‍या है इस बार की थीम: इस बार ‘विश्‍व तंबाकू निषेध दिवस’ की थीम है– ‘पर्यावरण की रक्षा करें’. बता दें कि पिछले साल इस दिवस की थीम “कमिट टू क्विट” थी.

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