नैनीताल/चमोलीः उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. समिति से जुड़े कर्मचारी 17 सूत्रीय मांगों को लेकर मुखर हैं. इसी कड़ी में नैनीताल और चमोली में राज्य कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर आक्रोश जताया. वहीं, मांगें पूरी न होने पर 5 अक्टूबर को देहरादून में रैली निकालने और हड़ताल पर जाने की चेतावनी भी दी.
समिति से जुड़े राज्य कर्मचारियों ने मांगों पर कोई कार्रवाई न होता देख नैनीताल में जमकर आक्रोश जताया. इस दौरान विभिन्न विभागों और संगठनों के कर्मचारियों ने तल्लीताल डांट से कलेक्ट्रेट तक रैली निकालकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. कार्यक्रम समन्वयक भगोत सिंह जंतवाल ने कहा कि लंबे समय से संगठन गोल्डन कार्ड विसंगतियों का निराकरण करने, पदोन्नति के लिए पात्रता अवधि में शिथिलता लाने, प्रदेश में पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने की मांग की जा रही है.
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उन्होंने कहा कि मिनिस्ट्रियल संवर्ग में कनिष्ठ सहायक के पद की योग्यता स्नातक करने, राजकीय वाहन चालकों का ग्रेड पे 2400 की जगह 4800 किए जाने समेत 17 सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार के पास अपना प्रत्यावेदन भेज रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से कर्मचारियों की मांगों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. जिसके चलते अब कर्मचारी प्रदर्शन करने को मजबूर हैं.
गोपेश्वर में भी गरजे कर्मचारीः अपनी मांगों को लेकर चमोली के गोपेश्वर में उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति ने विशाल प्रदर्शन कर रैली निकाली. रैली मंदिर मार्ग से निकली और कलेक्ट्रेट परिसर तक पहुंची. यहांं हनुमान मंदिर के पास अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति ने सभा का आयोजन किया. जिसमें समिति से जुड़े नेताओं ने अपनी मांगों पर चर्चा की. साथ ही सरकार से उनकी मांगों के जल्द समाधान की मांग की है.
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कर्मचारी संगठन के ज़िला संयोजक मोहन जोशी ने बताया कि प्रदेश के साथ-साथ चमोली जिले में भी कर्मचारियों की ओर से अपनी 17 सूत्रीय मांगों को लेकर गर्जना रैली निकाली गई. पूर्व में कर्मचारी अपनी 18 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलनरत थे, लेकिन सरकार ने उनकी एक मांग पूरी कर दी है. ऐसे में कर्मचारी 17 सूत्रीय मांगों को लेकर लामबंद है. अगर समय रहते ही उनकी मांगें पूरी नहीं होती है तो पृरे प्रदेश के कर्मचारी 5 अक्टूबर को देहरादून में हजारों की संख्या में रैली निकालेंगे.