चमोली: पंच केदारों में चतुर्थ केदार रुद्रनाथ मंदिर के कपाट खुलने की तैयारियां जोरों-शोरों से चल रही हैं. भगवान रुद्रनाथ की चल विग्रह डोली अपने शीतकालीन गद्दी स्थल भगवान गोपीनाथ के मंदिर से रुद्रनाथ के लिए विदा हो गई है. इस दौरान मौके पर सैकड़ों भक्त मौजूद रहे.
गोपेश्वर गोपीनाथ मंदिर से 22 किलोमीटर की पैदल दूरी तय कर भगवान रुद्रनाथ की डोली 18 मई को रुद्रनाथ पहुंचेगी. आज भगवान रुद्रनाथ की डोली भक्तों के साथ पनार बुग्याल में रात्रि विश्राम करेगी. जंहा से 18 मई की सुबह डोली रुद्रनाथ के लिए रवाना होगी. इसके बाद 19 मई को ब्रह्म मुहूर्त में भगवान रुद्रनाथ के कपाट 6 माह के लिए श्रद्धालुओं के लिए खोल दिये जाएंगे.
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बता दें की गोपीनाथ मंदिर में भगवान रुद्रनाथ की डोली की विदाई को लेकर सुबह मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ रखी थी. मंदिर समिति हर साल डोली के साथ रुद्रनाथ जाने वाले भक्तों के लिए भंडारे का भी आयोजन कराता है. जिसमें प्रसाद के रूप में दाल और चावल दिया जाता है.
रुद्रनाथ मंदिर के पुजारी हरीश भट्ट ने बताया कि पूरे विश्व में सिर्फ रुद्रनाथ में भगवान शिव के मुख के एकानन दर्शन होते हैं और पशुपतिनाथ में भगवान के चतुरानन दर्शन होते हैं. जबकि भगवान शिव के पंचानन दर्शन इंडोनेशिया शिव मंदिर में होते हैं.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव ने पंचकेदारों में पाण्डवों को अपने मुखभाग के दर्शन रुद्रनाथ में दिए थे,जबकि तुंगनाथ में भुजाओ और मदमहेश्वर में नाभि,केदारनाथ में पृष्ठभाग के साथ उर्गम घाटी में स्थित कल्पेश्वर में भगवान शिव की जटाओं की पूजा की जाती है.