चमोली: नंदा देवी के सिद्घपीठ कुरुड़ क्षेत्र को जोड़ने वाले नंदप्रयाग-घाट (19 किमी) सड़क के चौड़ीकरण (डेढ़ लेन) को लेकर लोगों को धरना पिछले 36 दिनों से जारी है. रविवार को 70 ग्राम पंचायतों के करीब सात हजार लोगों ने 19 किमी लंबी मानव श्रृंखलाबनाकर अपना विरोध प्रकट किया.
70 गांवों के करीब सात हजार लोग रविवार सुबह अपने-अपने वाहनों से घाट और नंदप्रयाग में इकट्ठा हुए. सुबह ग्यारह बजे दोनों जगहों से दो गज की दूरी बनाकर मानव श्रृंखला बनाई गई. घाट, गणेश नगर, सेरा, थिरपाक, तेफना, ग्वाला, चटग्याला, पुणकिला, राजबगठी, गंडासू, नौला-बनाला, खटगोली, कमेड़ा, कांडई पुल, जाखणी, सेतोली, मंगरौली, घिंघराण, नंदप्रयाग में ग्रामीणों का हुजूम उमड़ पड़ा. कांडई पुल पर लोगों की भीड़ को हटाने में पुलिस प्रशासन को भी पसीना बहाना पड़ा.
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यहां करीब आधा घंटे तक वाहनों का जाम भी लगा रहा. सेरा गांव की ऊषा रावत और 68 वर्षीय बुजुर्ग भरत सिंह नेगी का कहना है कि वे लंबे समय से सड़क के चौड़ीकरण और डामरीकरण की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है. जिस कारण आक्रोशित ग्रामीणों ने विरोध का यह अनूठा तरीका अपनाया है.
घाट बाजार में 35 दिनों से चल रहे क्रमिक धरने को ग्रामीणों ने आमरण अनशन में तब्दील कर दिया है. टैक्सी यूनियन अध्यक्ष मनोज कठैत, पूर्व जिला पंचायत सदस्य गुड्डू लाल, पुन्यारा महादेव, टैक्सी यूनियन के अध्यक्ष यशपाल सिंह और मनोज रावत ने मानव श्रृंखला आयोजित होने के दौरान ही आमरण अनशन शुरू कर दिया है. अनशनकारियों का कहना है कि मांग पर सरकार की ओर से सकारात्मक कार्रवाई के बाद ही आंदोलन स्थगित किया जाएगा.
बता दें कि नंदप्रयाग-घाट मोटर मार्ग का निर्माण साल 1962 में हुआ था. यह सड़क घाट विकास खंड के 55 और कर्णप्रयाग के 15 ग्राम पंचायतों को यातायात से जोड़ती है. यह मार्ग विभिन्न गांवों से होते हुए मां नंदा के सिद्घपीठ कुरुड़ को भी जोड़ता है. नंदप्रयाग से छह किलोमीटर की दूरी पर स्थित कांडइपुल से एक मार्ग बैरासकुंड क्षेत्र को जोड़ता है.
सुरक्षा व्यवस्था के लिए पहुंचे चमोली कोतवाली के प्रभारी चित्रगुप्त सिंह ने बताया कि सड़क चौडीकरण की मांग को लेकर घाट क्षेत्र के लोगों ने नंदप्रयाग से घाट तक मानव श्रंखला बनाई थी।ट्रैफिक व्यवस्था बाधित न हो इसके लिए पुलिस फोर्स तैनात किया गया था.