रुद्रप्रयाग/चमोलीः वायुसेना के मालवाहक हेलीकॉप्टर चिनूक ने गौचर हवाई पट्टी से केदारनाथ आपदा पुनर्निर्माण कार्यों के लिए मशीनों के पार्ट समेत और कई भारी वाहन ले जाने का कार्य शुरू कर दिया गया है. आज सुबह 6 बजे चिनूक हेलीकॉप्टर ने गौचर हवाई पट्टी से मशीनों के पार्ट लेकर केदारनाथ धाम के लिए पहली उड़ान भरी. इस दौरान चिनूक ने टैक्टर, ट्रक आदि भारी सामान केदारनाथ पहुंचाए. यह चिनूक आगामी दो दिनों तक में पोकलैंड समेत अन्य सामग्री पहुंचाएगा.
दरअसल, केदारनाथ धाम में साल 2013 की आपदा के बाद से लगातार पुनर्निर्माण कार्य जारी हैं. आपदा के बाद केदारनाथ धाम में मशीनों को पहुंचाने के लिए वायुसेना के मालवाहक हेलीकाप्टरों का सहारा लिया जा रहा है. इससे पहले एमआई-26, एमआई-17 आदि हेलीकाप्टरों से केदारनाथ धाम में मशीने पहुंचाई जा चुकी है. अब चिनूक हेलीकॉप्टर से धाम में भारी मशीनों को पहुंचाया जा रहा है.
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बीते कुछ दिन पहले वायुसेना के चिनूक हेलीकॉप्टर ने धाम में सफल ट्रायल लैंडिंग की थी. जिसके बाद चिनूक ने साल 2018 में क्षतिग्रस्त हुए एमआई-17 हेलीकॉप्टर के मलबे को अपने साथ ले गया था. मंगलवार सुबह चिनूक हेलीकॉप्टर ने गौचर से केदारनाथ धाम के लिए दो बार उड़ानें भरी. इस दौरान हेलीकॉप्टर ने गौचर हवाई पट्टी से धाम में टैक्टर, ट्रक आदि का सामान पहुंचाया.
चिनूक एक दिन में दो चक्कर ही गौचर हवाई पट्टी से केदारनाथ का लगा रहा है. एक बार में यह हेलीकॉप्टर तीन टन माल ही लेकर जाता है. डीडीएमए गुप्तकाशी के अधिशासी अभियंता प्रवीन कर्णवाल ने बताया कि केदारनाथ में चिनूक के माध्यम से भारी मशीनों को पहुंचाया जा रहा है.
चॉपर विमान है चिनूक
भारतीय वायु सेना का हेलीकॉप्टर चिनूक मालवाहक चॉपर विमान है. अमेरिकी कंपनी ने इस दो इंजन वाला बोइंग श्रेणी का भारी मालवाहक को विकसित किया है. मार्च 2019 में इसे भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल किया गया था. इसे दुर्गम, ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों में भारी भरकम सामान पहुंचाने के लिए वायु सेना के लिए खरीदा गया था. भारत ने 2015 में बोइंग के साथ 8,048 करोड़ रुपए में 15 सीएच-47 एफ चिनूक हेलीकॉप्टर खरीदने का करार किया था, इनमें से चार भारत को मिल चुके हैं.
केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण के लिए भारी मशीनों को पहुंचाने का जिम्मा चिनूक पर है. आज से शुरू हुए पहले चरण में चिनूक हेलीकॉप्टर से डंपर, जेसीबी, पोकलैंड और अन्य भारी मशीनें केदारनाथ पहुंचाई जा रही हैं.