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केदारबगड़ में शोपीस बनी पार्किंग, दो साल पहले 20 लाख में हुआ था निर्माण

केदारबगड़ में दो साल पहले बनाई गई पार्किंग अब शोपीस बनकर रह गई है. आलम ये है कि दो साल से स्थानीय प्रशासन एक भी वाहन को इस पार्किंग में पार्क कराने में पूरी तरह नाकाम साबित हुआ है.

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Published : Nov 23, 2020, 8:00 PM IST

Tharali Parking News
थराली पार्किंग न्यूज

थराली: चमोली जनपद के थराली में लोक निर्माण विभाग द्वारा करीब 20 लाख रुपए की लागत से केदारबगड़ में दो साल पहले बनाई गई पार्किंग अब शोपीस बनकर रह गई है. आलम ये है कि दो साल से स्थानीय प्रशासन एक भी वाहन को इस पार्किंग में पार्क कराने में पूरी तरह नाकाम साबित हुआ है. वहीं, जिम्मेदार नगर पंचायत थराली भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है.

केदारबगड़ में शोपीस बनी पार्किंग.

इसको लेकर स्थानीय जनता और व्यापारियों में स्थानीय प्रशासन के खिलाफ भारी रोष है. उनका कहना है कि महकमे के अधिकारी सरकारी धन का दुरुपयोग करने में जुटे हुए हैं. क्योंकि वाहन पार्किंग की बजाय बाजारों में आधा किलोमीटर तक सड़कों के दोनों छोर पर खड़े नजर आते हैं, जिससे थराली-देवाल मोटरमार्ग पर आए दिन जाम की स्थिति बनी रहती है.

पढ़ें- विधायकों को परफॉर्मेंस के आधार पर ही मिलेगा 2022 का टिकट- बंशीधर भगत

स्थानीय पुलिस बेतरतीब खड़े वाहनों का चालान तो करती है, लेकिन स्थानीय प्रशासन के साथ तालमेल बनाकर केदारबगड़ में लाखों रुपए की लागत से तैयार की गई पार्किंग में वाहनों को पार्क नहीं करा पाती है. लोक निर्माण विभाग खुद दो साल पहले इस पार्किंग का निर्माण कराने के बाद नगर पंचायत थराली को इस पार्किंग का हस्तांतरण भी करा चुका है. ऐसे में अब नगर पंचायत की इस परिसंपत्ति के रख रखाव और इसके जरिये राजस्व जुटाने की जिम्मेदारी भी नगर पंचायत की है.

थराली: चमोली जनपद के थराली में लोक निर्माण विभाग द्वारा करीब 20 लाख रुपए की लागत से केदारबगड़ में दो साल पहले बनाई गई पार्किंग अब शोपीस बनकर रह गई है. आलम ये है कि दो साल से स्थानीय प्रशासन एक भी वाहन को इस पार्किंग में पार्क कराने में पूरी तरह नाकाम साबित हुआ है. वहीं, जिम्मेदार नगर पंचायत थराली भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है.

केदारबगड़ में शोपीस बनी पार्किंग.

इसको लेकर स्थानीय जनता और व्यापारियों में स्थानीय प्रशासन के खिलाफ भारी रोष है. उनका कहना है कि महकमे के अधिकारी सरकारी धन का दुरुपयोग करने में जुटे हुए हैं. क्योंकि वाहन पार्किंग की बजाय बाजारों में आधा किलोमीटर तक सड़कों के दोनों छोर पर खड़े नजर आते हैं, जिससे थराली-देवाल मोटरमार्ग पर आए दिन जाम की स्थिति बनी रहती है.

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स्थानीय पुलिस बेतरतीब खड़े वाहनों का चालान तो करती है, लेकिन स्थानीय प्रशासन के साथ तालमेल बनाकर केदारबगड़ में लाखों रुपए की लागत से तैयार की गई पार्किंग में वाहनों को पार्क नहीं करा पाती है. लोक निर्माण विभाग खुद दो साल पहले इस पार्किंग का निर्माण कराने के बाद नगर पंचायत थराली को इस पार्किंग का हस्तांतरण भी करा चुका है. ऐसे में अब नगर पंचायत की इस परिसंपत्ति के रख रखाव और इसके जरिये राजस्व जुटाने की जिम्मेदारी भी नगर पंचायत की है.

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