चमोली: एक जुलाई से शुरू हो रही चारधाम यात्रा को लेकर प्रशासन ने अपने स्तर से तैयारियां पूरी कर ली हैं. फिलहाल, बदरीनाथ धाम में किसी भी यात्री को रात रुकने की अनुमति नहीं होगी. वहीं, शाम चार बजे के बाद लामबगड़ से किसी भी यात्री को आगे नहीं जाने दिया जाएगा.
गौर हो, राज्य सरकार ने प्रदेश के लोगों के लिए बुधवार से कुछ शर्तों के साथ चारधाम यात्रा शुरू करने की मंजूरी दे दी है, जिसको लेकर स्थानीय प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर ली हैं. एसडीएम जोशीमठ अनिल चन्याल ने बताया कि बदरीनाथ धाम में एक बार में सीमित यात्री ही जा सकेंगे. एक हजार से 12 सौ तक यात्री एक दिन में दर्शन कर सकेंगे. लेकिन वहां किसी को भी रात्रि विश्राम की अनुमति नहीं है. दर्शन कर यात्रियों को सीधे वापस लौटना होगा. विशेष परिस्थतियों में ही यात्रियों को धाम में रुकने की अनुमति मिल सकेगी.
उन्होंने बताया कि लामबगड़ में चेकपोस्ट बनाई गई है. जबतक ऑनलाइन पास बनने शुरू नहीं होते तब तक यहां पर ही ऑफलाइन पास बनाए जाएंगे. शाम चार बजे के बाद बैरियर से किसी को आगे नहीं जाने दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि फिलहाल पांडुकेश्वर में तो होटल व्यवसायी यात्रियों को रुकवाने के लिए तैयार नहीं हैं, लेकिन जोशीमठ के होटल व्यवसायी तैयार हो गए हैं.
पढ़ें- कोरोना महामारी के बीच डेंगू से निपटने के लिए कितना तैयार उत्तराखंड?
बदरीनाथ होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश मेहता का कहना है कि अभी तक धाम में किसी बाहरी व्यक्ति को जाने की अनुमति नहीं थी, जिसके चलते होटल सहित अन्य दुकानदार नहीं पहुंच पाए थे. ज्यादातर कारीगर बाहर से आते हैं, कुछ होटल व्यवसायी भी बाहर से हैं. ऐसे में वह आते भी हैं तो पहले उनको क्वारंटाइन अवधि पूरी करनी होगी. उसके बाद ही वह काम शुरू कर पाएंगे. स्थानीय होटल व्यवसायियों को भी व्यवस्था बनाने में समय लगेगा.