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दो साल से मानसिक विक्षिप्त महिला बच्चों संग फुटपाथ पर, प्रशासन ने नहीं ली कोई सुध - chamoli mentally ill women

जोशीमठ नगर क्षेत्र मे पिछले दो वर्षो से मानसिक रूप से बीमार महिला फुटपाथ पर रहे रहीं है. इन दिनों ये महिला अपनी दो छोटी बच्चियों के साथ कड़ाके की ठंड में रह रहीं हैं. वहीं, स्थानीय लोगों ने महिला और बच्चों की मदद के शासन से कई बार गुहार लगा चुके हैं. लेकिन अभी तक प्रशासन ने कोई सुध नहीं ली हैं.

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दो वर्षो से मानसिक रूप से बीमार महिला फुटपाथ पर
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Published : Dec 23, 2020, 8:23 PM IST

चमोली: जोशीमठ नगर क्षेत्र मे पिछले दो वर्षो से मानसिक रूप से बीमार महिला फुटपाथ पर रहे रहीं है. इन दिनों ये महिला अपनी दो छोटी बच्चियों के साथ कड़ाके की ठंड में रह रहीं हैं. वहीं, स्थानीय लोगों ने महिला और बच्चों की मदद के शासन से कई बार गुहार लगा चुके हैं. लेकिन अभी तक प्रशासन ने कोई सुध नहीं ली है.

बता दें कि ये महिला बद्रीनाथ टैक्सी स्टैंड पर पार्किंग के नीचे बनी दुकानों के बीच में रहती है. महिला की बच्चियों की उम्र लगभग 4 और 6 वर्ष है. एक ओर सरकार लगातार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा दे रही है. वहीं, दूसरी ओर जोशीमठ मे बच्चियों का जीवन अंधकार में है और भविष्य खतरे में. इन बच्चियों को सरकारी मदद की दरकार है. जिससे इन्हें अनुकूल वातावरण और सुविधाएं मिल सके. साथ ही इनका भविष्य उज्ज्वल बन सके.

ये भी पढ़ें : हरिद्वार में दुष्कर्म का एक और मामला आया सामने, रेप के बाद प्रेगनेंट हुई 15 साल की छात्रा

वहीं, इस मामले में जोशीमठ के सामाजिक कार्यकर्ता वैभव सकलानी ने बताया कि इस संबंध में उप जिलाधिकारी जोशीमठ को पत्र देकर और जिलाधिकारी चमोली को जानकारी दी थी. लेकिन अभी तक प्रशासन की तरफ से इनकी कोई मदद नहीं की गई. इन दिनों जोशीमठ में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. महिला कहां की है, कहां से आई है, इसकी जानकारी भी प्रशासन के पास नहीं है.

चमोली: जोशीमठ नगर क्षेत्र मे पिछले दो वर्षो से मानसिक रूप से बीमार महिला फुटपाथ पर रहे रहीं है. इन दिनों ये महिला अपनी दो छोटी बच्चियों के साथ कड़ाके की ठंड में रह रहीं हैं. वहीं, स्थानीय लोगों ने महिला और बच्चों की मदद के शासन से कई बार गुहार लगा चुके हैं. लेकिन अभी तक प्रशासन ने कोई सुध नहीं ली है.

बता दें कि ये महिला बद्रीनाथ टैक्सी स्टैंड पर पार्किंग के नीचे बनी दुकानों के बीच में रहती है. महिला की बच्चियों की उम्र लगभग 4 और 6 वर्ष है. एक ओर सरकार लगातार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा दे रही है. वहीं, दूसरी ओर जोशीमठ मे बच्चियों का जीवन अंधकार में है और भविष्य खतरे में. इन बच्चियों को सरकारी मदद की दरकार है. जिससे इन्हें अनुकूल वातावरण और सुविधाएं मिल सके. साथ ही इनका भविष्य उज्ज्वल बन सके.

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वहीं, इस मामले में जोशीमठ के सामाजिक कार्यकर्ता वैभव सकलानी ने बताया कि इस संबंध में उप जिलाधिकारी जोशीमठ को पत्र देकर और जिलाधिकारी चमोली को जानकारी दी थी. लेकिन अभी तक प्रशासन की तरफ से इनकी कोई मदद नहीं की गई. इन दिनों जोशीमठ में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. महिला कहां की है, कहां से आई है, इसकी जानकारी भी प्रशासन के पास नहीं है.

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