चमोली/रुद्रप्रयाग: एक तरह जहां मैदानी जिलों में उमस भरी गर्मी ने लोगों के पसीने निकाल रखे हैं. वहीं दूसरी तरफ पहाड़ी जिलों में बारिश और बर्फबारी ने अप्रैल के आखिर में सर्दी का एहसास करा दिया है. शनिवार को चमोली और रुद्रप्रयाग जिले में बदरीनाथ और केदारनाथ धाम समेत अन्य उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी हुई है. जिसके तापमान में काफी गिरावट दर्ज की गई है.
बदरीनाथ और हेमकुंड साहिब में हुई बर्फबारी
अप्रैल महीने में हुई बारिश और बर्फबारी ने एक बार फिर ठंड का एहसास कर दिया है. शनिवार को बदरीनाथ और हेमकुंड साहिब के साथ उससे लगी हुई चोटियों पर बर्फबारी हुई. शनिवार हुई ताजा बर्फबारी के बाद प्रशासन को रास्त खोलने में थोड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. क्योंकि चार धाम यात्रा को देखते हुए प्रशासन इन दिनों रास्तों से जमी हुई बर्फ हटाने का काम कर रहा है.
हेमकुंड साहिब में हुई बर्फबारी की वजह से अटलाकोटी ग्लेशियर के पास आस्था पथ पर से सेना द्वारा हटायी जा बर्फ का काम बांधित हुई है. वहीं घाट, पीपलकोटी, जोशीमठ और पोखरी सहित अन्य इलाकों में बूंदाबांदी हुई. इस बर्फबारी और बारिश से किसानों से भी चेहरे खिले गए हैं.
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केदारनाथ धाम में यात्रा की तैयारी प्रभावित
शनिवार को केदारनाथ धाम में भी हल्की बर्फबारी हुई है. बर्फबारी के बाद पूरी घाटी में मौमस का मिजाज बदल गया है. केदारनाथ धाम में बर्फबारी के बाद यात्रा तैयारियां शुरू करने में परेशानियां हो रही हैं. साथ ही धाम में चल रहे पुनर्निर्माण कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं. वहीं बारिश के बाद जंगलों में लगी आग भी शांत हुई है. जिससे वन विभाग ने बड़ी राहत की सांस ली है.
बता दें कि शनिवार सुबह को रुद्रप्रयाग और आसपास के इलाकों में चटक धूप निकली हुई थी, लेकिन दोपहर बाद अचानक मौसम ने करवट बदली और केदारनाथ धाम समेत अन्य पहाड़ियों पर हल्की बारिश और बर्फबारी हुई है. केदारनाथ धाम के कपाट खुलने में अब एक माह से भी कम का समय बचा हुआ है, लेकिन बार-बार मौसम यात्रा की तैयारियों में बाधक बन रहा है.