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मारवाड़ी बाईपास का विरोध शुरू, जोशीमठ संघर्ष समिति ने भेजा ज्ञापन

जनपद में ऑल वेदर रोड परियोजना का निर्माण जोशीमठ से किए जाने को लेकर मंगलवार को जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने मांग की है. इसको लेकर हेलंग मारवाड़ी बाईपास मोटर मार्ग का विरोध करते हुए समिति के पदाधिकारियों ने डीएम के माध्यम से केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को ज्ञापन भेजा है.

बाईपास के निर्माण हेतु परिवहन मंत्री को भेजा ज्ञापन.
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Published : Aug 27, 2019, 5:06 PM IST

चमोली: जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने ऑल वेदर रोड परियोजना का निर्माण जोशीमठ नगर से किए जाने की मांग की है. इसको लेकर एक बार फिर हेलंग मारवाड़ी बाईपास मोटर मार्ग का विरोध शुरू हो गया है. समिति के पदाधिकारियों ने जिलाधिकारी चमोली के माध्यम से केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को ज्ञापन भेजा है. पदाधिकारियों ने ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि जोशीमठ में धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन का विशेष महत्व है. इसे देखते हुए हेलंग मारवाड़ी बाईपास का निर्माण जोशीमठ से करना बेहद जरूरी है.

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बता दें कि संघर्ष समिति के अध्यक्ष शैलेंद्र पवार के नेतृत्व में डीएम से मिले जनप्रतिनिधियों ने कहा की जोशीमठ सामरिक दृष्टि से देश का महत्वपूर्ण भारत-चीन सीमा का क्षेत्र है. जोशीमठ से होते हुए मुख्य मार्ग नीती दर्रे तक जाता है. इसके देखते हुए केंद्र सरकार के बदरीनाथ हाईवे पर अलग हेलंग-मारवाड़ी मार्ग के निर्माण की अधिसूचना से लोगों में आक्रोश है. समिति के लोगों का कहना है इस निर्णय पर दोबारा से विचार कर जोशीमठ को ऑल वेदर रोड परियोजना से जोड़ा जाए.

बाईपास के निर्माण हेतु परिवहन मंत्री को भेजा ज्ञापन.

मामले पर जिलाधिकारी चमोली स्वाति एस भदौरिया का कहना है कि जोशीमठ के लोगों ने हेलंग मारवाड़ी बाईपास के विरोध को लेकर ज्ञापन दिया है. इसको केंद्रीय सड़क परिहवन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को भेज दिया गया है. मौजूदा प्रस्तावित हेलंग मारवाड़ी मार्ग अलकनंदा नदी के ठीक ऊपर नदी से 200 मीटर की दूरी पर स्थित है. यह ग्रीन ट्रिब्यूनल के अधिनियम का स्पष्ट उल्लंघन है.

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साथ ही समिति के सदस्य माधव प्रसाद सेमवाल का कहना है कि जोशीमठ क्षेत्र भूकंप की दृष्टि से जोन 5 में रखा गया है. हेलंग मारवाड़ी के शीर्ष भाग में जोशीमठ नगर बसा हुआ है. जबकि, मिश्रा आयोग की रिपोर्ट के अनुसार जोशीमठ नगर के निचले भाग में भूस्खलन जोन होने के कारण वहां निर्माण करने से नगर को खतरा हो सकता है. इस कारण हेलंग मारवाड़ी बाईपास का विरोध किया जा रहा है.

चमोली: जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने ऑल वेदर रोड परियोजना का निर्माण जोशीमठ नगर से किए जाने की मांग की है. इसको लेकर एक बार फिर हेलंग मारवाड़ी बाईपास मोटर मार्ग का विरोध शुरू हो गया है. समिति के पदाधिकारियों ने जिलाधिकारी चमोली के माध्यम से केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को ज्ञापन भेजा है. पदाधिकारियों ने ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि जोशीमठ में धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन का विशेष महत्व है. इसे देखते हुए हेलंग मारवाड़ी बाईपास का निर्माण जोशीमठ से करना बेहद जरूरी है.

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बता दें कि संघर्ष समिति के अध्यक्ष शैलेंद्र पवार के नेतृत्व में डीएम से मिले जनप्रतिनिधियों ने कहा की जोशीमठ सामरिक दृष्टि से देश का महत्वपूर्ण भारत-चीन सीमा का क्षेत्र है. जोशीमठ से होते हुए मुख्य मार्ग नीती दर्रे तक जाता है. इसके देखते हुए केंद्र सरकार के बदरीनाथ हाईवे पर अलग हेलंग-मारवाड़ी मार्ग के निर्माण की अधिसूचना से लोगों में आक्रोश है. समिति के लोगों का कहना है इस निर्णय पर दोबारा से विचार कर जोशीमठ को ऑल वेदर रोड परियोजना से जोड़ा जाए.

बाईपास के निर्माण हेतु परिवहन मंत्री को भेजा ज्ञापन.

मामले पर जिलाधिकारी चमोली स्वाति एस भदौरिया का कहना है कि जोशीमठ के लोगों ने हेलंग मारवाड़ी बाईपास के विरोध को लेकर ज्ञापन दिया है. इसको केंद्रीय सड़क परिहवन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को भेज दिया गया है. मौजूदा प्रस्तावित हेलंग मारवाड़ी मार्ग अलकनंदा नदी के ठीक ऊपर नदी से 200 मीटर की दूरी पर स्थित है. यह ग्रीन ट्रिब्यूनल के अधिनियम का स्पष्ट उल्लंघन है.

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साथ ही समिति के सदस्य माधव प्रसाद सेमवाल का कहना है कि जोशीमठ क्षेत्र भूकंप की दृष्टि से जोन 5 में रखा गया है. हेलंग मारवाड़ी के शीर्ष भाग में जोशीमठ नगर बसा हुआ है. जबकि, मिश्रा आयोग की रिपोर्ट के अनुसार जोशीमठ नगर के निचले भाग में भूस्खलन जोन होने के कारण वहां निर्माण करने से नगर को खतरा हो सकता है. इस कारण हेलंग मारवाड़ी बाईपास का विरोध किया जा रहा है.

Intro:जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने ऑल वेदर रोड परियोजना का निर्माण जोशीमठ नगर से किए जाने की मांग को लेकर एक बार फिर हेलंग मारवाड़ी बाईपास मोटर मार्ग का विरोध शुरू कर दिया है।समिति के पदाधिकारियों ने जिलाधिकारी चमोली के माध्यम से केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को ज्ञापन भेजा है। कहा गया है कि जोशीमठ में धार्मिक सांस्कृतिक और पर्यटन महत्व को देखते हुए बदमाशों का निर्माण जोशीमठ से किया बेहद जाना जरूरी है।

विस्वल मेल से भेजे है।


Body:संघर्ष समिति के अध्यक्ष शैलेंद्र पवार के नेतृत्व में डीएम से मिले जनप्रतिनिधियों ने कहा की जोशीमठ सामरिक दृष्टि से देश का महत्वपूर्ण भारत चीन - सीमा का क्षेत्र है। जोशीमठ से होते हुए मुख्य मार्ग नीती दर्रे तक जाता है। लेकिन केंद्र सरकार के द्वारा बद्रीनाथ हाईवे पर अलग हेलंग - मारवाड़ी मार्ग के निर्माण की अधिसूचना से लोगों में आक्रोश है। समिति के लोगों का कहना है इस निर्णय पर पुनर्विचार कर ऑल वेदर रोड परियोजना से जोशीमठ को भी जोड़ा जाए।

मामले पर जिलाधिकारी चमोली स्वाति एस भदौरिया का कहना है कि जोशीमठ के लोगो के द्वारा हेलंग मारवाड़ी बाईपास के विरोध को लेकर ज्ञापन दिया गया है।जिसको कि केंद्रीय सड़क परिहवन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को भेज दिया गया है।

बाईट-स्वाति एस भदौरिया-डीएम चमोली


Conclusion:बता दें कि मौजूदा प्रस्तावित हेलंग मारवाड़ी मार्ग अलकनंदा नदी के ठीक ऊपर नदी से 200 मीटर की दूरी पर स्थित है। जो ग्रीन ट्रिब्यूनल के अधिनियम का स्पष्ट उल्लंघन है।साथ ही समिति के सदस्य माधव प्रसाद सेमवाल का कहना है कि जोशीमठ क्षेत्र भूकंप की दृष्टि से ज़ोन 5 में रखा गया है,और हेलंग मारवाडी के शीर्ष भाग में जोशीमठ नगर बसा हुआ है।जबकि मिश्रा आयोग की रिपोर्ट के अनुसार जोशीमठ नगर के निचले भाग में भूस्खलन ज़ोन होने के कारण छेड़छाड़ करने से नगर को खतरा उतपन्न हो सकता है।जिस कारण हेलंग मारवाड़ी बाईपास का विरोध किया जा रहा है ।

बाईट-माधव प्रसाद सेमवाल-स्थानीय।
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