चमोली: जिला मुख्यालय गोपेश्वर में अवैध खनन का कारोबार जोरों से चल रहा है. हैरानी की बात ये है कि जिस स्थान पर यह अवैध खनन हो रहा है, वहां से एसडीएम का कार्यालय महज कुछ ही फासले पर है. लेकिन अभी तक खनन माफिया के खिलाफ तहसील प्रशासन द्वारा भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
बता दें कि गोपेश्वर के पास अलकनंदा और बालखिला नदी के किनारे अवैध खनन जोरों से चल रहा है. खनन कारोबारियों के हौसले इतने बुलंद है कि उन्हें न तो प्रशासन का खौफ है न ही पुलिस का. वहीं, जिस स्थान पर खनन हो रहा है उस स्थान से एसडीएम का कार्यालय महज डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जबकि चमोली कोतवाली एक किलोमीटर की दूरी पर है. बावजूद इसके बालखिला नदी के किनारे से खनन कारोबारियों के बेखौफ होकर खच्चरों और डंपरों के जरिये अवैध खनन सामग्री को ठिकाने लगा रहे हैं. वहीं, स्थानीय लोगों ने चमोली तहसील के अधिकारियों पर खनन कारोबारियों के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया है.
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इस मामले पर पुलिस अधीक्षक चमोली यशवंत सिंह चौहान का कहना है कि मेरे संज्ञान में अवैध खनन का मामला नहीं है. मीडिया के माध्यम से ही अवैध खनन की जानकारी प्राप्त हुई है. अवैध खनन को रोकने को लेकर पुलिस के द्वारा छापेमारी अभियान चलाया जाएगा.
उधर, जिलाधिकारी चमोली स्वाति एस भदौरिया का कहना है कि अवैध खनन रोकने को लेकर तहसील स्तर पर राजस्व विभाग की टीमों द्वारा समय समय पर कार्रवाई की जाती है. अवैध खनन का करते हुए कई वाहनों को सीज कर जुर्माना लगाया गया है
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बहरहाल, जिस विभाग पर अवैध खनन को रोकने का जिम्मा है, उस विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों का जबाब भी गोलमोल है. चमोली जनपद के उपनिदेशक जिला खनन अधिकारी दिनेश कुमार का कहना है कि जब भी अवैध खनन की शिकायत पर छापेमारी की कार्रवाई के लिए टीम पहुंचती है, तब तक खनन कारोबारी मौके से फरार हो जाते हैं. उन्होंने भी जनपद में अवैध खनन की बात को भी हमारे कैमरे पर स्वीकारा है.