चमोली: भारत-तिब्बत सीमा (Indo-Tibetan Border Area) क्षेत्र स्थित नीती घाटी (Niti Valley) में प्रसिद्ध नीती महादेव (टिम्मरसैंण) गुफा मंदिर (Famous Neeti Mahadev Cave Temple) है. जहां सर्दियों के मौसम में बाबा बर्फानी आकार लेने लगते हैं, इस बार भी यहां गुफा की चट्टान पर बहता पानी जमकर आकृतियां लेने लगा है. जिससे गुफा मंदिर का सौंदर्य निखरने लगा है.
बता दें कि नीती घाटी के अंतिम गांव नीती के समीप स्थित है. यहां बाबा बर्फानी का गुफा मंदिर (Baba Barfani Cave Temple) स्थित है. यहां हर साल शीतकाल में अमरनाथ की भांति ही गुफा में बर्फ का शिवलिंग (ice shivling) आकार लेता है, जो फरवरी से मार्च तक यहां विराजमान रहता है, लेकिन मंदिर का प्रचार प्रसार न होने के चलते वर्तमान समय में यहां स्थानीय ग्रामीण ही बाबा बर्फानी के दर्शन (Baba Barfani Darshan) और पूजा अर्चना कर पाते हैं.
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बता दे कि बीते कुछ वर्षों से शासन और प्रशासन की ओर से जनवरी से मार्च के मध्य यहां तीर्थयात्रा की व्यवस्थाएं बनाई जा रही है, लेकिन घाटी में अत्याधिक बर्फबारी और सड़क से बर्फ हटाने के पुख्ता इंतजाम न होने के चलते यहां आवाजाही में दिक्कतें होती हैं.
स्थानीय ग्रामीण धर्मेंद्र पाल और धीरेंद्र गरोडिया का कहना है कि घाटी में शीतकाल में बर्फवारी के दौरान यहां टिम्मरसैंण महादेव में बर्फ का शिवलिंग (Ice Shivling in Timmarsain Mahadev) आकार लेने लगा है. यदि शीतकाल में यहां सड़क से बर्फ हटाने के पुख्ता इंतजाम किए जाए तो मार्च माह तक यहां अमरनाथ की तर्ज पर बाबा बर्फानी की यात्रा (Baba Barfani yatra) का सुचारू संचालन किया जा सकता है. जिससे शीतकालीन पर्यटन व तीर्थाटन से स्थानीय लोगों की आय में वृद्धि हो सकेगी.