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केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग में पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हिमालयन थार का झुंड - चोपता न्यूज

हिमालयाई घोरल (Himalayan goral) का वैज्ञानिक नाम नेमोरहेडस गोरल (Naemorhedus goral) है, जो हिमालय क्षेत्र में पाई जाने वाली एक घोरल की जीव वैज्ञानिक जाति है.

हिमालयाई घोरल
हिमालयाई घोरल
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Published : Aug 9, 2020, 6:53 PM IST

Updated : Aug 9, 2020, 9:49 PM IST

चमोली: केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के चोपता क्षेत्र में इन दिनों हिमालयन थार का झुंड सड़कों के किनारे दिखाई दे रहा है, जो पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. पर्यटक और स्थानीय लोग हिमालयन थार के साथ सेल्फी भी ले रहे हैं. हिमालयन थार का इस तरह सड़क पर आना उनके लिए खतरा साबित होता है. क्योंकि हिमालयन थार को संरक्षित श्रेणी में रखा गया है, जिस पर हमेशा शिकारियों के नजर होती है.

हिमालयन थार का झुंड.

इस बारे में जब केदारनाथ वन प्रभाग उप वन संरक्षक अमित कंवर ने बात की गई तो उन्होंने कहा कि उनके संज्ञान में आया है कि चोपता के पास कांचुलाखर्क में हिमालयन थार का झुंड सड़क किनारे आ रहा है. वन विभाग उस स्थान पर सुरक्षा दीवार लगा रहा है. ताकि ये झुंड बाहर ना आए इसके अलावा लोगों से जंगली जानवरों को खाद्य सामग्री न देने की अपील भी की जा रही है.

पढ़ें- सावन की पूजा में ब्रह्म कमल का विशेष महत्व, नंगे पांव ग्रामीण हिमालय से लाते हैं 'देव पुष्प'

बता दें कि हिमालयाई घोरल (Himalayan goral) का वैज्ञानिक नाम नेमोरहेडस गोरल (Naemorhedus goral) है, जो हिमालय क्षेत्र में पाया जाने वाली एक घोरल की एक जाति है. इसकी संख्या को शिकार और वनोन्मूलन के कारण क्षति पहुंच रही है और इसका नाम आईयूसीएन लाल सूची में शामिल किया गया है.

चमोली: केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के चोपता क्षेत्र में इन दिनों हिमालयन थार का झुंड सड़कों के किनारे दिखाई दे रहा है, जो पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. पर्यटक और स्थानीय लोग हिमालयन थार के साथ सेल्फी भी ले रहे हैं. हिमालयन थार का इस तरह सड़क पर आना उनके लिए खतरा साबित होता है. क्योंकि हिमालयन थार को संरक्षित श्रेणी में रखा गया है, जिस पर हमेशा शिकारियों के नजर होती है.

हिमालयन थार का झुंड.

इस बारे में जब केदारनाथ वन प्रभाग उप वन संरक्षक अमित कंवर ने बात की गई तो उन्होंने कहा कि उनके संज्ञान में आया है कि चोपता के पास कांचुलाखर्क में हिमालयन थार का झुंड सड़क किनारे आ रहा है. वन विभाग उस स्थान पर सुरक्षा दीवार लगा रहा है. ताकि ये झुंड बाहर ना आए इसके अलावा लोगों से जंगली जानवरों को खाद्य सामग्री न देने की अपील भी की जा रही है.

पढ़ें- सावन की पूजा में ब्रह्म कमल का विशेष महत्व, नंगे पांव ग्रामीण हिमालय से लाते हैं 'देव पुष्प'

बता दें कि हिमालयाई घोरल (Himalayan goral) का वैज्ञानिक नाम नेमोरहेडस गोरल (Naemorhedus goral) है, जो हिमालय क्षेत्र में पाया जाने वाली एक घोरल की एक जाति है. इसकी संख्या को शिकार और वनोन्मूलन के कारण क्षति पहुंच रही है और इसका नाम आईयूसीएन लाल सूची में शामिल किया गया है.

Last Updated : Aug 9, 2020, 9:49 PM IST
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