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हेमकुंड साहिब के कपाट खुले, पहले जत्थे में 100 श्रद्धालुओं को मिली अनुमति

हेमकुंड साहिब के कपाट आज सुबह 10 बजे विधि-विधान के साथ खोल दिए गए हैं. कोरोना संकट की वजह से इस बार हेमकुंड साहिब के कपाट तय समय पर नहीं खुल पाए थे. अब एक महीने 10 दिन के लिए हेमकुंड साहिब के कपाट खोले गए हैं. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने श्रद्धालुओं को बधाई और शुभकामना दी है.

hemkund sahib yatra 2020
हेमकुंड साहिब यात्रा 2020
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Published : Sep 4, 2020, 11:30 AM IST

चमोली: सिखों के पवित्र धाम हेमकुंड साहिब के कपाट आज सुबह 10 बजे विधि-विधान के साथ खोल दिए गए हैं. वैश्विक महामारी कोरोना के चलते इस बार नियत तिथि पर हेमकुंड साहिब के कपाट नहीं खुल पाये थे. गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के मुख्य प्रबंधक सरदार सेवा सिंह के अनुसार हेमकुंड साहिब के कपाट इस साल श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ एक महीने 10 दिन तक खुले रहेंगे.

आज सुबह 5 बजे रात्रि विश्राम के बाद घांघरिया गुरुद्वारे से पंच प्यारों की अगुवाई में सिख श्रद्धालुओं का पहला जत्था रवाना हुआ. करीब 8 बजे हेमकुंड साहिब पहुंचने के बाद 9 बजे पंच प्यारे की अगुवाई में सचखंड साहिब गर्भगृह से पवित्र गुरुग्रंथ साहिब को लाया गया. इसके बाद शबद-कीर्तन और इस साल की पहली अरदास पूरी की गई.

पढ़ें- विधायक ने शासन को लिखा पत्र, MLA हॉस्टल में बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक की मांग

पहले जत्थे में हेमकुंड साहिब पहुंचे सिख श्रद्धालुओं ने पवित्र सरोवर में आस्था की डुबकी लगाई और शबद-कीर्तन और अरदास का श्रवण किया. बता दें, कोरोना संक्रमण के भय से जिला प्रशासन ने धाम में एक दिन में 100 श्रदालुओं को ही जाने की अनुमति दी है.

बता दें, हेमकुंड साहिब में सिक्खों के दसवें और अंतिम गुरु, गुरु गोविन्द सिंह ने तपस्या की थी. हेमकुंड साहिब विश्वभर में सबसे ऊंचाई पर स्थित गुरुद्वारा है, जो समुद्र तल से 15,225 फीट की ऊंचाई पर स्थित है.

चमोली: सिखों के पवित्र धाम हेमकुंड साहिब के कपाट आज सुबह 10 बजे विधि-विधान के साथ खोल दिए गए हैं. वैश्विक महामारी कोरोना के चलते इस बार नियत तिथि पर हेमकुंड साहिब के कपाट नहीं खुल पाये थे. गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के मुख्य प्रबंधक सरदार सेवा सिंह के अनुसार हेमकुंड साहिब के कपाट इस साल श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ एक महीने 10 दिन तक खुले रहेंगे.

आज सुबह 5 बजे रात्रि विश्राम के बाद घांघरिया गुरुद्वारे से पंच प्यारों की अगुवाई में सिख श्रद्धालुओं का पहला जत्था रवाना हुआ. करीब 8 बजे हेमकुंड साहिब पहुंचने के बाद 9 बजे पंच प्यारे की अगुवाई में सचखंड साहिब गर्भगृह से पवित्र गुरुग्रंथ साहिब को लाया गया. इसके बाद शबद-कीर्तन और इस साल की पहली अरदास पूरी की गई.

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पहले जत्थे में हेमकुंड साहिब पहुंचे सिख श्रद्धालुओं ने पवित्र सरोवर में आस्था की डुबकी लगाई और शबद-कीर्तन और अरदास का श्रवण किया. बता दें, कोरोना संक्रमण के भय से जिला प्रशासन ने धाम में एक दिन में 100 श्रदालुओं को ही जाने की अनुमति दी है.

बता दें, हेमकुंड साहिब में सिक्खों के दसवें और अंतिम गुरु, गुरु गोविन्द सिंह ने तपस्या की थी. हेमकुंड साहिब विश्वभर में सबसे ऊंचाई पर स्थित गुरुद्वारा है, जो समुद्र तल से 15,225 फीट की ऊंचाई पर स्थित है.

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