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चमोली: मनरेगा टेंडर प्रक्रिया से नाराज ग्राम प्रधानों ने किया प्रदर्शन

चमोली में मनरेगा कार्यों में प्रयोग की जाने वाली सामग्री में टेंडर प्रक्रिया से नाराज ग्राम प्रधानों ने कर्णप्रयाग विकासखंड अंतर्गत ब्लॉक कार्यालय पर तालाबंदी कर प्रदर्शन किया. इसके साथ ही इस टेंडर प्रक्रिया को समाप्त करने की मांग की.

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टेंडर प्रक्रिया से नाराज ग्राम प्रधानों ने किया प्रदर्शन
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Published : Jul 14, 2020, 7:12 PM IST

Updated : Jul 14, 2020, 8:06 PM IST

चमोली: मनरेगा कार्यों में प्रयोग होने वाली सामग्री की टेंडर प्रक्रिया से ग्राम प्रधानों में नाराजगी देखने को मिल रही है. जिसे लेकर मंगलवार को चमोली जिले के कर्णप्रयाग विकासखंड अंतर्गत 94 ग्राम सभाओं के प्रधानों ने ब्लॉक कार्यालय का तालाबंदी कर प्रदर्शन किया. ग्राम प्रधानों का कहना है कि यदि सरकार इस टेंडर प्रक्रिया को निरस्त नहीं करती है तो सभी ग्राम प्रधान सामूहिक इस्तीफा देने को मजबूर होंगे.

बता दें कि, जिला प्रशासन ने मनरेगा योजना के कार्यों में प्रयोग की जाने वाली सामग्री को लेकर टेंडर कराया गया है. ऐसे में ग्राम प्रधानों को मनरेगा योजना के तहत होने वाली निर्माण कार्य के लिए सामान उन्हीं व्यापारियों से लेना होगा जिनका टेंडर हुआ है. लेकिन, ग्राम प्रधानों का कहना है कि पहाड़ी क्षेत्रों में भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार ये प्रक्रिया फिट नहीं बैठती है. लिहाजा, सरकार को टेंडर प्रक्रिया समाप्त करनी चाहिए.

टेंडर प्रक्रिया से नाराज ग्राम प्रधानों ने किया प्रदर्शन

पढ़ें- कोटद्वार: आपदा से निपटने के लिए प्रशासन ने कसी कमर, नदियां और नाले बरपाते हैं 'कहर'

ग्राम प्रधान हेमंती देवी का कहना है कि खंड विकास अधिकारी द्वारा आंदोलन कर रहे ग्राम प्रधानों के साथ अभद्रता की गई है. उन्होंने कहा कि जब ग्राम प्रधान उनके पास किसी भी कार्य के लिए जाते हैं तो वह उनका कार्य नहीं करते हैं. इसके साथ ही ग्राम प्रधानों का कहना है कि जब तक जिला प्रशासन ये टेंडर समाप्त कर अपना फैसला वापस नहीं लेता, उनका अनिश्चितकालीन धरना जारी रहेगा.

चमोली: मनरेगा कार्यों में प्रयोग होने वाली सामग्री की टेंडर प्रक्रिया से ग्राम प्रधानों में नाराजगी देखने को मिल रही है. जिसे लेकर मंगलवार को चमोली जिले के कर्णप्रयाग विकासखंड अंतर्गत 94 ग्राम सभाओं के प्रधानों ने ब्लॉक कार्यालय का तालाबंदी कर प्रदर्शन किया. ग्राम प्रधानों का कहना है कि यदि सरकार इस टेंडर प्रक्रिया को निरस्त नहीं करती है तो सभी ग्राम प्रधान सामूहिक इस्तीफा देने को मजबूर होंगे.

बता दें कि, जिला प्रशासन ने मनरेगा योजना के कार्यों में प्रयोग की जाने वाली सामग्री को लेकर टेंडर कराया गया है. ऐसे में ग्राम प्रधानों को मनरेगा योजना के तहत होने वाली निर्माण कार्य के लिए सामान उन्हीं व्यापारियों से लेना होगा जिनका टेंडर हुआ है. लेकिन, ग्राम प्रधानों का कहना है कि पहाड़ी क्षेत्रों में भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार ये प्रक्रिया फिट नहीं बैठती है. लिहाजा, सरकार को टेंडर प्रक्रिया समाप्त करनी चाहिए.

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ग्राम प्रधान हेमंती देवी का कहना है कि खंड विकास अधिकारी द्वारा आंदोलन कर रहे ग्राम प्रधानों के साथ अभद्रता की गई है. उन्होंने कहा कि जब ग्राम प्रधान उनके पास किसी भी कार्य के लिए जाते हैं तो वह उनका कार्य नहीं करते हैं. इसके साथ ही ग्राम प्रधानों का कहना है कि जब तक जिला प्रशासन ये टेंडर समाप्त कर अपना फैसला वापस नहीं लेता, उनका अनिश्चितकालीन धरना जारी रहेगा.

Last Updated : Jul 14, 2020, 8:06 PM IST
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