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चमोली के जंगलों में लगी आग हुई बेकाबू, लापरवाही बरतने वाले होंगे सस्पेंड

नंदानगर ब्लॉक के लांखी गांव के नखुना व कोपटरा के जंगल में दो दिनों से लगी आग विकराल रूप धारण कर चुकी है. ग्रामीणों का कहना है कि देर शाम तक भी वन विभाग की टीम क्षेत्र में नहीं पहुंची है. वहीं, डीएफओ का कहना है कि लापरवाही बरतने वाले वन अधिकारियों और कर्मचारियों को निलंबित किया जाएगा.

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चमोली के जंगलों में लगी आग
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Published : Apr 10, 2022, 5:56 PM IST

चमोली: जंगलों में लगी आग लगातार बढ़ती जा रही है. चारों तरफ जंगल धूं-धूं कर जल रहे हैं. सूखे पेड़ों के बाद अब आग ने हरे भरे पेड़ों को भी अपने जद में ले लिया हैं. जंगल में लगी आग से क्षेत्र में संरक्षित प्रजाति के बांज, बुरांस के पेड़ों के साथ ही लाखों की वन संपदा जलकर खाक हो गयी है. ग्रामीणों का कहना है कि देर शाम तक भी वन विभाग की टीम क्षेत्र में नहीं पहुंची. वहीं, डीएफओ का कहना है कि अगर लाहपरवाही सामने आई तो संबंधित वन क्षेत्राधिकारियों को कार्यकाल में संबंद्ध करने के साथ-साथ फॉरेस्ट गार्डों को निलंबित किया जाएगा.

नंदानगर ब्लॉक के लांखी गांव के नखुना व कोपटरा के जंगल में दो दिनों से लगी आग विकराल रूप धारण कर चुकी है. वहीं, लंगासू के पास भी जंगलों में आग लगातार बढ़ती ही जा रही है. जंगल की आग से उठते धुंए से घाटी पट जाने से ग्रामीणों को सांस लेने में भी तकलीफ होने लगी है. जंगल में लगी आग से वन्य जीवों को भी खतरा पैदा हो गया है.

चमोली के जंगलों में लगी आग

ये भी पढ़ें: दिल्ली-दून एक्सप्रेस-वे: पेड़ और कुल्हाड़ी के बीच 'ढाल' बने युवा, आशारोड़ी में पेड़ काटने का विरोध

ग्रामीणों द्वारा सीमित संसाधनों के अभाव में आग बुझाने का प्रयास तो किया जा रहा है, लेकिन आग की बढ़ती लपटों के कारण लोगों पर जान का खतरा बना हुआ हैं. ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्द आग पर काबू नहीं किया गया तो आग आबादी क्षेत्रों में पहुंच सकती है.

बदरीनाथ वन प्रभाग के उप वन संरक्षक सर्वेश कुमार दुबे ने कहा कि जंगलों की आग बुझाने के लिए फायर वाचरों की बड़ी संख्या में तैनाती की गई है. अधिकारियों को साफ निर्देशित किया गया है कि आग बुझाने में अगर लापरवाही सामने आई तो संबंधित वन क्षेत्राधिकारियों को कार्यकाल में संबंद्ध करने के साथ-साथ फॉरेस्ट गार्डों को निलंबित किया जाएगा.

चमोली: जंगलों में लगी आग लगातार बढ़ती जा रही है. चारों तरफ जंगल धूं-धूं कर जल रहे हैं. सूखे पेड़ों के बाद अब आग ने हरे भरे पेड़ों को भी अपने जद में ले लिया हैं. जंगल में लगी आग से क्षेत्र में संरक्षित प्रजाति के बांज, बुरांस के पेड़ों के साथ ही लाखों की वन संपदा जलकर खाक हो गयी है. ग्रामीणों का कहना है कि देर शाम तक भी वन विभाग की टीम क्षेत्र में नहीं पहुंची. वहीं, डीएफओ का कहना है कि अगर लाहपरवाही सामने आई तो संबंधित वन क्षेत्राधिकारियों को कार्यकाल में संबंद्ध करने के साथ-साथ फॉरेस्ट गार्डों को निलंबित किया जाएगा.

नंदानगर ब्लॉक के लांखी गांव के नखुना व कोपटरा के जंगल में दो दिनों से लगी आग विकराल रूप धारण कर चुकी है. वहीं, लंगासू के पास भी जंगलों में आग लगातार बढ़ती ही जा रही है. जंगल की आग से उठते धुंए से घाटी पट जाने से ग्रामीणों को सांस लेने में भी तकलीफ होने लगी है. जंगल में लगी आग से वन्य जीवों को भी खतरा पैदा हो गया है.

चमोली के जंगलों में लगी आग

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ग्रामीणों द्वारा सीमित संसाधनों के अभाव में आग बुझाने का प्रयास तो किया जा रहा है, लेकिन आग की बढ़ती लपटों के कारण लोगों पर जान का खतरा बना हुआ हैं. ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्द आग पर काबू नहीं किया गया तो आग आबादी क्षेत्रों में पहुंच सकती है.

बदरीनाथ वन प्रभाग के उप वन संरक्षक सर्वेश कुमार दुबे ने कहा कि जंगलों की आग बुझाने के लिए फायर वाचरों की बड़ी संख्या में तैनाती की गई है. अधिकारियों को साफ निर्देशित किया गया है कि आग बुझाने में अगर लापरवाही सामने आई तो संबंधित वन क्षेत्राधिकारियों को कार्यकाल में संबंद्ध करने के साथ-साथ फॉरेस्ट गार्डों को निलंबित किया जाएगा.

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