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फिश एंगलिंग के शौकीनों के लिए खुशखबरी, पैसे भरो और इन नदियों में मछली पकड़ो

चमोली जिले की 2 नदियों में फिश एंगलिंग करना अब आसान होगा. शुल्क जमा करने के बाद इन दो नदियों में मछली पकड़ने की अनुमति दी जाएगी.

फिश एग्लिंग
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Published : Jul 30, 2019, 9:19 PM IST

चमोली: चमोली से फिश एंगलिंग के शौकीन लोगों के लिए राहत भरी खबर है. शुरुआती दौर में चमोली में जिला मत्स्य विभाग की पहल पर जनपद की 2 नदियों पर फिश एंगलिंग के परमिट भी स्वयं सहायता समूहों को आवंटित किये गए हैं. इन दो नदियों में फिश एंगलिंग का काम भी शुरू हो गया है. स्थानीय मछुआरे और फिश एंगलिंग के शौकीन पर्यटकों को मत्स्य विभाग द्वारा तय शुल्क जमा करने के बाद ही मछली पकड़ने की अनुमति दी जाएगी.

पैसे भरो और मछली पकड़ो.

दरअसल, चमोली जनपद विश्वभर में अपनी सुंदरता के लिए विख्यात है. यहां पर हर साल देश और विदेशों से हजारों की तादाद में पर्यटक पहुंचते हैं. जनपद में कई छोटी बड़ी नदियां भी हैं, जिनमें ट्राउड और महासीर प्रजाति की मछलियां भी पाई जाती हैं.

चमोली जिले में पहुंचने के बाद नदियों को देखकर पकड़ने के शौकीन कई विदेशी पर्यटकों को नदियों में फिश एंगलिंग का ख्याल तो आता है, लेकिन बगैर अनुमति मछली पकड़ना कानूनन अपराध होने के चलते पर्यटक आज तक अपना यह शौक पूरा नहीं कर पाते थे.

लेकिन अब ऐसा नहीं है मत्स्य विभाग द्वारा चमोली जनपद में दो नदियों नंदाकिनी पर सितेल से सलबगड़ तक और अलकनंदा नदी पर नंदप्रयाग से लंगासू तक बीट निर्धारित कर फिश एंगलिंग के परमिट स्थानीय स्वयं सहायता समूहों को टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से वितरित किये हैं.

जिसमें कि स्थानीय मछुआरों को रोजगार की दृष्टि से नदी से मछलियां पकड़ने के लिए समूह में 20 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से शुल्क जमा कराना होगा, जबकि देशी पर्यटकों को महासीर फिश जोन से फिश एंगलिंग के लिए 75 रुपये तथा ट्राउड फिश जोन से 100 रुपये का शुल्क समूहों में जमा करवाना होगा. ठीक इसी तरह विदेशी पर्यटकों से महासीर फिश जोन में 100 रुपये तथा ट्राउड फिश जोन में फिश एग्लिंग के लिए 200 रुपये का शुल्क समूह को देना होगा.

यह भी पढ़ेंः विकासनगरः गैस सिलेंडर फटने से झुलसे एक ही परिवार के 7 लोग, हायर सेंटर रेफर

सहायक निदेशक मत्स्य विभाग चमोली जगदम्बा कुमार ने बताया कि फिश एंगलिंग के परमिट वितरित किए जाने को लेकर मत्स्य विभाग ने टेडर जारी किए थे. जिसमें कि चमोली जनपद में स्थित अलकनंदा नदी और नंदाकिनी नदी में बीट निर्धारित कर 2 स्वयं सहायता समूहों को फिश एंगलिंग के परमिट वितरित किये गए.

समूहों द्वारा मत्स्य विभाग चमोली में परमिट की वैधता एक वर्ष के लिए 5,000 रुपये की राशि जमा की गई है, जिसमें एक वर्ष तक फिश एंगलिंग से जो भी आय होगी वह धनराशि समूहों की अपनी होगी.

चमोली: चमोली से फिश एंगलिंग के शौकीन लोगों के लिए राहत भरी खबर है. शुरुआती दौर में चमोली में जिला मत्स्य विभाग की पहल पर जनपद की 2 नदियों पर फिश एंगलिंग के परमिट भी स्वयं सहायता समूहों को आवंटित किये गए हैं. इन दो नदियों में फिश एंगलिंग का काम भी शुरू हो गया है. स्थानीय मछुआरे और फिश एंगलिंग के शौकीन पर्यटकों को मत्स्य विभाग द्वारा तय शुल्क जमा करने के बाद ही मछली पकड़ने की अनुमति दी जाएगी.

पैसे भरो और मछली पकड़ो.

दरअसल, चमोली जनपद विश्वभर में अपनी सुंदरता के लिए विख्यात है. यहां पर हर साल देश और विदेशों से हजारों की तादाद में पर्यटक पहुंचते हैं. जनपद में कई छोटी बड़ी नदियां भी हैं, जिनमें ट्राउड और महासीर प्रजाति की मछलियां भी पाई जाती हैं.

चमोली जिले में पहुंचने के बाद नदियों को देखकर पकड़ने के शौकीन कई विदेशी पर्यटकों को नदियों में फिश एंगलिंग का ख्याल तो आता है, लेकिन बगैर अनुमति मछली पकड़ना कानूनन अपराध होने के चलते पर्यटक आज तक अपना यह शौक पूरा नहीं कर पाते थे.

लेकिन अब ऐसा नहीं है मत्स्य विभाग द्वारा चमोली जनपद में दो नदियों नंदाकिनी पर सितेल से सलबगड़ तक और अलकनंदा नदी पर नंदप्रयाग से लंगासू तक बीट निर्धारित कर फिश एंगलिंग के परमिट स्थानीय स्वयं सहायता समूहों को टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से वितरित किये हैं.

जिसमें कि स्थानीय मछुआरों को रोजगार की दृष्टि से नदी से मछलियां पकड़ने के लिए समूह में 20 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से शुल्क जमा कराना होगा, जबकि देशी पर्यटकों को महासीर फिश जोन से फिश एंगलिंग के लिए 75 रुपये तथा ट्राउड फिश जोन से 100 रुपये का शुल्क समूहों में जमा करवाना होगा. ठीक इसी तरह विदेशी पर्यटकों से महासीर फिश जोन में 100 रुपये तथा ट्राउड फिश जोन में फिश एग्लिंग के लिए 200 रुपये का शुल्क समूह को देना होगा.

यह भी पढ़ेंः विकासनगरः गैस सिलेंडर फटने से झुलसे एक ही परिवार के 7 लोग, हायर सेंटर रेफर

सहायक निदेशक मत्स्य विभाग चमोली जगदम्बा कुमार ने बताया कि फिश एंगलिंग के परमिट वितरित किए जाने को लेकर मत्स्य विभाग ने टेडर जारी किए थे. जिसमें कि चमोली जनपद में स्थित अलकनंदा नदी और नंदाकिनी नदी में बीट निर्धारित कर 2 स्वयं सहायता समूहों को फिश एंगलिंग के परमिट वितरित किये गए.

समूहों द्वारा मत्स्य विभाग चमोली में परमिट की वैधता एक वर्ष के लिए 5,000 रुपये की राशि जमा की गई है, जिसमें एक वर्ष तक फिश एंगलिंग से जो भी आय होगी वह धनराशि समूहों की अपनी होगी.

Intro:चमोली से फिश एग्लिंग के शौकीन लोगो के लिए राहत भरी खबर है। शुरुवाती दौर में चमोली में ज़िला मत्स्य विभाग की पहल पर जनपद की 2 नदियों पर फिश एग्लिंग के परमिट भी स्वयं सहायता समूहों को आबंटित किये गए है।इन दो नदियो पर फिश एग्लिंग का कार्य भी शुरू हो चुका है।स्थानीय मछुवारों और फिश एग्लिंग के शौकीन पर्यटकों को मत्स्य विभाग द्वारा तय शुल्क जमा करने के बाद ही इन दो नदियों में मछली पकड़ने की अनुमति दी जाएगी।


Body:दरअसल चमोली जनपद विश्वभर में अपनी सुंदरता के लिए विख्यात है,यंहा पर प्रतिवर्ष देश और विदेशों से हजारो की तादाद में पर्यटक पहुंचते है।जनपद में कई छोटी बड़ी नदियां भी है,जिनमे की ट्राउड और महासीर प्रजाति की मछलियां भी पाई जाती है।चमोली जनपद में पहुंचने के बाद नदियों को देखकर फिश एग्लिंग के शौकीन कई विदेशी पर्यटको को नदियों में फिश एग्लिंग करने का ख्याल तो आता है।लेकिन बगैर अनुमति मछली पकड़ना कानूनन अपराध होने के चलते पर्यटक आज तक अपना यह शौक पूरा नही कर पाते थे।लेकिन अब ऐसा नही है,मत्स्य विभाग के द्वारा चमोली जनपद में दो नदियों नंदाकिनी नदी पर सितेल से सलबगड़ तक और अलकनंदा नदी पर नंदप्रयाग से लंगासू तक बीट निर्धारित कर फिश एग्लिंग के परमिट स्थानीय स्वयं सहायता समूहों को टैंडर प्रक्रिया के माध्यम से वितरित किये गए है।जिसमे कि स्थानीय मछवारो को रोजगार की दृष्टि से नदी से मछलियां पकडने के लिए समूह में 20 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से शुल्क जमा कराना होगा,जबकि देशी पर्यटकों को महासीर फिश ज़ोन से फिश एग्लिंग के लिए 75 रुपये तथा ट्राउड फिश ज़ोन से 100 रुपये का शुल्क समूहों में जमा करवाना होगा, ठीक इसी तरह विदेशी पर्यटकों से महासीर फिश जोन में 100 रुपये तथा ट्राउड फिश जोन में फिश एग्लिंग के लिए 200 रुपये का शुल्क समूह को देना होगा।


Conclusion:सहायक निदेशक मत्स्य विभाग चमोली जगतम्बा कुमार ने बताया कि फिश एग्लिंग के परमिट वितरित किए जाने को लेकर मत्स्य विभाग चमोली के द्वारा टैंडर जारी किए गए थे।जिसमें कि चमोली जनपद में स्थित अलकनंदा नदी और नंदाकिनी नदी में बीट निर्धारित कर 2 स्वयं सहायता समूहों को फिश एग्लिंग के परमिट वितरित किये गए।समूहों के द्वारा मत्स्य विभाग चमोली में परमिट की वैधता एक वर्ष के लिए 5000 हजार रुपये की राशि जमा की गई है,जिसमे कि एक वर्ष तक फिश एग्लिंग से जो भी आय होगी वह धनराशि समूहों की अपनी होगी।

बाईट-जगतम्बा कुमार-सहायक निदेशक मत्स्य-चमोली।
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