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गोपेश्वरः इंजीनियरिंग कॉलेज के स्टॉफ ने बनाई वाशिंग सैनिटाइजर मशीन - Chamoli Washing Sanitizer Machine

राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज गोपेश्वर के टेक्निकल स्टाफ ने वाशिंग सैनिटाइजर मशीन बनाई है. इस मशीन से उस सामान को सैनिटाइज किया जा सकता है जिसे स्प्रे से सैनिटाइज नहीं किया जा सकता.

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राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज गोपेश्वर ने बनाई वाशिंग सैनिटाइजर मशीन
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Published : Jun 11, 2020, 10:07 PM IST

चमोली: कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज गोपेश्वर (कोठियालसैंण) लगातार प्रयासरत है. अब कॉलेज के टेक्निकल स्टाफ ने वाशिंग सैनिटाइजर मशीन बनाई है. इस मशीन से उस सामान को सैनिटाइज किया जा सकता है, जिसे स्प्रे से सैनिटाइज नहीं किया जा सकता है. इस मशीन को गूगल होम एप और वॉइस से भी कंट्रोल कर सकते हैं. मशीन का निर्माण होते ही इसकी डिमांड भी बढ़ने लगी है. कॉलेज प्रशासन की ओर से जिला अस्पताल और स्वास्थ्य विभाग को ये मशीनें उपलब्ध करवा दी गई है.

राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज गोपेश्वर ने बनाई वाशिंग सैनिटाइजर मशीन

कॉलेज के सेंटर फॉर यूनिसेफ डिजाइन स्टार्टअप केंद्र के समन्वयक अभिषेक चौहान ने बताया कि पर्स, मोबाइल फोन, रुपये, घड़ी व अन्य चीजों को हम स्प्रे करके सैनिटाइज नहीं कर सकते. इन सभी को इस मशीन के जरिए सैनिटाइज किया जा सकता है. फिलहाल डेमो के रुप में इस स्मार्ट मशीन का निर्माण किया गया है, जिसकी लागत लगभग पांच हजार रुपए है.

पढ़ें- ऋषिकेश AIIMS से कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के परिवार के पांच सदस्य डिस्चार्ज

अभिषेक चौहान का कहना है कि अगर बाजार में इस मशीन की डिमांड बढ़ती है तो पंद्रह सौ तक की छोटी मशीनें भी बनाई जाएंगी. इस मशीन से सामान की अल्ट्रा वाइलेट (पराबैंगनी किरण) से वाशिंग होती है. कॉलेज के प्राध्यपक और टेक्निशियन टीम में शामिल संदीप कंडवाल ने बताया कि कॉलेज प्रशासन की ओर से दो हजार से अधिक फेस मास्क भी बनाए गए हैं, जिन्हें जिले के आइसोलेशन सेंटर के साथ ही स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर व स्टाफ को निशुल्क बांटा गया है.

चमोली: कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज गोपेश्वर (कोठियालसैंण) लगातार प्रयासरत है. अब कॉलेज के टेक्निकल स्टाफ ने वाशिंग सैनिटाइजर मशीन बनाई है. इस मशीन से उस सामान को सैनिटाइज किया जा सकता है, जिसे स्प्रे से सैनिटाइज नहीं किया जा सकता है. इस मशीन को गूगल होम एप और वॉइस से भी कंट्रोल कर सकते हैं. मशीन का निर्माण होते ही इसकी डिमांड भी बढ़ने लगी है. कॉलेज प्रशासन की ओर से जिला अस्पताल और स्वास्थ्य विभाग को ये मशीनें उपलब्ध करवा दी गई है.

राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज गोपेश्वर ने बनाई वाशिंग सैनिटाइजर मशीन

कॉलेज के सेंटर फॉर यूनिसेफ डिजाइन स्टार्टअप केंद्र के समन्वयक अभिषेक चौहान ने बताया कि पर्स, मोबाइल फोन, रुपये, घड़ी व अन्य चीजों को हम स्प्रे करके सैनिटाइज नहीं कर सकते. इन सभी को इस मशीन के जरिए सैनिटाइज किया जा सकता है. फिलहाल डेमो के रुप में इस स्मार्ट मशीन का निर्माण किया गया है, जिसकी लागत लगभग पांच हजार रुपए है.

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अभिषेक चौहान का कहना है कि अगर बाजार में इस मशीन की डिमांड बढ़ती है तो पंद्रह सौ तक की छोटी मशीनें भी बनाई जाएंगी. इस मशीन से सामान की अल्ट्रा वाइलेट (पराबैंगनी किरण) से वाशिंग होती है. कॉलेज के प्राध्यपक और टेक्निशियन टीम में शामिल संदीप कंडवाल ने बताया कि कॉलेज प्रशासन की ओर से दो हजार से अधिक फेस मास्क भी बनाए गए हैं, जिन्हें जिले के आइसोलेशन सेंटर के साथ ही स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर व स्टाफ को निशुल्क बांटा गया है.

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