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रॉयल्टी विवाद को लेकर ठेकेदारों ने लोनिवि दफ्तर में जड़ा ताला, टेंडर का भी किया बहिष्कार

थराली में ठेकेदारों ने रॉयल्टी की दरों में बढ़ोत्तरी और जीएसटी को लेकर लोक निर्माण विभाग के दफ्तर में तालाबंदी की. साथ ही टेंडर प्रक्रिया भी बहिष्कार किया. इतना ही नहीं ठेकेदारों ने अपनी जेसीबी मशीनें वापस लेने की चेतावनी भी दी. ऐसे में मॉनसून सीजन में विभाग समेत आम जनता की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

Tharali Contractors Protest
थराली में ठेकेदारों का प्रदर्शन
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Published : Aug 18, 2022, 10:16 AM IST

Updated : Aug 18, 2022, 10:22 AM IST

थरालीः सरकारी निर्माण कार्यों में रॉयल्टी की दरों में बढ़ोत्तरी और जीएसटी के नियमों में बदलाव का विरोध शुरू हो गया है. इसी कड़ी में पिंडर घाटी के ठेकेदारों ने लोक निर्माण विभाग के दफ्तर पहुंचकर टेंडर प्रक्रियाओं का विरोध किया. साथ ही सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इतना ही नहीं आक्रोशित ठेकेदारों ने लोक निर्माण विभाग के दफ्तर में ताला जड़ दिया. जिससे पांच टेंडर प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई.

दरअसल, रॉयल्टी में इजाफा और जीएसटी के विरोध में ठेकेदार लामबंद हो गए हैं. ठेकेदारों का कहना है कि सरकार ने अभी तक ठेकेदार संघ के हित में कोई फैसला नहीं लिया है. जिससे गुस्साए थराली के ठेकेदारों ने विभागों में कार्यरत अपनी जेसीबी मशीनें भी वापस लेने की बात कही है. ऐसे में बरसात के मौसम में सड़कें खोलने में विभाग को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. क्योंकि, चमोली का थराली क्षेत्र काफी बड़ा है. जबकि, लोक निर्माण विभाग थराली (Public Works Department Tharali) के पास सिर्फ दो ही जेसीबी मशीनें उपलब्ध हैं.

ठेकेदारों ने लोनिवि दफ्तर में जड़ा ताला.
ये भी पढ़ेंः देहरादून नगर निगम की बोर्ड बैठक में कई प्रस्तावों पर लगेगी मुहर, म्यूटेशन शुल्क काटेगा जेब

वहीं, ठेकेदार अपनी मांगों पर अड़े हैं और बढ़ी हुई रॉयल्टी और जीएसटी के नियमों में किए गए फेरबदल वापस न लिए जाने की सूरत में उग्र आंदोलन की चेतावनी (Contractors Protest against increased royalty and GST) दे रहे हैं. जिसका सीधा असर निर्माण कार्यों पर पड़ रहा है. अब देखना होगा कि सरकार ठेकेदारों के विरोध प्रदर्शन (Tharali Contractors Protest) के बाद क्या रुख अख्तियार करती है?

थरालीः सरकारी निर्माण कार्यों में रॉयल्टी की दरों में बढ़ोत्तरी और जीएसटी के नियमों में बदलाव का विरोध शुरू हो गया है. इसी कड़ी में पिंडर घाटी के ठेकेदारों ने लोक निर्माण विभाग के दफ्तर पहुंचकर टेंडर प्रक्रियाओं का विरोध किया. साथ ही सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इतना ही नहीं आक्रोशित ठेकेदारों ने लोक निर्माण विभाग के दफ्तर में ताला जड़ दिया. जिससे पांच टेंडर प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई.

दरअसल, रॉयल्टी में इजाफा और जीएसटी के विरोध में ठेकेदार लामबंद हो गए हैं. ठेकेदारों का कहना है कि सरकार ने अभी तक ठेकेदार संघ के हित में कोई फैसला नहीं लिया है. जिससे गुस्साए थराली के ठेकेदारों ने विभागों में कार्यरत अपनी जेसीबी मशीनें भी वापस लेने की बात कही है. ऐसे में बरसात के मौसम में सड़कें खोलने में विभाग को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. क्योंकि, चमोली का थराली क्षेत्र काफी बड़ा है. जबकि, लोक निर्माण विभाग थराली (Public Works Department Tharali) के पास सिर्फ दो ही जेसीबी मशीनें उपलब्ध हैं.

ठेकेदारों ने लोनिवि दफ्तर में जड़ा ताला.
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वहीं, ठेकेदार अपनी मांगों पर अड़े हैं और बढ़ी हुई रॉयल्टी और जीएसटी के नियमों में किए गए फेरबदल वापस न लिए जाने की सूरत में उग्र आंदोलन की चेतावनी (Contractors Protest against increased royalty and GST) दे रहे हैं. जिसका सीधा असर निर्माण कार्यों पर पड़ रहा है. अब देखना होगा कि सरकार ठेकेदारों के विरोध प्रदर्शन (Tharali Contractors Protest) के बाद क्या रुख अख्तियार करती है?

Last Updated : Aug 18, 2022, 10:22 AM IST
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