थराली: सूबे में जीरो टॉलरेंस की सरकार होने बावजूद लोक निर्माण विभाग पर घोटाला करने का आरोप लग रहे हैं. जबकि ये विभाग स्वयं सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के अधीन है. जिला चमोली के थराली विकासखंड में लोक निर्माण विभाग द्वारा करोड़ों की लागत से बना पुल जीरो टॉलरेंस के दावों पर पलीता लगाता नजर आ रहा है. इस पुल की हालत देखकर लगता है कि करोड़ों की लागत से बने इस पुल पर कुछ भी काम नहीं हुआ है.
दरअसल, कुलसारी अलकोट धारबारम-गैरबारम मोटरमार्ग पर लोक निर्माण विभाग थराली ने 5 करोड़ की लागत से मोटर सेतु का निर्माण करवाया था. इस पुल का लोकार्पण 14 नवंबर 2019 को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत और क्षेत्रीय विधायक मुन्नी देवी शाह की उपस्थिति में किया गया था, लेकिन उद्घाटन के महज 3 माह बाद ही पुल पर ठेकेदार की अनियमितताएं नजर आने लगी हैं. ठेकेदार द्वारा पुल पर सुरक्षा मानकों का जरा भी ध्यान नहीं रखा गया है. इसके साथ ही इस नवनिर्मित पुल पर आरसीसी क्षतिग्रस्त हुई है. इसके साथ ही एप्रोच मार्ग की रिटेनिंग दीवार को भी क्षति पहुंची है.
धारबारम-गैरबारम मोटरमार्ग पर बने इस करोड़ों के पुल पर बीच में बना बड़ा गड्ढा हादसों को दावत दे रहा है. लोक निर्माण विभाग थराली ने विभाग के अधिशासी अभियंता ने इन अनियमितताओं के चलते पुल निर्माणदायी कंपनी शैल शिखर बिल्डर्स को नोटिस भी भेजा है, जिसमें लोक निर्माण विभाग ने ठेकेदार द्वारा पुल की मरम्मत न कराए जाने पर कंपनी की सिक्योरिटी डिपॉजिट जब्त करने की भी बात कही है.
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वहीं, इस मामले में स्थानीय लोगों ने बताया कि करोड़ों के बने इस पुल की वर्तमान हालात बदतर है. पुल एक बरसात भी झेल ले तो गनीमत है. इस मामले में लोक निर्माण विभाग थराली के कनिष्ठ अभियंता संदीप खाली ने बताया कि पुल के निर्माण कार्य मे बरती गई अनियमितता को लेकर ठेकेदार को विभाग ने नोटिस भेजा हुआ है. अनियमितता बरतने को लेकर ठेकेदार से अर्थदंड वसूलकर कार्रवाई भी की जाएगी.