चमोलीः भारत चीन सीमा पर स्थित सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण और नीती व मलारी घाटी को जोड़ने वाला मलारी बुरांश वैली ब्रिज का निर्माण कार्य जोरों पर है. बीआरओ तेजी से पुल तैयार कर रहा है, लेकिन बारिश के कारण पुल के काम में खलल पड़ रहा है. हालांकि, उम्मीद जताई जा रही है कि मौसम ने अगर साथ दिया तो कल शाम तक पुल तैयार कर वाहनों की आवाजाही शुरू कर दी जाएगी.
16 अप्रैल को धराशायी हुआ था पुलः बता दें कि बीती 16 अप्रैल को निर्माण सामग्री से लदा एक ट्रक इस वैली ब्रिज से गुजर रहा था. तभी पुल धराशायी हो गया. जिससे नीती घाटी का संपर्क मुख्य धारा से आज भी टूटा हुआ है. यह नीती घाटी और भारत चीन सीमा ग्यालढूंग तक पहुंचने का एकमात्र मार्ग है.
धौली गंगा नदी पर तैयार किया गया काजवे का निर्माणः ब्रिज के टूट जाने से सेना के साथ स्थानीय लोगों के वाहनों की आवाजाही ठप हो गई. हालांकि, बॉर्डर तक सेना की आवाजाही जारी रखने के लिए बीआरओ ने धौली गंगा नदी पर काजवे का निर्माण किया, लेकिन नदी में पानी बढ़ने के कारण वाहनों की आवाजाही में दिक्कतें सामने आ रही थी.
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सेना की कई चेक पोस्ट हैं मौजूदः नीती बॉर्डर के गमशाली गांव में आईटीबीपी की छावनी है. साथ ही नीती गांव से आगे भी सेना की कई चेक पोस्ट हैं. हिमवीर और सेना के जवान छावनी के माध्यम से सरहदों की निगहबानी में करते हैं. वहीं, मलारी में सेना और आईटीबीपी की एक बड़ी छावनी है. जहां से सेना का मूवमेंट सरहदों के लिए रोजाना होता रहता है.
अपने पुश्तैनी घरों तक नहीं पहुंच सके लोगः कागा के प्रधान पुष्कर राणा ने बताया कि इस साल जैसे ही लोग मवासे घाटी के लिए जाने लगे तो उससे पहले ही यह ब्रिज टूट गया. जिस कारण अधिकांश लोग अपने पुश्तैनी घरों में नहीं पहुंच सके हैं. ब्रिज के टूट जाने के कारण मलारी बुरांस के पास बहने वाली गृती गाड नदी को लोग वाहनों के जरिए जान जोखिम में डालकर पार कर रहे हैं.
क्या बोले बीआरओ के अधिकारीः बीआरओ के कमांडर कर्नल अंकुर महाजन ने बताया कि पुल के एविडमेंट तैयार होने के बाद आज सुबह से पुल निर्माण का कार्य शुरू कर दिया गया हैं. अगर मौसम साफ रहा तो गुरुवार शाम तक पुल निर्माण कर दिया जाएगा. जिसके बाद सीमा क्षेत्र तक पुल के ऊपर से वाहनों की आवाजाही शुरू कर दी जाएगी.