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कर्णप्रयाग में बदरीनाथ हाईवे पर लैंडस्लाइड, छोटे वाहनों के लिए खुला

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Published : Jul 14, 2022, 7:52 PM IST

Updated : Jul 14, 2022, 9:29 PM IST

कर्णप्रयाग में बदरीनाथ हाईवे का एक बड़ा हिस्सा भूस्खलन की चपेट में आकर ढह गया और पिंडर नदी में समा गया है, जिससे बदरीनाथ हाईवे कर्णप्रयाग में अवरुद्ध हो गया था. हालांकि प्रशासन ने हाईवे को छोटे वाहनों के लिए खोल दिया है.

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बदरीनाथ हाईवे बाधित

चमोली: कर्णप्रयाग में बदरीनाथ हाईवे का एक बड़ा हिस्सा भूस्खलन की चपेट में आकर ढह गया और पिंडर नदी में समा गया है, जिससे बदरीनाथ हाईवे कर्णप्रयाग में अवरुद्ध हो गया था. करीब तीन घंटे बाधित रहने के बाद बदरीनाथ हाईवे छोटे वाहनों के लिए खुल गया है. वहीं, भारी वाहन अभी भी फंसे हुए हैं.

हाईवे के दोनों ओर बदरीनाथ और हेमकुंड जाने एवं लौटने वाले तीर्थयात्रियों फंस गए हैं. वाहनों की वाहनों की लंबी कतारें लगी हुई हैं. कर्णप्रयाग में जिस स्थान पर हाईवे का हिस्सा टूटकर पिंडर नदी में समाया है, वहां पर सड़क के ऊपरी तरफ बस्ती है.

कर्णप्रयाग में बदरीनाथ हाईवे पर लैंडस्लाइड.
पढ़ें- खाली हाथ वापस लौटी गाइड का शव लेने गई रेस्क्यू टीम, खराब मौसम बना रोड़ा

ऐसे में अगर लगातार बारिश जारी रहती है, तो लोगों के घर भी भूस्खलन की चपेट में आने का खतरा बढ़ गया है. वहीं सामाजिक कार्यकर्ता इंद्रेश मैखुरी ने बताया कि अगर भूस्खलन का दायरा बढ़ता है, तो सड़क के ठीक ऊपर गांधीनगर मोहल्ले पर खतरा बढ़ सकता हैं. प्रशासन को इस मसले पर गम्भीरता से संज्ञान लेना चाहिए.

चमोली: कर्णप्रयाग में बदरीनाथ हाईवे का एक बड़ा हिस्सा भूस्खलन की चपेट में आकर ढह गया और पिंडर नदी में समा गया है, जिससे बदरीनाथ हाईवे कर्णप्रयाग में अवरुद्ध हो गया था. करीब तीन घंटे बाधित रहने के बाद बदरीनाथ हाईवे छोटे वाहनों के लिए खुल गया है. वहीं, भारी वाहन अभी भी फंसे हुए हैं.

हाईवे के दोनों ओर बदरीनाथ और हेमकुंड जाने एवं लौटने वाले तीर्थयात्रियों फंस गए हैं. वाहनों की वाहनों की लंबी कतारें लगी हुई हैं. कर्णप्रयाग में जिस स्थान पर हाईवे का हिस्सा टूटकर पिंडर नदी में समाया है, वहां पर सड़क के ऊपरी तरफ बस्ती है.

कर्णप्रयाग में बदरीनाथ हाईवे पर लैंडस्लाइड.
पढ़ें- खाली हाथ वापस लौटी गाइड का शव लेने गई रेस्क्यू टीम, खराब मौसम बना रोड़ा

ऐसे में अगर लगातार बारिश जारी रहती है, तो लोगों के घर भी भूस्खलन की चपेट में आने का खतरा बढ़ गया है. वहीं सामाजिक कार्यकर्ता इंद्रेश मैखुरी ने बताया कि अगर भूस्खलन का दायरा बढ़ता है, तो सड़क के ठीक ऊपर गांधीनगर मोहल्ले पर खतरा बढ़ सकता हैं. प्रशासन को इस मसले पर गम्भीरता से संज्ञान लेना चाहिए.

Last Updated : Jul 14, 2022, 9:29 PM IST
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