ETV Bharat / state

विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद हुए बदरीनाथ धाम के कपाट

रविवार को विधिविधान के साथ मंत्रोच्चारण के बीच बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं.

बदरीनाथ धाम
author img

By

Published : Nov 17, 2019, 8:01 PM IST

Updated : Nov 17, 2019, 8:37 PM IST

चमोलीः प्रसिद्ध बदरीनाथ धाम के कपाट पर विधिविधान और मंत्रोच्चारण के साथ शाम 5:13 शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं. इस मौके पर धाम में सैकड़ों तीर्थयात्री बदरी विशाल के दर पर मौजूद रहे. साथ ही मंदिर को गेंदे के फूलों से सजाया गया. वहीं, सोमवार को उद्धव और कुबेर जी की उत्सव मूर्ति योग ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर के लिए प्रस्थान करेगी.

विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद हुए बदरीनाथ धाम के कपाट.

रविवार सुबह 3 बजे बदरीनाथ मंदिर के कपाट खोले गए. जिसके बाद 3:30 बजे से भगवान बदरीनाथ की अभिषेक और महाभिषेक पूजा शुरू हुई. साथ ही गुप्त मंत्रोच्चारण के साथ भगवान बदरीनाथ का आह्वान किया गया. यह धार्मिक प्रक्रिया दोपहर तक चली.

ये भी पढे़ंः स्मार्ट दून की कवायद तेज, CM त्रिवेंद्र ने करोड़ों की योजनाओं का किया शिलान्यास

दोपहर 2 बजे धार्मिक परंपरा के अनुसार रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी ने माता लक्ष्मी की सखी का वेश धारण कर लक्ष्मी जी की प्रतिमा को बदरीनाथ गर्भ गृह में रखा और माणा गांव की कन्याओं की ओर से निर्मित कंबल पर घी का लेपन कर बदरीनाथ भगवान को ओढ़ाया.

जिसके बाद बदरीनाथ मंदिर के गर्भ गृह से भगवान कुबेर जी, गरुड़ जी और उद्धव जी की उत्सव मूर्ति को गर्भ गृह से बाहर लाया गया और कपाट बंद कर दिए गए. सोमवार को आदि गुरु शंकराचार्य, कुबेर जी, गरुड़ जी, उद्धव जी की उत्सव डोलिया योग ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर के लिए रवाना होंगी. आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी जोशीमठ स्थित नरसिंह मंदिर में विराजमान होगी.

चमोलीः प्रसिद्ध बदरीनाथ धाम के कपाट पर विधिविधान और मंत्रोच्चारण के साथ शाम 5:13 शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं. इस मौके पर धाम में सैकड़ों तीर्थयात्री बदरी विशाल के दर पर मौजूद रहे. साथ ही मंदिर को गेंदे के फूलों से सजाया गया. वहीं, सोमवार को उद्धव और कुबेर जी की उत्सव मूर्ति योग ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर के लिए प्रस्थान करेगी.

विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद हुए बदरीनाथ धाम के कपाट.

रविवार सुबह 3 बजे बदरीनाथ मंदिर के कपाट खोले गए. जिसके बाद 3:30 बजे से भगवान बदरीनाथ की अभिषेक और महाभिषेक पूजा शुरू हुई. साथ ही गुप्त मंत्रोच्चारण के साथ भगवान बदरीनाथ का आह्वान किया गया. यह धार्मिक प्रक्रिया दोपहर तक चली.

ये भी पढे़ंः स्मार्ट दून की कवायद तेज, CM त्रिवेंद्र ने करोड़ों की योजनाओं का किया शिलान्यास

दोपहर 2 बजे धार्मिक परंपरा के अनुसार रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी ने माता लक्ष्मी की सखी का वेश धारण कर लक्ष्मी जी की प्रतिमा को बदरीनाथ गर्भ गृह में रखा और माणा गांव की कन्याओं की ओर से निर्मित कंबल पर घी का लेपन कर बदरीनाथ भगवान को ओढ़ाया.

जिसके बाद बदरीनाथ मंदिर के गर्भ गृह से भगवान कुबेर जी, गरुड़ जी और उद्धव जी की उत्सव मूर्ति को गर्भ गृह से बाहर लाया गया और कपाट बंद कर दिए गए. सोमवार को आदि गुरु शंकराचार्य, कुबेर जी, गरुड़ जी, उद्धव जी की उत्सव डोलिया योग ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर के लिए रवाना होंगी. आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी जोशीमठ स्थित नरसिंह मंदिर में विराजमान होगी.

Intro:जय बद्रीनाथ के उदघोष और धार्मिक परंपराओं के साथ आज रविवार को गुप्त मंत्रोच्चारण के साथ शाम 5:13 पर भगवान बद्रीनाथ की पूजा-अर्चना का जिम्मा शीतकाल के लिए देवताओं को सौंप दिया गया है। साथ ही भगवान बद्रीनाथ के कपाट शीतकाल के लिए श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए गए हैं। सोमवार को उद्धव जी और कुबेर जी की उत्सव मूर्ति योग ध्यान बद्री मंदिर पांडुकेश्वर के लिए प्रस्थान करेगी।कपाट बंद होने के मौके पर लगभग 10000 तीर्थयात्रियों ने भगवान बद्रीनाथ के दर्शन कर मनोतियाँ मांगी।

बाईट-स्वाति एस भदौरिया--डीएम चमोली

बाईट विस्वल मेल से भेजे है।


Body:आज रविवार को सुबह 3:00 बजे बद्रीनाथ मंदिर के कपाट खोले गए। सुबह 3:30 बजे से भगवान बद्रीनाथ की अभिषेक और महा भिषेक पूजा शुरू हुई ।गुप्त मंत्रोच्चारण के साथ भगवान बद्रीनाथ का आह्वान किया गया। धाम में धार्मिक प्रक्रिया दोपहर तक चली। अपराहन 2:00 बजे धार्मिक परंपरा के अनुसार रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी ने माता लक्ष्मी की सखी का वेश धारण कर लक्ष्मी जी की प्रतिमा को बद्रीनाथ गर्भ गृह में रखा, और माणा गांव की कन्याओं की ओर से निर्मित कंबल पर घी का लेपन कर बद्रीनाथ भगवान को उड़ाया गया। इसके पश्चात बद्रीनाथ मंदिर के गर्भ गृह से भगवान कुबेर जी ,गरुड़ जी, और उद्धव जी ,की उत्सव मूर्ति को गर्भ गृह से बाहर लाया गया।

सोमवार को आदि गुरु शंकराचार्य, कुबेर जी ,गरुड़ जी, उद्धव जी की उत्सव डोलिया योग ध्यान बद्री मंदिर पांडुकेश्वर के लिए रवाना होंगी। आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी जोशीमठ स्थित नरसिंह मंदिर में विराजमान होगी।




Conclusion:कपाट बंद होने के दौरान जय बद्रीनाथ के जय घोष और गढ़वाल स्काउट की बैंड धुनों से बद्रीनाथ धाम गुंजायमान हो उठा। कई तीर्थयात्रियो की ओर से विजय लक्ष्मी चौक, टैक्सी स्टैंड ,और पुलिस थाने के सम्मुख तीर्थयात्रियो के लिए भी भंडारे आयोजित किए गए थे ।बीकेटीसी अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल ,मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह सहित समिति के सदस्यों पदाधिकारियों ने हनुमान मंदिर और घंटाकर्ण मंदिर जी की पूजा अर्चना भी संपन्न की इस मौके पर बद्रीनाथ के धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल पूर्व विधायक मनोज रावत आदि मौजूद थे।
Last Updated : Nov 17, 2019, 8:37 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.