ETV Bharat / state

कब जागोगे सरकार? दस किलोमीटर कंधे पर लादकर बुजुर्ग महिला को पहुंचाया अस्पताल

author img

By

Published : Oct 15, 2020, 9:56 PM IST

Updated : Oct 16, 2020, 8:24 AM IST

सड़क न होने के कारण बीमार बुजुर्ग महिला को ग्रामीण डंडी-कंडी के सहारे दस किलोमीटर पैदल चलकर पीपलकोटी ले गए. जहां से महिला को देहरादून रेफर किया गया.

बुजुर्ग महिला
बुजुर्ग महिला

चमोलीः कुछ देर इस तस्वीर में बुजुर्ग महिला के चेहरे पर दिख रही बेबसी और दर्द को समझिए क्योंकि सरकार को हवा-हवाई दावों से फुरसत कहां? आज भी उत्तराखंड के कई गांव उन बुनियादी जरुरतों के लिए रोज लड़ रहे हैं, जो उन्हें मिलने ही चाहिए या यूं कहें कि वे उनके हकदार हैं. विकास और हर गांव में बेहतर सुविधा का वादा करके तकरीबन 20 साल पहले उत्तराखंड राज्य का गठन हुआ था. लेकिन वो वादे आज भी अधूरे हैं. इस बात के गवाह है चमोली जिले के जोशीमठ विकासखंड के लांगी गांव के लोग.

लांगी गांव में सालों से सड़क नहीं है. नतीजन किसी के बीमार पड़ने पर उसे दस किलोमीटर पैदल चलकर अस्पताल पहुंचाया जाता है. आज भी यही हुआ 65 साल की सावित्री देवी के साथ. थोड़ी राहत वाली बात ये है कि गांव के भले लोगों ने बुजुर्ग महिला को अस्पताल पहुंचाने की जिम्मेदारी उठाई.

दस किलोमीटर पैदल चलकर बुजुर्ग महिला को पहुंचाया गया अस्पताल.

विकासखंड जोशीमठ के लांजी गांव की 65 वर्षीय सावित्री देवी की छाती में अचानक दर्द उभरा. वे दर्द से छटपटा रही थी. गांव से दस किलोमीटर दूर पीपलकोटी में पक्की सड़क है. ऐसे में ग्राम प्रधान संदीप सिंह और कुछ ग्रामीणों ने सावित्रि देवी को डंडी-कंडी में बैठाया और पैदल निकल पड़े. पथरीले रास्तों से गुजरते हुए सावित्री देवी को पीपलकोटी पहुंचाया गया. जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें वाहन से देहरादून रेफर किया गया.

पढ़ें- जान पर भारी सियासतः उफनती नदी पर जिंदगी लट्ठे के सहारे, आखिर कब जागेगा महकमा?

ग्राम प्रधान संदीप सिंह बताते हैं कि वे लंबे समय से गांव तक सड़क की मांग कर रहे हैं. लेकिन उनकी फरियाद अभी तक नहीं सुनी गई. वे कहते हैं सावित्री देवी जैसे केस कई बार गांव में पहले भी हो चुके हैं. लेकिन सरकार और प्रशासन को इसकी को परवाह नहीं है. ऐसे में ग्रामीण ही मदद करते हैं.

चमोलीः कुछ देर इस तस्वीर में बुजुर्ग महिला के चेहरे पर दिख रही बेबसी और दर्द को समझिए क्योंकि सरकार को हवा-हवाई दावों से फुरसत कहां? आज भी उत्तराखंड के कई गांव उन बुनियादी जरुरतों के लिए रोज लड़ रहे हैं, जो उन्हें मिलने ही चाहिए या यूं कहें कि वे उनके हकदार हैं. विकास और हर गांव में बेहतर सुविधा का वादा करके तकरीबन 20 साल पहले उत्तराखंड राज्य का गठन हुआ था. लेकिन वो वादे आज भी अधूरे हैं. इस बात के गवाह है चमोली जिले के जोशीमठ विकासखंड के लांगी गांव के लोग.

लांगी गांव में सालों से सड़क नहीं है. नतीजन किसी के बीमार पड़ने पर उसे दस किलोमीटर पैदल चलकर अस्पताल पहुंचाया जाता है. आज भी यही हुआ 65 साल की सावित्री देवी के साथ. थोड़ी राहत वाली बात ये है कि गांव के भले लोगों ने बुजुर्ग महिला को अस्पताल पहुंचाने की जिम्मेदारी उठाई.

दस किलोमीटर पैदल चलकर बुजुर्ग महिला को पहुंचाया गया अस्पताल.

विकासखंड जोशीमठ के लांजी गांव की 65 वर्षीय सावित्री देवी की छाती में अचानक दर्द उभरा. वे दर्द से छटपटा रही थी. गांव से दस किलोमीटर दूर पीपलकोटी में पक्की सड़क है. ऐसे में ग्राम प्रधान संदीप सिंह और कुछ ग्रामीणों ने सावित्रि देवी को डंडी-कंडी में बैठाया और पैदल निकल पड़े. पथरीले रास्तों से गुजरते हुए सावित्री देवी को पीपलकोटी पहुंचाया गया. जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें वाहन से देहरादून रेफर किया गया.

पढ़ें- जान पर भारी सियासतः उफनती नदी पर जिंदगी लट्ठे के सहारे, आखिर कब जागेगा महकमा?

ग्राम प्रधान संदीप सिंह बताते हैं कि वे लंबे समय से गांव तक सड़क की मांग कर रहे हैं. लेकिन उनकी फरियाद अभी तक नहीं सुनी गई. वे कहते हैं सावित्री देवी जैसे केस कई बार गांव में पहले भी हो चुके हैं. लेकिन सरकार और प्रशासन को इसकी को परवाह नहीं है. ऐसे में ग्रामीण ही मदद करते हैं.

Last Updated : Oct 16, 2020, 8:24 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.