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राज्य सरकार पूर्व मुख्यमंत्रियों का आवास किराया और अन्य खर्च करेगी माफ, पारित प्रस्ताव को हाईकोर्ट के समक्ष करेगी पेश - आवास किराया

राज्य की भाजपा सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय के तहत प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों का आवास और अन्य खर्च कर दिए हैं. इस प्रस्ताव को हाई कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा.

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Published : Feb 14, 2019, 5:11 PM IST

देहरादूनः राज्य की भाजपा सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय के तहत प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों का आवास और अन्य खर्च कर दिए हैं. हालांकि सरकार के इस फैसले को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं क्योंकि एक तरफ सरकार किसानों की कर्ज माफी पर आर्थिक संसाधन का रोना गाती है तो दूसरी ओर सरकार राज्य के पूर्व मुख्यमंत्रियों का भारीभरकम आवास किराया व अन्य खर्च माफ कर रही है. सरकार के इस फैसले से निश्चित रूप से सरकारी खजाने पर इसका असर पड़ेगा.

पूर्व मुख्यमंत्रियों का आवास किराया माफ
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गौरतलब है कि धन का दुरुपयोग करने के मामले में रूरल लिटिगेशन एंड एंटरटेनमेंट केंद्र के अध्यक्ष अवधेश कौशल ने याचिका दायर की थी. जिसमें कौशल ने बताया था कि उत्तराखंड के पास सीमित आर्थिक संसाधन है बावजूद इसके सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा है. इसके साथ ही याचिका में पूर्व मुख्यमंत्रियों के सरकारी आवास को खाली करने और बाजार के रेट पर आवास का किराया वसूलने की बात कही थी.

हाई कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवास खाली करने को कहा था. इसके साथ ही सरकार को निर्देश दिए थे कि सरकार, पूर्व मुख्यमंत्रियों से किराया वसूले और फिर सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्रियों के आवास का किराया 1200 रुपए महीने किराया तय किया था जिसके बाद फिर अवधेश कौशल ने याचिका में हाई कोर्ट को अवगत कराया कि 1200 रुपए में एक झोपड़ी भी नहीं मिलती है जिस वजह से पूर्व मुख्यमंत्रियों से बाजार रेट पर आवास किराया वसूला जाए.

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जिसके बाद अब उत्तराखंड सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्रियों के आवास किराया और अन्य खर्चों को माफ करने का फैसला लिया है और सरकार ने बीते दिन पूर्व मंत्रियों के खर्चे को माफ करने के फैसले को पूरक शपथ पत्र दाखिल कर हाईकोर्ट को जानकारी दे दी है.

इन पांचों पूर्व मुख्यमंत्रियों में स्वर्गीय नारायण दत्त तिवारी, भगत सिंह कोश्यारी, भुवन चंद खंडूरी, रमेश पोखरियाल निशंक और विजय बहुगुणा शामिल हैं. इन पांचों मुख्यमंत्रियों पर करीब 2.85 करोड़ रुपये आवास किराया बकाया है.
सुनवाई के दौरान महाअधिवक्ता एसएन बाबुलकर ने कोर्ट को बताया कि सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्रियों के बकाया राशियों को माफ करने का फैसला लिया है और इस प्रस्ताव को हाई कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा.

वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने शपथ पत्र का जवाब देने के लिए कोर्ट से समय मांगा है और इस मांग को कोर्ट ने स्वीकार लिया है इसके साथ ही मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आर सी खुल्बे की बेंच ने पूर्व मुख्यमंत्रियों के बकाया राशि मामले की सुनवाई को जारी रखने का फैसला लिया है.

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याचिकाकर्ता अवधेश कौशल ने बताया कि सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्रियों के बकाए राशियों को माफ करने के लिए कैबिनेट में पास किया है. इससे पता चलता है कि सरकार लोकायुक्त की नियुक्ति लेकर गंभीर नहीं है. साथ ही कहा कि सरकार चाहती है बस लूटते रहो ऐसे में सरकार की मंशा ठीक नहीं लगती.

कहा कि सरकार चाहती है बस लूटते रहो ऐसे में सरकार की मंशा ठीक नहीं लगती.
पूर्व मुख्यमंत्रियों पर बकाया आवास किराया राशि....
1 - स्वर्गीय नारायण दत्त तिवारी पर 1.13 करोड़
2 - भगत सिंह कोश्यारी पर 47.57 लाख
3 - भुवन चंद खंडूरी पर 46.59 लाख
4 - रमेश पोखरियाल निशंक पर 40.95 लाख
5 - विजय बहुगुणा पर 37.50 लाख

देहरादूनः राज्य की भाजपा सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय के तहत प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों का आवास और अन्य खर्च कर दिए हैं. हालांकि सरकार के इस फैसले को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं क्योंकि एक तरफ सरकार किसानों की कर्ज माफी पर आर्थिक संसाधन का रोना गाती है तो दूसरी ओर सरकार राज्य के पूर्व मुख्यमंत्रियों का भारीभरकम आवास किराया व अन्य खर्च माफ कर रही है. सरकार के इस फैसले से निश्चित रूप से सरकारी खजाने पर इसका असर पड़ेगा.

पूर्व मुख्यमंत्रियों का आवास किराया माफ
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गौरतलब है कि धन का दुरुपयोग करने के मामले में रूरल लिटिगेशन एंड एंटरटेनमेंट केंद्र के अध्यक्ष अवधेश कौशल ने याचिका दायर की थी. जिसमें कौशल ने बताया था कि उत्तराखंड के पास सीमित आर्थिक संसाधन है बावजूद इसके सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा है. इसके साथ ही याचिका में पूर्व मुख्यमंत्रियों के सरकारी आवास को खाली करने और बाजार के रेट पर आवास का किराया वसूलने की बात कही थी.

हाई कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवास खाली करने को कहा था. इसके साथ ही सरकार को निर्देश दिए थे कि सरकार, पूर्व मुख्यमंत्रियों से किराया वसूले और फिर सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्रियों के आवास का किराया 1200 रुपए महीने किराया तय किया था जिसके बाद फिर अवधेश कौशल ने याचिका में हाई कोर्ट को अवगत कराया कि 1200 रुपए में एक झोपड़ी भी नहीं मिलती है जिस वजह से पूर्व मुख्यमंत्रियों से बाजार रेट पर आवास किराया वसूला जाए.

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जिसके बाद अब उत्तराखंड सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्रियों के आवास किराया और अन्य खर्चों को माफ करने का फैसला लिया है और सरकार ने बीते दिन पूर्व मंत्रियों के खर्चे को माफ करने के फैसले को पूरक शपथ पत्र दाखिल कर हाईकोर्ट को जानकारी दे दी है.

इन पांचों पूर्व मुख्यमंत्रियों में स्वर्गीय नारायण दत्त तिवारी, भगत सिंह कोश्यारी, भुवन चंद खंडूरी, रमेश पोखरियाल निशंक और विजय बहुगुणा शामिल हैं. इन पांचों मुख्यमंत्रियों पर करीब 2.85 करोड़ रुपये आवास किराया बकाया है.
सुनवाई के दौरान महाअधिवक्ता एसएन बाबुलकर ने कोर्ट को बताया कि सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्रियों के बकाया राशियों को माफ करने का फैसला लिया है और इस प्रस्ताव को हाई कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा.

वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने शपथ पत्र का जवाब देने के लिए कोर्ट से समय मांगा है और इस मांग को कोर्ट ने स्वीकार लिया है इसके साथ ही मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आर सी खुल्बे की बेंच ने पूर्व मुख्यमंत्रियों के बकाया राशि मामले की सुनवाई को जारी रखने का फैसला लिया है.

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याचिकाकर्ता अवधेश कौशल ने बताया कि सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्रियों के बकाए राशियों को माफ करने के लिए कैबिनेट में पास किया है. इससे पता चलता है कि सरकार लोकायुक्त की नियुक्ति लेकर गंभीर नहीं है. साथ ही कहा कि सरकार चाहती है बस लूटते रहो ऐसे में सरकार की मंशा ठीक नहीं लगती.

कहा कि सरकार चाहती है बस लूटते रहो ऐसे में सरकार की मंशा ठीक नहीं लगती.
पूर्व मुख्यमंत्रियों पर बकाया आवास किराया राशि....
1 - स्वर्गीय नारायण दत्त तिवारी पर 1.13 करोड़
2 - भगत सिंह कोश्यारी पर 47.57 लाख
3 - भुवन चंद खंडूरी पर 46.59 लाख
4 - रमेश पोखरियाल निशंक पर 40.95 लाख
5 - विजय बहुगुणा पर 37.50 लाख

Intro:सरकार पर सरकारी धन का दुरुपयोग करने के मामले में रूरल लिटिगेशन एंड एंटरटेनमेंट केंद्र के अध्यक्ष अवधेश कौशल ने याचिका दायर की थी। जिसमें अवधेश कौशल ने बताया था कि उत्तराखंड के पास सीमित आर्थिक संसाधन है बावजूद इसके सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा है इसके साथी अवधेश कौशल ने याचिका में पूर्व मुख्यमंत्रियों के सरकारी आवास को खाली करने और बाजार के रेट पर आवास का किराया वसूलने की बात कही थी।



Body:2016 में हाई कोर्ट ने याचिका की सुनवाई कर पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवास खाली करने को कहा था। इसके साथ ही सरकार को निर्देश दिए थे कि सरकार, पूर्व मुख्यमंत्रियों से किराया वसूले। और फिर सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्रियो के आवास का किराया 1200 रुपए महीने किराया बांध दिया था। जिसके बाद फिर अवधेश कौशल ने याचिका मैं हाई कोर्ट को अवगत कराया कि 1200 रुपए में एक झोपड़ी भी नहीं मिलती है जिस वजह से पूर्वमुख्यमंत्रियो से बाजार रेट पर आवास किराया वसूला जाए।

जिसके बाद अब उत्तराखंड सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्रियों के आवास किराया और अन्य खर्चों को माफ करने का फैसला लिया है। और सरकार ने बीते दिन पूर्व मंत्रियों के खर्चे को माफ करने के फैसले को पूरक शपथ पत्र दाखिल कर हाईकोर्ट को जानकारी दे दी है। इन पांचों पूर्व मुख्यमंत्रियों में स्वर्गीय नारायण दत्त तिवारी, भगत सिंह कोश्यारी, भुवन चंद खंडूरी, रमेश पोखरियाल निशंक और विजय बहुगुणा शामिल है। इन पांचों मुख्यमंत्रियों पर करीब 2.85 करोड़ रुपये आवास किराया बकाया है।

हाई कोर्ट में दायर याचिका की सुनवाई के दौरान महाअधिवक्ता एसएन बाबुलकर ने कोर्ट को बताया कि सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्रियों के बकाया राशियों को माफ करने का फैसला लिया है और इस प्रस्ताव को हाई कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। तो वही याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने सरकार में शपथ पत्र का जवाब देने के लिए कोर्ट से समय मांगा है और इस मांग को कोर्ट ने स्वीकार लिया है इसके साथ ही मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आर सी खुल्बे की संगत ने पूर्व मुख्यमंत्रियों के बकाया राशि मामले की सुनवाई को जारी रखने का फैसला लिया है।

वहीं याचिकाकर्ता अवधेश कौशल ने बताया कि सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्रियों के बकाए राशियों को माफ करने के लिए कैबिनेट में पास किया है। इससे पता चलता है कि सरकार क्यों नहीं चाह रही है लोकायुक्त बनाना। साथ ही कहा कि सरकार चाहती है बस लूटते रहो और सरकार की मंशा ठीक नहीं है।


पूर्व मुख्यमंत्रियों पर बकाया आवास किराया राशि....

1 - स्वर्गीय नारायण दत्त तिवारी पर 1.13 करोड रुपए बकाया
2 - भगत सिंह कोश्यारी पर 47.57 लाख रुपए बकाया
3 - भुवन चंद खंडूरी पर 46.59 लाख रुपये बकाया
4 - रमेश पोखरियाल निशंक पर 40.95 लाख रुपए बकाया
5 - विजय बहुगुणा पर 37.50 लाख रुपए बकाया


Conclusion:एक तरफ सरकार किसानो के कर्ज माफी पर आर्थिक संसाधन का रोना गाती है। तो वही दूसरी तरफ सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्रियों के आवास किराया और खर्चा के बकाया राशियों को माफ करने का प्रस्ताव भी पास कर दिया है अब ऐसे में सरकार पर कई सवाल खड़े कर रहे हैं।
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