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सी-प्लेन के चक्कर में डूबी 'मरीना', सरकारी उपेक्षा की हुई शिकार - uttarakhand tourism

प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने 13 जिले 13 डेस्टिनेशन योजना की शुरुआत की थी. जिसमें शामिल टिहरी की मरीना बोट की ओर सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही.

सी-प्लेन के चक्कर में डूबी 'मरीना'
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Published : Jul 3, 2019, 6:04 PM IST

Updated : Jul 3, 2019, 7:38 PM IST

देहरादून: प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार टिहरी झील में सी-प्लेन उतारने जा रही है. इसी क्रम में राज्य सरकार ने 13 जिले 13 डेस्टिनेशन योजना की शुरुआत की थी. जिसमें टिहरी की मरीना को शामिल किया गया था. बावजूद इसके 13 जिले और 13 डेस्टिनेशन योजना में शामिल मरीना की ओर राज्य सरकार ध्यान नहीं दे रही. वहीं, पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि मरीना बोट को सिविलाइज कर जल्द ही रिपेयर कर लिया जाएगा.

सी-प्लेन के चक्कर में डूबी 'मरीना'

बता दें कि राज्य सरकार कि "13 जिले 13 डेस्टिनेशन योजना" की शुरुआत टिहरी की मरीना से ही हुई थी. सरकार का मकसद था कि 13 जिलों में ऐसा डेस्टिनेशन बनाया जाए, जहां ज्यादा से ज्यादा सैलानी पहुंच सकें. जिसके तहत प्रदेश सरकार ने टिहरी झील में करोड़ों की लागत से मरीना बोट को उतारा था और इसी बोट पर कैबिनेट का आयोजन भी किया गया था. लेकिन वर्तमान में यह मरीना बोट झील में डूबने से क्षतिग्रस्त हो गई, लेकिन अभी तक सरकार और पर्यटन विभाग ने इसकी सुध तक नहीं ली है.

पढ़ें: स्टोन क्रेशर को लाइसेंस देने का मामला पहुंचा हाई कोर्ट, सरकार से मांगा गया जवाब

वहीं, इस मसले पर पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि मरीना के क्षतिग्रस्त होने के बाद टिहरी के जिला अधिकारी को जांच के निर्देश दिए गए थे. जिसके रिपोर्ट में सामने आया की टिहरी झील का पानी बरसाती सीजन में 100 मीटर पर आ जाता है. जिसकी वजह से मरीना क्षतिग्रस्त हुई है. दिलीप ने कहा कि मरीना बोट को सिविलाइज किया जाएगा और जल्द ही मरीना के रिपेयर का काम पूरा कर लिया जाएगा.

देहरादून: प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार टिहरी झील में सी-प्लेन उतारने जा रही है. इसी क्रम में राज्य सरकार ने 13 जिले 13 डेस्टिनेशन योजना की शुरुआत की थी. जिसमें टिहरी की मरीना को शामिल किया गया था. बावजूद इसके 13 जिले और 13 डेस्टिनेशन योजना में शामिल मरीना की ओर राज्य सरकार ध्यान नहीं दे रही. वहीं, पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि मरीना बोट को सिविलाइज कर जल्द ही रिपेयर कर लिया जाएगा.

सी-प्लेन के चक्कर में डूबी 'मरीना'

बता दें कि राज्य सरकार कि "13 जिले 13 डेस्टिनेशन योजना" की शुरुआत टिहरी की मरीना से ही हुई थी. सरकार का मकसद था कि 13 जिलों में ऐसा डेस्टिनेशन बनाया जाए, जहां ज्यादा से ज्यादा सैलानी पहुंच सकें. जिसके तहत प्रदेश सरकार ने टिहरी झील में करोड़ों की लागत से मरीना बोट को उतारा था और इसी बोट पर कैबिनेट का आयोजन भी किया गया था. लेकिन वर्तमान में यह मरीना बोट झील में डूबने से क्षतिग्रस्त हो गई, लेकिन अभी तक सरकार और पर्यटन विभाग ने इसकी सुध तक नहीं ली है.

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वहीं, इस मसले पर पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि मरीना के क्षतिग्रस्त होने के बाद टिहरी के जिला अधिकारी को जांच के निर्देश दिए गए थे. जिसके रिपोर्ट में सामने आया की टिहरी झील का पानी बरसाती सीजन में 100 मीटर पर आ जाता है. जिसकी वजह से मरीना क्षतिग्रस्त हुई है. दिलीप ने कहा कि मरीना बोट को सिविलाइज किया जाएगा और जल्द ही मरीना के रिपेयर का काम पूरा कर लिया जाएगा.

Intro:उत्तराखंड सरकार, प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने और टिहरी में आ रहे पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं देने के मकसद से टिहरी झील में सी-प्लेन उतारने जा रही है। तो वहीं दूसरी और राज्य सरकार ने टिहरी झील के समीप करोड़ों रुपए की बनी मरीना को नहीं बचा पाई। ऐसे में जहां एक और राज्य सरकार पर्यटकों को लुभाने के लिए नए-नए तरीके तो अपना रही है लेकिन पुराने पर्यटक स्थलों या व्यवस्थाओं पर ध्यान नहीं दे पा रही है। जिसका जीता जागता उदाहरण टिहरी की मरीना है जिस पर राज्य सरकार का बिल्कुल भी ध्यान नहीं है।



Body:राज्य सरकार कि "13 जिले 13 डेस्टिनेश योजना" की शुरुआत टिहरी की मरीना से हुई थी और इस मरीना को "13 जिले 13 डेस्टिनेशन" में शामिल किया गया था। सरकार का मकसद था कि 13 जिलों में ऐसा डेस्टिनेशन डिवेलप किया जाए, जहां ज्यादा से ज्यादा सैलानी पहुंचे लेकिन सरकार की इस मकसद की शुरुआत हुई टिहरी मरीना पहले ही डूब गई। बावजूद इसके 13 जिले और 13 डेस्टिनेशन योजना में शामिल मरीना की ओर ध्यान नहीं दे पाई।

प्रदेश सरकार ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पिछले साल ही टिहरी झील में करोड़ों की लागत से मरीना बोट को उतारा था। और बकायदा सरकार ने इसी बोट पर कैबिनेट की बैठक भी करवाई थी, लेकिन वर्तमान में यह मरीना बोट झील में डूबने से क्षतिग्रस्त हो गई, लेकिन अभी तक सरकार और पर्यटन विभाग ने सुध तक नहीं लिया। अब सरकार सी-प्लेन को टिहरी झील में सी- प्लेन उतारने की तैयारी कर ली कर रही है। और यह कितना कारगर साबित होगा, ये तो वक्त ही बताएगी।


वही इस मसले पर पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि मरीना के क्षतिग्रस्त होने के बाद टिहरी के जिला अधिकारी को जांच के निर्देश दिए गए थे, और उस रिपोर्ट से बात सामने आयी की टिहरी झील का पानी बरसाती सीजन में सीजन झील का पानी 100 मीटर पर जाता है और 100 मीटर नीचे आता है जिस वजह से मरीना क्षतिग्रस्त हुई है। साथ ही कहा कि आगे मरीना को सिविलाइज किया जाएगा। ताकि मरीना को क्षमता पर लाया जा सके। और जल्दी मरीना के रिपेयर का काम पूरा कर लिया जाएगा।


Conclusion:
Last Updated : Jul 3, 2019, 7:38 PM IST
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