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सुनिए परिंदों की पुकारः गर्मियों में पक्षी हो रहे डिहाइड्रेशन का शिकार, ऐसे बचाएं जान

ईटीवी भारत ने उत्तराखंड वन विभाग में पक्षियों का रेस्क्यू करने वाले शंकर सती से खास बातचीत की. जिसमें हमने गर्मियों के सीजन में पक्षियों को हो रही समस्या और वायरल हो रहे मैसेज को लेकर जानकारी ली. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए शंकर सती ने बताया कि गर्मियों में इंसान और पक्षी दोनों ही डिहाड्रेशन का शिकार हो जाते हैं

सुनिए परिंदों की पुकार.
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Published : May 6, 2019, 8:42 PM IST

देहरादून: गर्मियों में पानी को अमृत के समान माना जाता है. मनुष्य को प्यास लगती है तो वह कहीं भी मांग कर पी लेता है, लेकिन पशु पक्षियों को पानी के लिए भटकना पड़ता है. हालांकि कुछ लोग अपने घर की छतों पर पक्षियों के लिए पीने का पानी जरूर रखते हैं. गर्मी के मौसम को देखते हुए सभी लोगों को पक्षियों के लिए पानी जरूर रखना चाहिए. इसके लिए इन दिनों व्हाट्सएप और सोशल मीडिया पर एक संदेश भी वॉयरल हो रहा है. वॉयरल हो रहे इस मैसेज के पीछे के क्या तथ्य हैं जानने के लिए देखिए हमारी ये खास रिपोर्ट...

सुनिए परिंदों की पुकार.


वायरल हो रहे इस मैसेज को लेकर ईटीवी भारत ने उत्तराखंड वन विभाग में पक्षियों का रेस्क्यू करने वाले शंकर सती से खास बातचीत की. जिसमें हमने गर्मियों के सीजन में पक्षियों को हो रही समस्या और वायरल हो रहे मैसेज को लेकर जानकारी ली. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए शंकर सती ने बताया कि गर्मियों में इंसान और पक्षी दोनों ही डिहाड्रेशन का शिकार हो जाते हैं. उन्होंने बताया कि पानी की कमी के कारण पक्षी कभी उड़ते-उड़ते गिर जाते हैं. ऐसे में हमें पक्षियों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए.


शंकर सती ने बताया कि ऐसे में सभी लोगों को घरों की छतों पर पानी रखना चाहिए. साथ ही अगर कहीं लोगों को पक्षी गिरा हुआ मिले या कहीं फंसा मिले तो उसे सुरक्षित जगह पर ले जाना चाहिए. ऐसी हालात में पक्षी के सिर पर पानी की कुछ बूदें डालनी चाहिए. इससे वे राहत महसूस करेंगे. शंकर सती ने बताया कि अगर ऐसी हालत में कहीं कोई पक्षी पड़ा मिलता है तो उसके बारे में वन विभाग के आपातकालीन नंबर पर फोन कर जानकारी भी दी जा सकती है.


ब्लैक काइट हो रही है डिहाइड्रेशन का शिकार
वन विभाग की रेस्क्यू टीम ने बताया कि इन दिनों सबसे ज्यादा ब्लैक काइट नाम की चील के डिहाड्रेशन होकर गिरने की सबसे ज्यादा सूचनाएं मिल रही हैं. जब ईटीवी भारत की टीम वन विभाग की रेस्क्यू टीम से मिली तब भी उनके पास ब्लैक काइट के कम उम्र के दो बच्चे मौजूद थे. जिन्हें देहरादून के रिहायशी इलाकों से वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू किया था. टीम ने बताया कि ये ब्लैक काइट यानी परिया काइट के बच्चे हैं. रेस्क्यू टीम के सदस्य ने बताया कि ब्लैक काइट के बच्चों की अभी उड़ान ज्यादा मजबूत नहीं हुई है. जिसके कारण अभी इनकी सॉफ्ट फ्लाइट करवाई जा रहा है. कुछ ही दिनों में इन्हें एक बार फिर खुले आसमान के हवाले कर दिया जाएगा.


चाइनीज मांझा बन रहा है पक्षियों के लिए संकट
वन विभाग की टीम ने बताया कि बीते कुछ महीनों में देहरादून जैसे शहर में सबसे ज्यादा पक्षियों में ब्लैक काइट, क्रौ या फिर कबूतरों के गिरने के मामले सामने आये हैं. टीम ने बताया कि पतंग उड़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला चाइनीज मांझा पक्षियों की जान के लिए खतरा बना हुआ है. टीम ने कई बार चाइनीज मांझे में फंसे हुए पक्षियों को भी रेस्क्यू किया है.

बर्डिंग का बढ़ रहा है क्रेज
पिछले कुछ सालों से बर्ड वॉचिंग या फिर बर्डिंग को लेकर लोगों में खासी रुची देखने को मिल रही है. आधुनिक कैमरों में बढ़ती गुणवत्ता के चलते युवाओं में इसके प्रति खासा उत्साह देखने को मिला है. लेकिन इस सबके बीच इस बात को ध्यान रखने की भी जरूरत है कि ये पक्षी केवल आपके शौक और रोमांच का नहीं बल्कि प्रकृति का भी एक जरूरी हिस्सा हैं. जिसको देखते हुए बर्डिंग या बर्ड वॉचिंग से पहले पूरा प्रक्षिशण लेने की जरूरत है.

देहरादून: गर्मियों में पानी को अमृत के समान माना जाता है. मनुष्य को प्यास लगती है तो वह कहीं भी मांग कर पी लेता है, लेकिन पशु पक्षियों को पानी के लिए भटकना पड़ता है. हालांकि कुछ लोग अपने घर की छतों पर पक्षियों के लिए पीने का पानी जरूर रखते हैं. गर्मी के मौसम को देखते हुए सभी लोगों को पक्षियों के लिए पानी जरूर रखना चाहिए. इसके लिए इन दिनों व्हाट्सएप और सोशल मीडिया पर एक संदेश भी वॉयरल हो रहा है. वॉयरल हो रहे इस मैसेज के पीछे के क्या तथ्य हैं जानने के लिए देखिए हमारी ये खास रिपोर्ट...

सुनिए परिंदों की पुकार.


वायरल हो रहे इस मैसेज को लेकर ईटीवी भारत ने उत्तराखंड वन विभाग में पक्षियों का रेस्क्यू करने वाले शंकर सती से खास बातचीत की. जिसमें हमने गर्मियों के सीजन में पक्षियों को हो रही समस्या और वायरल हो रहे मैसेज को लेकर जानकारी ली. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए शंकर सती ने बताया कि गर्मियों में इंसान और पक्षी दोनों ही डिहाड्रेशन का शिकार हो जाते हैं. उन्होंने बताया कि पानी की कमी के कारण पक्षी कभी उड़ते-उड़ते गिर जाते हैं. ऐसे में हमें पक्षियों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए.


शंकर सती ने बताया कि ऐसे में सभी लोगों को घरों की छतों पर पानी रखना चाहिए. साथ ही अगर कहीं लोगों को पक्षी गिरा हुआ मिले या कहीं फंसा मिले तो उसे सुरक्षित जगह पर ले जाना चाहिए. ऐसी हालात में पक्षी के सिर पर पानी की कुछ बूदें डालनी चाहिए. इससे वे राहत महसूस करेंगे. शंकर सती ने बताया कि अगर ऐसी हालत में कहीं कोई पक्षी पड़ा मिलता है तो उसके बारे में वन विभाग के आपातकालीन नंबर पर फोन कर जानकारी भी दी जा सकती है.


ब्लैक काइट हो रही है डिहाइड्रेशन का शिकार
वन विभाग की रेस्क्यू टीम ने बताया कि इन दिनों सबसे ज्यादा ब्लैक काइट नाम की चील के डिहाड्रेशन होकर गिरने की सबसे ज्यादा सूचनाएं मिल रही हैं. जब ईटीवी भारत की टीम वन विभाग की रेस्क्यू टीम से मिली तब भी उनके पास ब्लैक काइट के कम उम्र के दो बच्चे मौजूद थे. जिन्हें देहरादून के रिहायशी इलाकों से वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू किया था. टीम ने बताया कि ये ब्लैक काइट यानी परिया काइट के बच्चे हैं. रेस्क्यू टीम के सदस्य ने बताया कि ब्लैक काइट के बच्चों की अभी उड़ान ज्यादा मजबूत नहीं हुई है. जिसके कारण अभी इनकी सॉफ्ट फ्लाइट करवाई जा रहा है. कुछ ही दिनों में इन्हें एक बार फिर खुले आसमान के हवाले कर दिया जाएगा.


चाइनीज मांझा बन रहा है पक्षियों के लिए संकट
वन विभाग की टीम ने बताया कि बीते कुछ महीनों में देहरादून जैसे शहर में सबसे ज्यादा पक्षियों में ब्लैक काइट, क्रौ या फिर कबूतरों के गिरने के मामले सामने आये हैं. टीम ने बताया कि पतंग उड़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला चाइनीज मांझा पक्षियों की जान के लिए खतरा बना हुआ है. टीम ने कई बार चाइनीज मांझे में फंसे हुए पक्षियों को भी रेस्क्यू किया है.

बर्डिंग का बढ़ रहा है क्रेज
पिछले कुछ सालों से बर्ड वॉचिंग या फिर बर्डिंग को लेकर लोगों में खासी रुची देखने को मिल रही है. आधुनिक कैमरों में बढ़ती गुणवत्ता के चलते युवाओं में इसके प्रति खासा उत्साह देखने को मिला है. लेकिन इस सबके बीच इस बात को ध्यान रखने की भी जरूरत है कि ये पक्षी केवल आपके शौक और रोमांच का नहीं बल्कि प्रकृति का भी एक जरूरी हिस्सा हैं. जिसको देखते हुए बर्डिंग या बर्ड वॉचिंग से पहले पूरा प्रक्षिशण लेने की जरूरत है.

Intro:वट्सअप वाला सही सन्देश, जानिए गर्मियों में पक्षियों की दशा- Special

एंकर- वाट्सअप और शोसल मीडिया पर फैलाए लाने वाली अफवाओं के इस दौर में हम आपको एक एसी खबर से रूबरू करवाने जा रहें जिसके बारे में आपने वाट्सअप पर जरुर पड़ा होगा.. हम बात कर रहें है गर्मियों में पक्षियों को लेकर फैलाए जाने वाले msg की... आपने वट्सअप पर ये तो पड़ा होगा कि गर्मियों में छतों पर पक्षियों के लिए पानी जरुर रखें लेकिन इसके पीछे की सच्चाई क्या है और अगर एसा सही में करना है तो फिर इसके पीछे के तत्थ्य क्या हैं जानने के देखिए हमारी ये स्पेशल रिपोर्ट....





Body:वीओ- दौर गर्मियों का है एसे में सोशल मीडिया पर आपने पक्षियों को लेकर फैलाये जा रहै एक संदेश को जरुर देखा होगा जिसमें घरों की छतों पर पानी रखने की बात कही जाती है। शोसल मीडिया के इस दौर में जहां भ्रामक सूचनाओं की भरमार है एसे में इस सदेंश को भी आप उसी फेक जानकारियों का हिस्सा ना समझें क्योंकि भले ही आपको अधिकृत रुप से इस बारें में कहीं जानकारी ना मिली हो लेकिन Etv भारत आपको रुबरु करवाएगा गर्मियों में पक्षियों पर पड़ने वाले असर से।

उड़ते उड़ते गिर रहे हैं पक्षी-----

उत्तराखंड वन विभाग में पक्षियों कोे रेस्कु करने वाले शकर सति से Etv भारत सवांददाता ने मुलाकात की और जाना कि क्या वाकई में गर्मियों में पक्षियों को समस्या हो रही है और क्या वाकई में हमें घरों पर पानी रखने की जरुरत हैं या फिर ये केवल शोसल मीडिया पर फैलाई जाने वाली भ्रामक जानकारी है तो इसके जवाब में चौकाने वाली जानकारी हमें मिली। वन विभाग की टीम ने बाताया कि आज कल पक्षि उड़ते उड़ते ही डिहाड्रेशन का शिकार हो जाते हैं और वो कहीं भी कभी भी उड़ते उड़ते गिर सकता है। एसे में हमें पक्षियों के प्रति संवेदनशील होने की जरुरत है। ना केवल घरों के ऊपर पानी रखने की जरुरत है ब्लकि अगर कहीं कोई पक्षि गिरा हुआ मिले या फिर कहीं फंसा हुआ मिले तो वहां तमाशा ना लगाते हुए पक्षि को सुरक्षित ठण्डी जगह पर लें जाएं और ज्यादा लोगों को पक्षि के पास ना जाने दें और पक्षी के सर पर पानी की कुछ बूदें डालें इस से वो राहत महसूस करेगा। वन विभाग की रेस्क्यु टीम के सदस्या शंकर सति बताते हैं कि कहीं भी अगर इस तरह से कोई पक्षि गिरा हुआ या फंसा हुआ मिले तो वन विभाग की टीम को सूचित करें या फिर आपातकालीन नम्बर पर इसकी जानकारी दें।

सबसे ज्यादा ब्लैक टाइट हो रही है डिहाईड्रेशन की शिकार---

वन विभाग की रेस्क्यु टीम ने बताया कि इन दिनो सबसे ज्यादा ब्लेक काइट नाम की चील के डिहाड्रेशन होकर गिरने की सबसे ज्यादा सूचनाएं मिल रही है। जब हम वन विभाग की रेस्क्यु टीम से मिले तो उनके पास ब्लेक काइट के कम उम्र के दो बच्चे मौजूद थे जिन्हे देहरादून के रिहायशि इलाके से वन विभाग की टीम ने रेस्क्यु किया था। टीम ने बताया कि ये ब्लेक काईट यानी परिया काइट के बच्चे हैं और अभि इन्होने पहली शर्दी पार की हे और ये मात्र एक वर्ष के हैं जिस वजह से इनकी उड़ान अभि ज्यादा मजबूत नही है और धूप में डिहाड्रेशन की वजह से ये कुछ लोगों को गिरे पड़े मिले थे जिनके द्वारा वन विभाग की टीम को सूचना देने पर उन्हे रेस्क्यु कर अब दूबारा उड़ान के लिए तैयार किया जा रहा है। रेस्क्यु टीम के सदस्य ने बताया कि इन ब्लेक काईट के बच्चों की अभी उड़ान ज्यादा मजुबूत नही हुई है और इनकी सॉप्ट फ्लाइट करवाया जा रहा है और कुछ ही दिनों में इन्हे जंगल में एक बार फिर खुले आसमान के हवाले कर दिया जाएगा।

चाइनीस मांझा बन रहा है पक्षियों के लिए संकट---

टीम ने बाताय कि बीते कुछ महीनों में देहरदून जैसे शहर में सबसे ज्यादा पक्षियों में ज्यादातर ब्लेक काइट, क्रौ या फिर कबूतरों के गिरने या फिर कहीं फसे होने की सूचना मिल रही है। टीम ने बताया कि पतंग उड़ाने के लिए इस्तमाल किया जाने वाला चाइनीज मांझा पक्षियों की जान के लिए खतना बना हुआ है। कई बार चाइनीज मांझे में पक्षि फसे हुए वन विभाग की टीम द्वारा ऊंची ऊंची जगहों से रेस्क्यु किये गये।

बर्डिंग का बढ़ रहा है क्रेज लेकिन बरतें एतिहात---
पिछले कुछ सालों से बर्ड वाचिंग या फिर बर्डिंग को लेकर लोगों में खासा रुची देखने को मिल रही है। आधुनिक कैमरों में बढ़ती गुणवत्ता के चलते युवाओं में इसके प्रति खासा आकृषण देखने को मिल रहा है लेकिन इस सब के बीच इस बात का ध्यान रखने की भी जरुरत है कि ये सवाल केवल आपके शौक और रोमांच का नही ये प्रकृति का भी एक अभिन्न हिस्सा है जिसको देखते हुए बर्डिंग या बर्ड वाचिंग से पहले पूरा प्रक्षिशण की जरुरत है। केवल एक अच्छा कैमरा और कैमरे में कुशलता ही बर्डिंग के लिए प्रर्याप्त नही है बल्कि बर्डिंग को लेकर पूरा प्रोफेशन्ली कुशल होना जरुरी है। आय दिन देखा जाता है कि बर्डिंग के शौक के चलते बिना जानकारी के लोग जंगलों में या फिर किसी विशेष स्थान पर पायी जाने वाले पक्षियों के पास पंहुच जाते हैं लेकिन कुशल प्रशिक्षण के अभाव में आपका शौक इन पक्षियों और आस सास के वातावरण पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। वन विभाग की पक्षि रेक्यु टीम के सदस्य बताते है कि आज के युवा बिना प्रशिक्षण के केवल मंहगे कैमरे को प्राथमिकता देते हुए बर्डिंग के लिए पंहुच जाते हैं जो कि सही नही है। उनके अनुसार बर्डिंग के लिए प्रर्याप्त परक्षिण जरुरी है। बर्डिंग के लिए सबसे महत्वपूर्ण है कि आपकी मौजूदगी का असर पक्षियों को कम से कम होना चाहिए जिसके लिए एक कुशल प्रक्षिशण जरुरी है।

टॉक शंकर सति, पक्षि रेस्क्यु टीम सदस्य वन विभाग




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