ETV Bharat / state

सौर परियोजना से 11 जिलों में होगा 200 मेगा वाट बिजली उत्पादन, सरकार ने स्थानीय लोगों से मांगे आवेदन - ऑनलाइन प्रस्ताव

प्रदेश सरकार सौर ऊर्जा नीति के तहत उत्तराखंड के 11 पहाड़ी जिलों में 200 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना करने जा रही है. जिसके लिए भी प्रदेश के स्थाई निवासियों को मौका दिया जा रहा है. इसके लिए सरकार ने स्थाई निवासियों से 13 फरवरी को ऑनलाइन प्रस्ताव आमंत्रित किये

सौर परियोजना से होगा बिजली उत्पादन
author img

By

Published : Mar 2, 2019, 11:04 PM IST

देहरादून: प्रदेश के हर घर तक बिजली पहुंचाने के मकसद से सरकार वैकल्पिक ऊर्जा आधारित स्रोतों से विद्युत उत्पादन की पहल करने जा रही है. इसके तहत प्रदेश सरकार ने सौर ऊर्जा नीति, पीरूल से विद्युत उत्पादन नीति एवं सूक्ष्म लघु जल विद्युत नीति जारी कर दी है. इन नीतियों से विद्युत उत्पादन के साथ-साथ उत्तराखंड के स्थानीय लोगों को और ज्यादा फायदा मिलेगा.


प्रदेश सरकार सौर ऊर्जा नीति के तहत उत्तराखंड के 11 पहाड़ी जिलों में 200 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना करने जा रही है. जिसके लिए भी प्रदेश के स्थाई निवासियों को मौका दिया जा रहा है. इसके लिए सरकार ने स्थाई निवासियों से 13 फरवरी को ऑनलाइन प्रस्ताव आमंत्रित किये. 15 मार्च प्रस्ताव जमा करने की अंतिम तिथि है. सौर ऊर्जा परियोजना पर करीब 900 करोड़ रुपये का खर्चा आएगा. इसके साथ ही इस परियोजना से स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा.


उत्तराखंड सरकार द्वारा जारी की गई पिरुल नीति से प्रदेश में 5 मेगावाट क्षमता का विद्युत उत्पादन होगा. जिसके प्रस्ताव 14 फरवरी को जारी किया जा चुके हैं. पिरूल से विद्युत उत्पाद नीति के लिए प्रस्ताव जमा करने की अंतिम तिथि 30 मार्च है. इस परियोजना में करीब 50 करोड़ रुपए खर्चा आएगा. इसके साथ ही पर्वतीय क्षेत्र में पाए जाने वाले पिरूल को इक्कट्ठा कर स्थानीय निवासी बेच सकेंगे. जिससे स्थानीय निवासियों की आमदनी भी बढ़ेगी.

undefined


इसके साथ ही जिला पिथौरागढ़ एवं पोखार में लघु जल विद्युत परियोजना के लिए यूजेवीएनएल ने प्रस्ताव आमंत्रित कर लिए गए हैं. लघु जल विद्युत परियोजना के तहत कुल 45.1 मेगा वाट क्षमता की विद्युत प्राप्त होगी. इस योजना को स्थापित करने के लिए करीब 560 करोड़ रुपए का खर्च आएगा. इससे राज्य को निवार्ध विद्युत आपूर्ति के लिए ऊर्जा प्राप्त हो सकेगी.

देहरादून: प्रदेश के हर घर तक बिजली पहुंचाने के मकसद से सरकार वैकल्पिक ऊर्जा आधारित स्रोतों से विद्युत उत्पादन की पहल करने जा रही है. इसके तहत प्रदेश सरकार ने सौर ऊर्जा नीति, पीरूल से विद्युत उत्पादन नीति एवं सूक्ष्म लघु जल विद्युत नीति जारी कर दी है. इन नीतियों से विद्युत उत्पादन के साथ-साथ उत्तराखंड के स्थानीय लोगों को और ज्यादा फायदा मिलेगा.


प्रदेश सरकार सौर ऊर्जा नीति के तहत उत्तराखंड के 11 पहाड़ी जिलों में 200 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना करने जा रही है. जिसके लिए भी प्रदेश के स्थाई निवासियों को मौका दिया जा रहा है. इसके लिए सरकार ने स्थाई निवासियों से 13 फरवरी को ऑनलाइन प्रस्ताव आमंत्रित किये. 15 मार्च प्रस्ताव जमा करने की अंतिम तिथि है. सौर ऊर्जा परियोजना पर करीब 900 करोड़ रुपये का खर्चा आएगा. इसके साथ ही इस परियोजना से स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा.


उत्तराखंड सरकार द्वारा जारी की गई पिरुल नीति से प्रदेश में 5 मेगावाट क्षमता का विद्युत उत्पादन होगा. जिसके प्रस्ताव 14 फरवरी को जारी किया जा चुके हैं. पिरूल से विद्युत उत्पाद नीति के लिए प्रस्ताव जमा करने की अंतिम तिथि 30 मार्च है. इस परियोजना में करीब 50 करोड़ रुपए खर्चा आएगा. इसके साथ ही पर्वतीय क्षेत्र में पाए जाने वाले पिरूल को इक्कट्ठा कर स्थानीय निवासी बेच सकेंगे. जिससे स्थानीय निवासियों की आमदनी भी बढ़ेगी.

undefined


इसके साथ ही जिला पिथौरागढ़ एवं पोखार में लघु जल विद्युत परियोजना के लिए यूजेवीएनएल ने प्रस्ताव आमंत्रित कर लिए गए हैं. लघु जल विद्युत परियोजना के तहत कुल 45.1 मेगा वाट क्षमता की विद्युत प्राप्त होगी. इस योजना को स्थापित करने के लिए करीब 560 करोड़ रुपए का खर्च आएगा. इससे राज्य को निवार्ध विद्युत आपूर्ति के लिए ऊर्जा प्राप्त हो सकेगी.

Intro:उत्तराखंड प्रदेश के हर घर में बिजली पहुंचाने की मकशद से उत्तराखंड सरकार वैकल्पिक ऊर्जा आधारित स्रोतों से विद्युत उत्पादन करने के लिए पहल करने जा रही है। इसके तहत प्रदेश सरकार ने सौर ऊर्जा नीति, पीरूल से विद्युत उत्पादन नीति एवं सूक्ष्म लघु जल विद्युत नीति जारी कर दी है। इन नीतियों से विद्युत उत्पादन के साथ साथ उत्तराखंड के स्थानीय लोगों को और ज्यादा फायदा मिलेगा।

सौर ऊर्जा नीति के तहत उत्तराखंड के 11 पहाड़ी जिलों में 200 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाओ की स्थापना, प्रदेश सरकार उत्तराखंड के स्थाई निवासीयों के माध्यम से कराने जा रही है इसके लिए सरकार ने स्थाई निवासियों से 13 फरवरी को ऑनलाइन प्रस्ताव आमंत्रित किये गए थे। और 15 मार्च तक यह प्रस्ताव जमाकर सकते हैं। हालांकि सौर ऊर्जा परियोजना पर करीब 900 करोड़ रुपये का खर्चा आएगा। साथ ही इस परियोजना से स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा।


Body:इसके साथ ही उत्तराखंड सरकार द्वारा जारी की गई पिरुल से विद्युत उत्पादन नीति के तहत उत्तराखंड राज्य को 5 मेगावाट क्षमता के विद्युत उत्पाद होगा। जिसका प्रस्ताव 14 फरवरी को जारी किया जा चुका है। और इस पिरूल से विद्युत उत्पाद नीति के लिए प्रस्ताव जमा करने की अंतिम तिथि 30 मार्च तक है। इस परियोजना में करीब 50 करोड़ रुपए खर्चा आएगा। इसके साथ ही पर्वती क्षेत्र में पाए जाने वाले पिरूल को इक्कठा कर स्थानीय निवासी बेच सकेंगे। जिससे स्थानीय निवासियों की आमदनी भी बढ़ जाएगी।

इसके साथ ही जिला पिथौरागढ़ एवं पोखार में लघु जल विद्युत परियोजना के लिए यूजेवीएनएल ने प्रस्ताव आमंत्रित कर लिए गए है। लघु जल विद्युत परियोजना के तहत कुल 45.1 मेगा वाट क्षमता की विद्युत प्राप्त होगी। और इस योजना को स्थापित करने के लिए करीब 560 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। और इससे राज्य को निवार्ध विद्युत आपूर्ति के लिए ऊर्जा प्राप्त हो सकेगी।






Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.