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तिरंगे में लिपटे पिता को देख बेटी ने पोछे आंसू और पूरे जोश के साथ किया सैल्यूट तो नम हो गईं सभी की आंखें

शहीद बेटी का ये हाल देखकर हर किसी आंखें नम थीं. बच्चे और शहीद की पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल था. इस मौके पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत समेत कांग्रेस और बीजेपी के कई विधायक भी शहीद को श्रद्धांजलि देने उनके घर पहुंचे थे.

शहीद मोहनलाल रतूड़ी का अंतिम यात्रा.
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Published : Feb 16, 2019, 6:19 PM IST

Updated : Feb 16, 2019, 9:33 PM IST

देहरादूनः पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के एएसआई मोहनलाल रतूड़ी का पार्थिव शव शनिवार सुबह जब उनके घर पहुंचा तो हर कोई गमगीन था. इस दौरान उनकी बहादुर बेटी ने अपने पिता को सैल्यूट किया और एकटक देखती रही. कभी वो पिता की तस्वीर छूती तो कभी उन्हें नमन करती. मासूम गंगा अपने पिता की तस्वीर पर कभी फूल चढ़ाती तो कभी प्यार से उनकी तस्वीर को निहारते हुए फूटफूट कर रोने लगती.

पढ़ें- नैनी- सैनी से बार-बार फ्लाइट रद्द होने से यात्री परेशान, 1500 लोग करा चुके हैं एडवांस बुकिंग

शहीद बेटी का ये हाल देखकर हर किसी आंखें नम थीं. बच्चे और शहीद की पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल था. इस मौके पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत समेत कांग्रेस और बीजेपी के कई विधायक भी शहीद को श्रद्धांजलि देने उनके घर पहुंचे थे.

शहीद मोहन लाल रतूड़ी का पूरा परिवार देहरादून में रहता है. 53 साल के शहीद मोहनलाल रतूड़ी अपने पीछे भरा-पूरा परिवार छोड़ कर गए है. देहरादून में अंतिम दर्शन करने के बाद शहीद के पार्थिव शरीर को हरिद्वार में स्थित श्मशान घाट पर ले जाया गया.

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पढ़ें- लोकसभा चुनाव लड़ने में सक्षम नहीं उत्तराखंड क्रांति दल: दिवाकर भट्ट

हरिद्वार में भी शहीद की अंतिम यात्रा में भारी भीड़ देखने को मिली. इस दौरान लोगों ने जब तक सूरज चांद रहेगा अमर शहीद मोहनलाल का नाम रहेगा के नारे भी लगाए. साथ लोगों ने पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा भी देखने को मिला और उन्होंने पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे भी लगाए. इसके बाद हरिद्वार में स्थित शमशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया.

अंतिम संस्कार के बाद ईटीवी भारत की टीम से शहीद मोहन लाल के छोटे भाई मनमोहन रतूड़ी ने जल्द से जल्द पाकिस्तान को सबक सिखाने की बात कही. शहीद जवान के छोटे भाई मनमोहन रतूड़ी ने कहा कि भाई की शहादत के बाद मन व्यग्र है, लेकिन पाकिस्तान और आतंकवाद के प्रति मन में काफी गुस्सा और रोष है. सरकार से अपील करते हुए शहीद के छोटे भाई ने कहा कि सिर्फ मेरे नहीं बल्कि देश के लाखों लोगों के भाइयों के साथ ऐसा हो रहा है. सरकार को ऐसा कड़ा कदम उठाना चाहिए, जिससे आतंकवाद का खात्मा हो जाए और कोई भी भाई इस तरीके से आतंकवादी हमले में शहीद ना हो.

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बता दें कि गुरुवार को श्रीनगर-जम्मू हाई-वे पर स्थित अवंतिपोरा इलाके में आतंकियों ने सीआरपीएफ के एक काफिले को निशाना बनाया था. इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये. जिसमें से उत्तराखंड के भी जवान शहीद हुए थे. दोनों शहीदों को आज राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया.


देहरादूनः पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के एएसआई मोहनलाल रतूड़ी का पार्थिव शव शनिवार सुबह जब उनके घर पहुंचा तो हर कोई गमगीन था. इस दौरान उनकी बहादुर बेटी ने अपने पिता को सैल्यूट किया और एकटक देखती रही. कभी वो पिता की तस्वीर छूती तो कभी उन्हें नमन करती. मासूम गंगा अपने पिता की तस्वीर पर कभी फूल चढ़ाती तो कभी प्यार से उनकी तस्वीर को निहारते हुए फूटफूट कर रोने लगती.

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शहीद बेटी का ये हाल देखकर हर किसी आंखें नम थीं. बच्चे और शहीद की पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल था. इस मौके पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत समेत कांग्रेस और बीजेपी के कई विधायक भी शहीद को श्रद्धांजलि देने उनके घर पहुंचे थे.

शहीद मोहन लाल रतूड़ी का पूरा परिवार देहरादून में रहता है. 53 साल के शहीद मोहनलाल रतूड़ी अपने पीछे भरा-पूरा परिवार छोड़ कर गए है. देहरादून में अंतिम दर्शन करने के बाद शहीद के पार्थिव शरीर को हरिद्वार में स्थित श्मशान घाट पर ले जाया गया.

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हरिद्वार में भी शहीद की अंतिम यात्रा में भारी भीड़ देखने को मिली. इस दौरान लोगों ने जब तक सूरज चांद रहेगा अमर शहीद मोहनलाल का नाम रहेगा के नारे भी लगाए. साथ लोगों ने पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा भी देखने को मिला और उन्होंने पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे भी लगाए. इसके बाद हरिद्वार में स्थित शमशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया.

अंतिम संस्कार के बाद ईटीवी भारत की टीम से शहीद मोहन लाल के छोटे भाई मनमोहन रतूड़ी ने जल्द से जल्द पाकिस्तान को सबक सिखाने की बात कही. शहीद जवान के छोटे भाई मनमोहन रतूड़ी ने कहा कि भाई की शहादत के बाद मन व्यग्र है, लेकिन पाकिस्तान और आतंकवाद के प्रति मन में काफी गुस्सा और रोष है. सरकार से अपील करते हुए शहीद के छोटे भाई ने कहा कि सिर्फ मेरे नहीं बल्कि देश के लाखों लोगों के भाइयों के साथ ऐसा हो रहा है. सरकार को ऐसा कड़ा कदम उठाना चाहिए, जिससे आतंकवाद का खात्मा हो जाए और कोई भी भाई इस तरीके से आतंकवादी हमले में शहीद ना हो.

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बता दें कि गुरुवार को श्रीनगर-जम्मू हाई-वे पर स्थित अवंतिपोरा इलाके में आतंकियों ने सीआरपीएफ के एक काफिले को निशाना बनाया था. इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये. जिसमें से उत्तराखंड के भी जवान शहीद हुए थे. दोनों शहीदों को आज राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया.


Intro:शहीद वॉक थ्रू 


एंकर पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए उत्तरकाशी के मोहन लाल रतूड़ी का पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ हरिद्वार के खड़ीखड़ी श्मशान घाट में अंतिम संस्कार किया गया। हरिद्वार में शहीद के आखिरी दर्शन के लिए भारी जन सैलाब उमड़ा, चारो तरफ केवल मोहन लाल अमर रहें, जबतक सूरज चांद रहेगा अमर शहीद मोहनलाल का नाम रहेगा के साथ पाकिस्तान मुर्दाबाद जैसे नारे गूंजते नजर आए। शहीद मोहन लाल के अंतिम संस्कार के बाद ईटीवी भारत संवाददाता विवेक पाण्डेय ने बात की शहीद के छोटे भाई मनमोहन रतूड़ी से जिन्होने हमशे बात करते हुए जल्द से जल्द पाकिस्तान को सबक सिखाने की बात कही।


VO 1 - पुलवामा में आतंकी हमले में शहीद हुए जवान मोहन लाल रतूड़ी के छोटे भाई मनमोहन रतूड़ी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि भाई की शहादत के बाद मन व्यग्र है लेकिन साथ ही साथ पाकिस्तान और आतंकवाद के प्रति मन में काफी गुस्सा और रोष है। सरकार से अपील करते हुए शहीद के छोटे भाई ने कहा कि सिर्फ मेरे नहीं बल्कि देश के लाखों लोगों के भाइयों के साथ ऐसा हो रहा है, सरकार को ऐसा कड़ा कदम उठाना चाहिए जिससे आतंकवाद का खात्मा हो जाए, और कोई भी भाई इस तरीके से आतंकवादी हमले में शहीद ना हो। देखा जाए तो कहीं ना कहीं परिवार को गर्व है कि मोहन लाल रतूड़ी ने अपनी शहादत देश के लिए दी है लेकिन साथ ही इस बात की अपील भी की है कि जल्द से जल्द सरकार को इस आतंकवादी हमले का जवाब पाकिस्तान को देना चाहिए।



Body:VO 1 - पुलवामा में आतंकी हमले में शहीद हुए जवान मोहन लाल रतूड़ी के छोटे भाई मनमोहन रतूड़ी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि भाई की शहादत के बाद मन व्यग्र है लेकिन साथ ही साथ पाकिस्तान और आतंकवाद के प्रति मन में काफी गुस्सा और रोष है। सरकार से अपील करते हुए शहीद के छोटे भाई ने कहा कि सिर्फ मेरे नहीं बल्कि देश के लाखों लोगों के भाइयों के साथ ऐसा हो रहा है, सरकार को ऐसा कड़ा कदम उठाना चाहिए जिससे आतंकवाद का खात्मा हो जाए, और कोई भी भाई इस तरीके से आतंकवादी हमले में शहीद ना हो। देखा जाए तो कहीं ना कहीं परिवार को गर्व है कि मोहन लाल रतूड़ी ने अपनी शहादत देश के लिए दी है लेकिन साथ ही इस बात की अपील भी की है कि जल्द से जल्द सरकार को इस आतंकवादी हमले का जवाब पाकिस्तान को देना चाहिए।




Conclusion:नोट- फीड को लाइव ऐप द्वारा भेज दिया गया है
Last Updated : Feb 16, 2019, 9:33 PM IST
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