देहरादूनः पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के एएसआई मोहनलाल रतूड़ी का पार्थिव शव शनिवार सुबह जब उनके घर पहुंचा तो हर कोई गमगीन था. इस दौरान उनकी बहादुर बेटी ने अपने पिता को सैल्यूट किया और एकटक देखती रही. कभी वो पिता की तस्वीर छूती तो कभी उन्हें नमन करती. मासूम गंगा अपने पिता की तस्वीर पर कभी फूल चढ़ाती तो कभी प्यार से उनकी तस्वीर को निहारते हुए फूटफूट कर रोने लगती.
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शहीद बेटी का ये हाल देखकर हर किसी आंखें नम थीं. बच्चे और शहीद की पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल था. इस मौके पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत समेत कांग्रेस और बीजेपी के कई विधायक भी शहीद को श्रद्धांजलि देने उनके घर पहुंचे थे.
शहीद मोहन लाल रतूड़ी का पूरा परिवार देहरादून में रहता है. 53 साल के शहीद मोहनलाल रतूड़ी अपने पीछे भरा-पूरा परिवार छोड़ कर गए है. देहरादून में अंतिम दर्शन करने के बाद शहीद के पार्थिव शरीर को हरिद्वार में स्थित श्मशान घाट पर ले जाया गया.
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हरिद्वार में भी शहीद की अंतिम यात्रा में भारी भीड़ देखने को मिली. इस दौरान लोगों ने जब तक सूरज चांद रहेगा अमर शहीद मोहनलाल का नाम रहेगा के नारे भी लगाए. साथ लोगों ने पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा भी देखने को मिला और उन्होंने पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे भी लगाए. इसके बाद हरिद्वार में स्थित शमशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया.
अंतिम संस्कार के बाद ईटीवी भारत की टीम से शहीद मोहन लाल के छोटे भाई मनमोहन रतूड़ी ने जल्द से जल्द पाकिस्तान को सबक सिखाने की बात कही. शहीद जवान के छोटे भाई मनमोहन रतूड़ी ने कहा कि भाई की शहादत के बाद मन व्यग्र है, लेकिन पाकिस्तान और आतंकवाद के प्रति मन में काफी गुस्सा और रोष है. सरकार से अपील करते हुए शहीद के छोटे भाई ने कहा कि सिर्फ मेरे नहीं बल्कि देश के लाखों लोगों के भाइयों के साथ ऐसा हो रहा है. सरकार को ऐसा कड़ा कदम उठाना चाहिए, जिससे आतंकवाद का खात्मा हो जाए और कोई भी भाई इस तरीके से आतंकवादी हमले में शहीद ना हो.
बता दें कि गुरुवार को श्रीनगर-जम्मू हाई-वे पर स्थित अवंतिपोरा इलाके में आतंकियों ने सीआरपीएफ के एक काफिले को निशाना बनाया था. इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये. जिसमें से उत्तराखंड के भी जवान शहीद हुए थे. दोनों शहीदों को आज राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया.