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कुत्ता काटे तो दून अस्पताल नहीं आना, आए तो पछताओगे - दून अस्पताल

प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल दून मेडिकल कॉलेज में एंटी रेबीज का इंजेक्शन खत्म होने से मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मरीजों को एंटी रेबीज का इंजेक्शन बाहर से महंगे दामों पर खरीदना पड़ रहा है.

दून अस्पताल.
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Published : Mar 13, 2019, 9:45 PM IST

देहरादून: प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल दून मेडिकल कॉलेज में एंटी रेबीज का इंजेक्शन खत्म होने से मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मरीजों को एंटी रेबीज का इंजेक्शन बाहर से महंगे दामों पर खरीदना पड़ रहा है. वहीं इस मामले में दून अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा का कहना है कि इस संबंध में शासन को अवगत कराया जा चुका है. शासन की अनुमति के बाद ही इंजेक्शन खरीदे जा सकेंगे.

दून अस्पताल.

दून मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा ने कहा कि अस्पताल ने एंटी रेबीज इंजेक्शनों की व्यवस्था की थी, जो खत्म हो गए हैं. उन्होंने बताया कि जो कंपनी पहले 177 रुपये में एंटी रेबीज इंजेक्शन उपलब्ध कराती थी अब 341 रुपये मांग रही है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में शासन को अवगत कराया जा चुका है. सरकार अगर अनुमति देगी तो इंजेक्शन मंगा लिए जाएंगे.

पढ़ें:कांग्रेस प्रदेश प्रभारी का दावा- BJP और BSP के कई बड़े नेता जल्द होंगे पार्टी में शामिल

डॉ. केके टम्टा ने बताया कि कोशिश की जा रही है कि कुछ इंजेक्शन पुराने रेट पर मिल जाएं. साथ ही उन्होंने कहा कि टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और इंजेक्शन की कमी जल्द ही दूर की जाएगी.

देहरादून: प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल दून मेडिकल कॉलेज में एंटी रेबीज का इंजेक्शन खत्म होने से मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मरीजों को एंटी रेबीज का इंजेक्शन बाहर से महंगे दामों पर खरीदना पड़ रहा है. वहीं इस मामले में दून अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा का कहना है कि इस संबंध में शासन को अवगत कराया जा चुका है. शासन की अनुमति के बाद ही इंजेक्शन खरीदे जा सकेंगे.

दून अस्पताल.

दून मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा ने कहा कि अस्पताल ने एंटी रेबीज इंजेक्शनों की व्यवस्था की थी, जो खत्म हो गए हैं. उन्होंने बताया कि जो कंपनी पहले 177 रुपये में एंटी रेबीज इंजेक्शन उपलब्ध कराती थी अब 341 रुपये मांग रही है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में शासन को अवगत कराया जा चुका है. सरकार अगर अनुमति देगी तो इंजेक्शन मंगा लिए जाएंगे.

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डॉ. केके टम्टा ने बताया कि कोशिश की जा रही है कि कुछ इंजेक्शन पुराने रेट पर मिल जाएं. साथ ही उन्होंने कहा कि टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और इंजेक्शन की कमी जल्द ही दूर की जाएगी.

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प्रदेश के सबसे बड़े दून मेडिकल कॉलेज में एंटी रेबीज इंजेक्शन का स्टॉक खत्म होने के बाद मरीजों को बाहर से महंगे दामों मे इंजेक्शन खरीदना पड़ रहा है। वहीं शासन-प्रशासन की लेटलतीफी से दून मेडिकल कॉलेज में एन्टी रेबीज़ इंजेक्शनो की खरीद नहीं हो पा रही है, जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। मरीज जब अपनी शिकायत लेकर चिकित्सा अधीक्षक के पास जा रहे हैं तो चिकित्सा अधीक्षक भी इस मामले में अपने आप को लाचार बता रहे हैं।


Body:दून मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर केके टम्टा ने कहा कि अस्पताल ने एंटी रैबीज इंजेक्शनो की व्यवस्था की थी, जो खत्म हो गए हैं। इस संबंध में कंपनियों से निगोशिएशन किया जा रहा है जो कंपनी पहले 177 रुपये में एंटी रेबीज इंजेक्शन उपलब्ध कराती थी अब 341 रुपये मांग रही है, इस संबंध में शासन को अवगत कराया जा चुका है सरकार अगर परमिशन देगी तो इंजेक्शन मंगा लिए जाएंगे कोशिश की जा रही है कि कुछ इंजेक्शन पुराने रेट में मिल जाएं, उन्होंने कहा कि टेंडर प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है और रेट डाले जा चुके हैं। इंजेक्शन की कमी जल्द ही दूर की जाएगी
बाईट- डॉक्टर केके टम्टा ,चिकित्सा अधीक्षक ,दून मेडिकल कॉलेज।
बाइट -सीमा राजपूत,पीड़ित
बाईट-विनोद जोशी, पीड़ित


Conclusion: बता दे कि दून मेडिकल कॉलेज में करीब डेढ़ सौ मरीज प्रतिदिन कुत्ते काटने का इलाज कराने अस्पताल की ओर आ रहे हैं, मगर मगर इंजेक्शन रूम के दरवाजे पर चस्पा इंजेक्शन समाप्त का नोटिस पढ़कर मायूस होना पड़ रहा है, दून अस्पताल में आए दिन स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का अंबार लगा रहता है लेकिन अस्पताल प्रशासन समाधान करने की बजाय संसाधनों का रोना रोता रहता है।
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