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इस बार लोकसभा चुनाव होगा काफी दिलचस्प, भाजपा और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्षों की प्रतिष्ठा दांव पर

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Published : Mar 26, 2019, 11:47 PM IST

आगामी लोकसभा चुनाव में उत्तराखंड की मुख्य पार्टियां बीजेपी और कांग्रेस दोनों के प्रदेश अध्यक्ष प्रत्याशी के रूप में चुनावी अखाड़े में कूद गए हैं. ऐसे में दोनों ही अध्यक्षों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है.

भाजपा और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्षों की प्रतिष्ठा दांव पर

देहरादूनः लोकतंत्र के सबसे बड़े पर्व लोकसभा चुनाव 2019 के लिये सभी पार्टियां दमखम से जुट गईं हैं और तमाम पार्टियों के प्रत्याशियों ने उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों पर अपना नामांकन भर दिया है. हालांकि आगामी लोकसभा चुनाव में उत्तराखंड की मुख्य पार्टियां बीजेपी और कांग्रेस दोनों के प्रदेश अध्यक्ष प्रत्याशी के रूप में चुनावी अखाड़े में कूद गए हैं. ऐसे में दोनों ही अध्यक्षों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव लड़ने से दोनों पार्टियों के संगठन पर कोई असर पड़ता है या नहीं, देखिए इस रिपोर्ट में..
संगठन अध्यक्ष का काम होता है चुनाव लड़ना

अपने संगठन को मजबूत बनाने और प्रत्याशियों के चुनाव लड़ने को लेकर पार्टियां संगठन अध्यक्ष बनाती हैं. चुनाव के दौरान संगठन अध्यक्ष प्रत्याशियों के लिए तमाम रणनीति बनाते हैं, ताकि अपने प्रत्याशियों को भारी बहुमत से जीत दिला सकें, लेकिन जिस तरह से संगठन अध्यक्षों का खुद चुनाव में कूद जाना कहीं ना कहीं संगठन को कमजोर तो जरूर करता है.
संगठन अध्यक्षों की प्रतिष्ठा दांव पर
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट, दोनों ही चुनावी मैदान में प्रत्याशी के रूप में हैं. ऐसे में दोनों ही पार्टियों की प्रतिष्ठा दांव पर लग गयी है. दोनों प्रदेश अध्यक्ष चुनाव जीत पाएंगे.

बीजेपी और कांग्रेस दोनों के प्रदेश अध्यक्ष प्रत्याशी के रूप में चुनावी अखाड़े में हैं.


दोनो दलों के बीच सीधी टक्कर

  • - टिहरी लोकसभा सीट पर भाजपा से सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह आमने-सामने.
  • - नैनीताल लोकसभा सीट पर कांग्रेस के पूर्व सीएम हरीश रावत और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट दोनों के बीच होगी चुनावी जंग.
  • - अल्मोड़ा लोकसभा सीट पर केंद्रीय कपड़ा राज्यमंत्री अजय टम्टा और राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा के बीच होगी टक्कर.
  • - हरिद्वार लोकसभा सीट पर पूर्व सीएम रमेश पोखरियाल निशंक और कांग्रेस प्रत्याशी अमरीश कुमार के बीच होगा मुकाबला.
  • - पौड़ी लोकसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी तीरथ सिंह रावत और कांग्रेस प्रत्याशी मनीष खंडूरी के बीच होगा दिलचस्प मुकाबला.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के चुनाव लड़ने के सवाल पर कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने बताया कि संगठन में सिर्फ एक आदमी नहीं बल्कि तमाम लोग मिलकर काम करते हैं और अगर संगठन का मुखिया प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतरे हैं तो बाकी संगठन संगठित रूप से काम करेगा.

यह भी पढ़ेंः गंगा नदी राफ्टिंग रोटेशन समिति युवाओं को देगी रोजगार, राफ्ट के नाम पर नहीं चलेगी मनमानी


जिन-जिन लोगों को संगठन ने जिम्मेदारी दी है वह अपनी जिम्मेदारी का बखूबी निर्वहन करेंगे. साथ ही कहा कि कांग्रेस पार्टी के संगठन का एक-एक कार्यकर्ता पुरजोर मेहनत और समर्पण भाव से उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीट पर कांग्रेस को जिताने का काम करेगा.

तो वहीं भाजपा संगठन अध्यक्ष के चुनाव लड़ने के सवाल पर भाजपा प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र बिष्ट ने बताया कि भाजपा संगठन के अध्यक्ष चुनाव लड़ रहे हैं, ऐसे में कहीं ना कहीं संगठन की प्रतिष्ठा दांव पर लग जाती है. इसलिए कार्यकर्ता एकजुट होकर काम करते हैं और ये चुनाव हमारे लिए और भी महत्वपूर्ण हो जाता है.

देहरादूनः लोकतंत्र के सबसे बड़े पर्व लोकसभा चुनाव 2019 के लिये सभी पार्टियां दमखम से जुट गईं हैं और तमाम पार्टियों के प्रत्याशियों ने उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों पर अपना नामांकन भर दिया है. हालांकि आगामी लोकसभा चुनाव में उत्तराखंड की मुख्य पार्टियां बीजेपी और कांग्रेस दोनों के प्रदेश अध्यक्ष प्रत्याशी के रूप में चुनावी अखाड़े में कूद गए हैं. ऐसे में दोनों ही अध्यक्षों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव लड़ने से दोनों पार्टियों के संगठन पर कोई असर पड़ता है या नहीं, देखिए इस रिपोर्ट में..
संगठन अध्यक्ष का काम होता है चुनाव लड़ना

अपने संगठन को मजबूत बनाने और प्रत्याशियों के चुनाव लड़ने को लेकर पार्टियां संगठन अध्यक्ष बनाती हैं. चुनाव के दौरान संगठन अध्यक्ष प्रत्याशियों के लिए तमाम रणनीति बनाते हैं, ताकि अपने प्रत्याशियों को भारी बहुमत से जीत दिला सकें, लेकिन जिस तरह से संगठन अध्यक्षों का खुद चुनाव में कूद जाना कहीं ना कहीं संगठन को कमजोर तो जरूर करता है.
संगठन अध्यक्षों की प्रतिष्ठा दांव पर
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट, दोनों ही चुनावी मैदान में प्रत्याशी के रूप में हैं. ऐसे में दोनों ही पार्टियों की प्रतिष्ठा दांव पर लग गयी है. दोनों प्रदेश अध्यक्ष चुनाव जीत पाएंगे.

बीजेपी और कांग्रेस दोनों के प्रदेश अध्यक्ष प्रत्याशी के रूप में चुनावी अखाड़े में हैं.


दोनो दलों के बीच सीधी टक्कर

  • - टिहरी लोकसभा सीट पर भाजपा से सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह आमने-सामने.
  • - नैनीताल लोकसभा सीट पर कांग्रेस के पूर्व सीएम हरीश रावत और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट दोनों के बीच होगी चुनावी जंग.
  • - अल्मोड़ा लोकसभा सीट पर केंद्रीय कपड़ा राज्यमंत्री अजय टम्टा और राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा के बीच होगी टक्कर.
  • - हरिद्वार लोकसभा सीट पर पूर्व सीएम रमेश पोखरियाल निशंक और कांग्रेस प्रत्याशी अमरीश कुमार के बीच होगा मुकाबला.
  • - पौड़ी लोकसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी तीरथ सिंह रावत और कांग्रेस प्रत्याशी मनीष खंडूरी के बीच होगा दिलचस्प मुकाबला.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के चुनाव लड़ने के सवाल पर कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने बताया कि संगठन में सिर्फ एक आदमी नहीं बल्कि तमाम लोग मिलकर काम करते हैं और अगर संगठन का मुखिया प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतरे हैं तो बाकी संगठन संगठित रूप से काम करेगा.

यह भी पढ़ेंः गंगा नदी राफ्टिंग रोटेशन समिति युवाओं को देगी रोजगार, राफ्ट के नाम पर नहीं चलेगी मनमानी


जिन-जिन लोगों को संगठन ने जिम्मेदारी दी है वह अपनी जिम्मेदारी का बखूबी निर्वहन करेंगे. साथ ही कहा कि कांग्रेस पार्टी के संगठन का एक-एक कार्यकर्ता पुरजोर मेहनत और समर्पण भाव से उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीट पर कांग्रेस को जिताने का काम करेगा.

तो वहीं भाजपा संगठन अध्यक्ष के चुनाव लड़ने के सवाल पर भाजपा प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र बिष्ट ने बताया कि भाजपा संगठन के अध्यक्ष चुनाव लड़ रहे हैं, ऐसे में कहीं ना कहीं संगठन की प्रतिष्ठा दांव पर लग जाती है. इसलिए कार्यकर्ता एकजुट होकर काम करते हैं और ये चुनाव हमारे लिए और भी महत्वपूर्ण हो जाता है.

Intro:लोकतंत्र के सबसे बड़े पर्व लोकसभा चुनाव 2019 के लिये सभी पार्टिया दमखम से जुट गई है। और तमाम पार्टियों के प्रत्याशियों ने उत्तराखंड के पांचो लोकसभा सीटों पर अपना नामांकन भर दिया है। हालांकि आगामी लोकसभा चुनाव में उत्तराखंड की मुख्य पार्टिया बीजेपी और कांग्रेस दोनो पार्टियों के प्रदेश अध्यक्ष प्रत्याशी के रूप में चुनावी अखाड़े में कूद गए हैं। ऐसे में दोनों ही अध्यक्षों की प्रतिष्ठा दांव पर लग गयी हैं। और प्रदेश अध्यक्षो के चुनाव लड़ने से दोनों पार्टियों के संगठन पर कोई असर पड़ता है या नही, देखिए इस रिपोर्ट में....


Body:संगठन अध्यक्ष का काम होता है चुनाव लड़ना......

अपने संगठन को मजबूत बनाने और प्रत्याशियो को चुनाव लड़ने को लेकर पार्टिया संगठन अध्यक्ष बनाती हैं। ताकि चुनाव के दरमियां संगठन अध्यक्ष प्रत्याशियो के लिए तमाम रणनीतियां बनाते है। ताकि अपने प्रत्याशियो को भारी बहुमत से जीता सके। लेकिन जिस तरह से संगठन अध्यक्षो का खुद चुनाव में कूद जाना कही ना कही संगठन को कमजोर तो जरूर करती है। हालांकि संगठन में और भी तमाम पदाधिकारी होते है जो चुनाव में काम करते हैं।


संगठन अध्यक्षो की प्रतिष्ठा दांव पर.....

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट, दोनो ही चुनावी मैदान में प्रत्याशी के रूप में उतरे हैं। ऐसे में दोनों ही पार्टियों की प्रतिष्ठा दांव पर लग गयी है। कि दोनो प्रदेश अध्यक्ष चुनाव जीत पाएंगे। या फिर दोनों ही पार्टियों में से एक ही प्रदेश अध्यक्ष चुनाव जीत पायेगा। अब ऐसे में दोनों पार्टियों की प्रतिष्ठा, उनके प्रदेश अध्यक्षो के हाथो मे कि बाकी सीटों पर खड़े प्रत्यशियों को कैसे जीतते है।


दोनो दलों के बीच सीधी टक्कर......

- टिहरी लोकसभा सीट पर भाजपा से सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह आमने-सामने।

- नैनीताल लोकसभा सीट पर कांग्रेस के पूर्व सीएम हरीश रावत और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट दोनों के बीच होगी चुनावी जंग।

- अल्मोड़ा लोकसभा सीट पर केंद्रीय कपड़ा राज्यमंत्री अजय टम्टा और राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा के बीच होगा टक्कर।

- हरिद्वार लोकसभा सीट पर पूर्व सीएम रमेश पोखरियाल निशंक और कांग्रेस प्रत्याशी अमरीष कुमार के बीच होगा टक्कर।

- पौड़ी लोकसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी तीरथ सिंह रावत और कांग्रेस प्रत्याशी महेश खंडूरी के बीच होगा दिलचस्प मुकाबला।


कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के चुनाव लड़ने के सवाल पर कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने बताया कि संगठन में सिर्फ एक आदमी नहीं बल्कि तमाम लोग मिलकर काम करते हैं। और अगर संगठन का मुखिया प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतरे हैं, तो बाकी संगठन संगठित रूप से काम करेगा और जिन जिन लोगों को संगठन ने जिम्मेदारी दी है वह अपनी जिम्मेदारी का बखूबी निर्वहन करेंगे। साथ ही कहा कि कांग्रेस पार्टी के संगठन का एक-एक कार्यकर्ता पुरजोर मेहनत और समर्पण भाव से उत्तराखंड के पांचों लोकसभा सीटों पर कांग्रेस को जिताने का काम करेगा।

बाइट - गरिमा दसौनी (प्रदेश प्रवक्ता, कांग्रेस)

तो वहीं भाजपा संगठन अध्यक्ष के चुनाव लड़ने के सवाल पर भाजपा प्रदेश प्रवक्ता विरेंद्र बिष्ट ने बताया कि भाजपा संगठन के अध्यक्ष चुनाव लड़ रहे हैं ऐसे में कहीं ना कहीं संगठन की प्रतिष्ठा दांव पर लग जाती है। इसलिए कार्यकर्ता एकजुट होकर काम करते हैं और ये चुनाव हमारे लिए और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। संगठन के सभी कार्यकर्ता और पदाधिकारी काम में जुटे हुए हैं। साथ ही कहा कि प्रदेश संगठन के कामकाज के लिए प्रदेश के महामंत्री, प्रदेश उपाध्यक्ष और राज्य के प्रभारी सभी लगातार चुनाव में समन्वय बनाने में लगे हुए हैं और संचालन कमेटी, चुनाव प्रबंधन कमेटी की बैठकें कर रहे हैं। इसलिए संगठन के काम में कोई भी अड़चन या दिक्कत नहीं आयेगी। और भाजपा पांचो सीटों पर चुनाव जीतेगी।

बाइट - वीरेन्द्र बिष्ट (प्रदेश प्रवक्ता, बीजेपी)

पीटीसी - रोहित सोनी


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