देहरादूनः आगामी 7 मई से विश्व प्रसिद्ध चार धाम यात्रा का आगाज होना है. ऐसे में एक तरफ तो इन दिनों पूरी सरकारी मशीनरी चारधाम यात्रा के सफल आयोजन की तैयारियों में जुटी हुई है, वहीं दूसरी तरफ देहरादून आरटीओ विभाग यात्रा शुरू होने से पहले स्टाफ की कमी का रोना रो रहा है.
बता दें कि यात्रा के दौरान सघन चेकिंग अभियान चलाने के लिए आरटीओ की ओर से यात्रा मार्ग के अलग-अलग पड़ावों पर अस्थाई चेक पोस्ट बनाए जाते हैं. इसके तहत भद्रकाली, तपोवन, सोनप्रयाग, जोशीमठ, कुल्हान और मसूरी रोड पर चेक पोस्ट बनाये जाते हैं, लेकिन इस साल यात्रा से पहले स्थिति कुछ यह है कि आरटीओ विभाग के पास स्टाफ की खासी कमी है. जिसका एक प्रमुख कारण विभाग के कई कर्मचारियों का सेवानिवृत्त होना भी है.
आरटीओ दफ्तर में स्टाफ की कमी के बारे में जानकारी देते हुए आरटीओ देहरादून डीसी पठोई ने बताया कि यात्रा काल के दौरान बनाए जाने वाले प्रत्येक अस्थाई चेक पोस्ट में एक शिफ्ट के दौरान एक एनफोर्समेंट अधिकारी, एक क्लेरिकल स्टाफ और चार सिपाही की जरूरत पड़ती है,
लेकिन वर्तमान में स्टाफ की कमी के चलते इस बार यात्रा के दौरान एक कर्मचारी को लगभग 15 घंटे अपनी सेवाएं देनी पड़ेगीं यानी कि सुबह 5:00 बजे से रात के 8:00 तक कर्मचारियों को इन चेक पोस्टों में रहना पड़ेगा.
आरटीओ देहरादून पठोई ने बताया कि अतिरिक्त स्टाफ की मांग को लेकर उन्होंने शासन को एक पत्र लिखा है. जिसमे उन्होंने कुमाऊं मंडल से यात्रा के दौरान कुछ कर्मचारी मुहैया कराने की मांग की है.
बहरहाल चार धाम यात्रा के शुरू होने में अब कुछ ही दिन शेष रह गए हैं. ऐसे में यह वाकई में सोचने का विषय है कि कर्मचारियों की इतनी बड़ी कमी के साथ आरटीओ विभाग कैसे अपनी जिम्मेदारियों को पूरी निष्ठा के साथ निभा पाएगा.
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वहीं दूसरी तरफ सोचने की बात यह भी है कि यदि एक कर्मचारी से प्रतिदिन 15 घंटे कार्य लिया जाता भी है तो आखिर यात्रा काल के 4 महीनों में कर्मचारी प्रतिदिन लगातार 15 घंटे कैसे काम कर सकेंगे.