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अगले 48 घंटों में सूबे में भारी बारिश की चेतावनी, प्रशासन अलर्ट - देहरादून न्यूज

राज्य में अगले 48 घंटों में भारी बारिश हो सकती है. जिसके बाद उत्तराखंड आपदा प्रबंधन और न्यूनीकरण विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को इसकी सूचना देते हुए अलर्ट कर दिया है. सभी जिलों के लिए आपदा प्रबंधन ने गाइड लाइन भी जारी कर दी है.

भारी बारिश की चेतावनी
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Published : Jul 9, 2019, 12:19 AM IST

Updated : Jul 9, 2019, 12:29 AM IST

देहरादूनः उत्तराखंड में मानसून अपने चरम पर है. लिहाजा मौसम विभाग के 24 से 48 घंटों में भारी से भारी बारिश के अलर्ट के बाद शासन-प्रशासन पूरी तरह चौकन्ना नजर आ रहा है. साथ ही किसी भी तरह के आपदा से निपटने के लिए सारी व्यवस्थाओं को मुकम्मल होने का दावा कर रहा है. भारी बारिश के अलर्ट के बाद आपदा विभाग पहले ही गाइड लाइन जारी कर चुका है, जिससे यात्रियों और स्थानीय निवासियों को किसी भी प्रकार की दिक्कतों का सामना ना करना पड़े.

अगले 48 घंटों में सूबे में भारी बारिश की चेतावनी,

उत्तराखंड में मानसून सीजन ने दस्तक दे दी है. बीते सालों के रिकॉर्ड पर गौर किया जाए तो मानसून सीजन में पहाड़ी क्षेत्रों में हर बार आपदा जैसी स्थिति बनती नजर आई है. जिसका मुख्य वजह उत्तराखंड राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थिति है.

इसी वजह से मानसून सीजन के दौरान भूस्खलन, सड़कें टूट जाना, सड़कें बह जाना आदि घटनाएं सामने आती है. लिहाजा इन घटनाओं से यात्रियों और स्थानीय निवासियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में इस बार भी शासन-प्रशासन ने पहले ही पहाड़ी जिलों के तमाम जिलाधिकारी और एसएसपी को निर्देश दिए हैं.

मौसम विभाग ने 8 जुलाई से प्रदेश में 24 से 48 घंटे के भीतर भारी से भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. इसके तहत नैनीताल, चंपावत, टिहरी, पौड़ी, चमोली, देहरादून समेत प्रदेश के अधिकतर इलाकों में बारिश होने की संभावना जताई है.

जिसके बाद उत्तराखंड आपदा प्रबंधन और न्यूनीकरण विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को इसकी सूचना देते हुए अलर्ट कर दिया है. साथ ही प्रदेश के सभी जिलों के लिए आपदा प्रबंधन ने गाइड लाइन भी जारी कर दी है.

मॉनिटरिंग की व्यवस्था

मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने बताया कि प्रदेश के तमाम जिला अधिकारियों और एसएसपी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सड़कें खोलने के लिए मशीनों की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही इस बार मॉनिटरिंग की भी व्यवस्था की गई है. जिससे सड़कों के बाधित होने की सूचना मिलने और उसे सुचारु करने में लगने वाले समय की मॉनिटरिंग भी की जा सके. साथ ही कम से कम समय में सड़कों को खोला जा सके. जिससे यात्रियों को दिक्कतों का सामना ना करना पड़े.

अधिकारियों को जल्द से जल्द रिस्पॉन्स करने के निर्देश

वहीं, मुख्य सचिव उत्पल कुमार ने बताया कि जिन गांवों में भूस्खलन आने की संभावना ज्यादा रहती है. उन क्षेत्रों के जिलाधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही सभी जिलाधिकारियों को किसी भी जगह पर आपदा जैसी स्थिति बनने और इसकी आशंका होने पर तत्काल व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए गए हैं.

साथ ही बताया कि एसडीआरएफ टीम पहले से ही सचेत है. टीम को तत्काल प्रभाव से रिस्पॉन्स देने को कहा गया है. हालांकि सभी लोग चौकन्ना हैं और शासन स्तर पर पूरे प्रयास किये जा रहे हैं कि लोगों को कम से कम असुविधा हो.

देहरादूनः उत्तराखंड में मानसून अपने चरम पर है. लिहाजा मौसम विभाग के 24 से 48 घंटों में भारी से भारी बारिश के अलर्ट के बाद शासन-प्रशासन पूरी तरह चौकन्ना नजर आ रहा है. साथ ही किसी भी तरह के आपदा से निपटने के लिए सारी व्यवस्थाओं को मुकम्मल होने का दावा कर रहा है. भारी बारिश के अलर्ट के बाद आपदा विभाग पहले ही गाइड लाइन जारी कर चुका है, जिससे यात्रियों और स्थानीय निवासियों को किसी भी प्रकार की दिक्कतों का सामना ना करना पड़े.

अगले 48 घंटों में सूबे में भारी बारिश की चेतावनी,

उत्तराखंड में मानसून सीजन ने दस्तक दे दी है. बीते सालों के रिकॉर्ड पर गौर किया जाए तो मानसून सीजन में पहाड़ी क्षेत्रों में हर बार आपदा जैसी स्थिति बनती नजर आई है. जिसका मुख्य वजह उत्तराखंड राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थिति है.

इसी वजह से मानसून सीजन के दौरान भूस्खलन, सड़कें टूट जाना, सड़कें बह जाना आदि घटनाएं सामने आती है. लिहाजा इन घटनाओं से यात्रियों और स्थानीय निवासियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में इस बार भी शासन-प्रशासन ने पहले ही पहाड़ी जिलों के तमाम जिलाधिकारी और एसएसपी को निर्देश दिए हैं.

मौसम विभाग ने 8 जुलाई से प्रदेश में 24 से 48 घंटे के भीतर भारी से भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. इसके तहत नैनीताल, चंपावत, टिहरी, पौड़ी, चमोली, देहरादून समेत प्रदेश के अधिकतर इलाकों में बारिश होने की संभावना जताई है.

जिसके बाद उत्तराखंड आपदा प्रबंधन और न्यूनीकरण विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को इसकी सूचना देते हुए अलर्ट कर दिया है. साथ ही प्रदेश के सभी जिलों के लिए आपदा प्रबंधन ने गाइड लाइन भी जारी कर दी है.

मॉनिटरिंग की व्यवस्था

मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने बताया कि प्रदेश के तमाम जिला अधिकारियों और एसएसपी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सड़कें खोलने के लिए मशीनों की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही इस बार मॉनिटरिंग की भी व्यवस्था की गई है. जिससे सड़कों के बाधित होने की सूचना मिलने और उसे सुचारु करने में लगने वाले समय की मॉनिटरिंग भी की जा सके. साथ ही कम से कम समय में सड़कों को खोला जा सके. जिससे यात्रियों को दिक्कतों का सामना ना करना पड़े.

अधिकारियों को जल्द से जल्द रिस्पॉन्स करने के निर्देश

वहीं, मुख्य सचिव उत्पल कुमार ने बताया कि जिन गांवों में भूस्खलन आने की संभावना ज्यादा रहती है. उन क्षेत्रों के जिलाधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही सभी जिलाधिकारियों को किसी भी जगह पर आपदा जैसी स्थिति बनने और इसकी आशंका होने पर तत्काल व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए गए हैं.

साथ ही बताया कि एसडीआरएफ टीम पहले से ही सचेत है. टीम को तत्काल प्रभाव से रिस्पॉन्स देने को कहा गया है. हालांकि सभी लोग चौकन्ना हैं और शासन स्तर पर पूरे प्रयास किये जा रहे हैं कि लोगों को कम से कम असुविधा हो.

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उत्तराखंड में मॉनसून अपने चरम पर है। लिहाजा मौसम विभाग के 24 से 48 घंटे में भारी से भारी बारिश के अलर्ट के बाद शासन-प्रशासन पूरी तरह चौकन्ना नज़र आ रहा है और किसी भीं तरह के आपदा से निपटने के लिए सारी व्यवस्थाओ को मुकम्मल होने का दवा कर रहा है। और भारी बारिश के अलर्ट के बाद आपदा विभाग पहले ही गाइडलाइन जारी कर चुका है, ताकि यात्रियों और स्थानीय निवासियो को किसी भी प्रकार के दिक्कत का सामना न करना पड़े। 


Body:उत्तराखंड में मानसून सीजन ने दस्तक दे दी है, और अगर पिछले सालो के रिकॉर्ड को उठा कर देखे तो मानसून सीजन में पहाड़ी क्षेत्रो में हर बार आपदा जैसी स्थिति बनती नज़र आयी है। जिसका मुख्य वजह उत्तराखंड राज्य की अपनी विषम  भौगोलिक परिस्थिया है। इसी वजह से मानसून सीजन के दौरान भूस्खलन होना, सड़के टूट जाना, सड़के बह जाना आदि आम बात है। लिहाजा इन घटनाओ से यात्रियों और स्थानीय निवासियो को ज्यादा दिक्कतों का सामना न करना पड़े इसके लिए हर बार की तरह इस बार भी शासन-प्रशासन ने पहले ही पहाड़ी जिलों के तमाम जिलाधिकारी और एसएसपी को निर्देश दिए है। 


मौसम विभाग ने 8 जुलाई से प्रदेश में 24 से 48 घंटें के भीतर भारी से भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। इसके तहत नैनीताल, चंपावत, टिहरी, पौड़ी, चमोली, देहरादून समेत प्रदेश के अधिकतर इलाकों में भारी से भारी बारिश होने की संभावना जतायी है। जिसके बाद उत्तराखंड आपदा प्रबंधन और न्यूनीकरण विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को इसकी सूचना देते हुए अलर्ट कर दिया है। साथ ही प्रदेश के सभी जिलों के लिए आपदा प्रबंधन ने गाइड भी जारी कर दी है। 


मॉनिटरिंग की भी व्यवस्था..............  

किसी भी आपदा से निपटने के लिए व्यवस्थाओ की जानकारी देते हुए मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने बताया कि प्रदेश के तमाम जिला अधिकारियो और एसएसपी  के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सड़के खोलने के लिए मशीनों की व्यवस्था करने के निर्देश दिए है, इसके साथ ही इस बार मॉनिटरिंग की भी व्यवस्था की गयी है ताकि सड़को के बाधित होने की सुचना मिलने और सड़को को खोलने में लगने वाले समय की मॉनिटरिंग भी की जा सके। और कम से कम समय में सड़को को खोला जा सके। ताकि यात्रियों को दिक्कतो का सामना न करना पड़े।  


अधिकारियो को जल्द से जल्द रिस्पॉन्स करने के निर्देश .............

वही मुख्य सचिव उत्पल कुमार ने बताया कि जिन गावो में भूस्खलन आने की सम्भावना ज्यादा रहती है उन क्षेत्रो के जिलाधिकारियो को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए है। साथ ही सभी जिलाधिकारियों को अगर कही आपदा जैसी स्थिति बनती है या फिर कही आपदा जैसी स्थिति बनने की आशंका है तो वहा पर उपयुक्त व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए गए है। साथ ही बताया कि एसडीआरएफ टीम पहले से ही सचेत है और एसडीआरएफ टीम को तत्काल प्रभाव से रिस्पॉन्स देने को कहा गया है। हलाकि सभी लोग चौकन्ना है और शासन स्तर पर पुरे प्रयास किये जा रहे है की लोगो को कम से कम असुविधा हो। 

बाइट - उत्पल कुमार सिंह, मुख्य सचिव, उत्तराखंड



Conclusion:
Last Updated : Jul 9, 2019, 12:29 AM IST
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